अमरिका-तालिबान बातचीत रद्द – राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किए निर्णय का अफगानिस्तान ने किया स्वागत

अमरिका-तालिबान बातचीत रद्द – राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किए निर्णय का अफगानिस्तान ने किया स्वागत

वॉशिंगटन – तालिबान के प्रतिनिधि बातचीत के लिए अमरिका पहुंचने की तैयारी में थे| इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान ने १२ लोगों की हत्या करवाई है और इन में एक अमरिकी सैनिक भी मारा गया है| इसके बाद हमने तालिबान के साथ होनेवाली बातचीत रद्द करने का निर्णय किया है’, यह ऐलान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया है| उनकी इस घोषणा का अफगानिस्तान ने बडे जोरों से स्वागत किया है| अपने सामर्थ्य के भ्रम में रहकर तालिबान ने काफी बडी गलती की है, यह संकेत अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिए है और अगले समय में इसकी गुंज अफगानिस्तान में सुनाई देगी, यह संभावना स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगी है|

अफगानिस्तान, निर्णय का स्वागत, अश्रफ गनी, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प, बातचीत, अमरिका, तालिबानपिछले कुछ दिनों से तालिबान ने अफगानिस्तान में किए हमलों पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने क्रोध व्यक्त किया है| तालिबान को और कितने वर्षों तक संघर्ष करना है? यह सवाल करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इसके आगे तालिबान की हरकतें बर्दाश्त नही होगी, यह संकेत दिए| इस वजह से अमरिका के ‘कैम्प डेव्हिड’ में होनेवाली बैठक रद्द हुई है| इस बैठक के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी और तालिबान के प्रतिनिधि मौजूद रहने की तैयारी में थे| लेकिन, अफगान जनता और अमरिकी सैनिकों की बलि ले रहे तालिबान के साथ बातचीत संभव नही है, यह चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी थी|

‘अफगानिस्तान में हमलें करके हम बातचीत में नियंत्रण रखेंगे, इस भ्रम में तालिबान रह रहा था| लेकिन, ऐसा करके तालिबान ने अपना ही नुकसान किया है’, यह वक्तव्य राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है| अफगानिस्तान ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किए इस ऐलान का स्वागत किया है| ‘अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने के लिए अमरिका ने उचित कदम बढाया है| यह शांति इसके आगे भी बरकरार रहने के लिए अफगान सरकार अमरिका की सहायता करेगी’, यह वादा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने किया|

अमरिका के भूतपूर्व लष्करी अधिकारी और सामरिक विश्‍लेषकों ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के निर्णय का समर्थन किया| तालिबान विश्‍वासघाती और निर्दयी है| इस वजह से अमरिका ने उनसे मित्रता करना खतरनाक ही साबित होता, यह दावा इन विश्‍लेषकों ने किया है| अमरिका ने तालिबान के साथ बातचीत शुरू करने के बाद हमनें अफगानिस्तान का युद्ध जीत लिया है, यह स्वर लगाया था| इस वजह से अगली बातचीत अपनी ही शर्तों पर हो, इसलिए तालिबान ने अफगानिस्तान में हमलें करके अपनी ताकद का प्रदर्शन करना शुरू किया था| तालिबान के पाकिस्तान में मौजूद समर्थक भी अमरिका की हार होने के दावे करके अब अमरिका सुपरपॉवपर नही रही, यह दावे कर रहे थे| साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान में जीत हासिल करने से स्थिति पाकिस्तान के पक्ष में बनी है, इस भ्रम में पाकिस्तान में रहनेवाले तालिबान समर्थक थे|

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