कॅनबेरा/वॉशिंग्टन – ‘वर्तमान स्थिती में चीन अमरिका पर दादागिरी नही कर सकता। अगर वैसी कोशिश हुई तो उसके परिणाम अप्रत्याशित और जबरदस्त झटका देनेवाले होंगे, इसका चीन को अंदाजा है। इसलिए चीन अब अमरिका के मित्रदेशों पर दबाव डालने के प्रयास कर रहा है। चीन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ‘सायकॉलॉजिकल वॉरफेअर’ मतलब मनोवैज्ञानिक जंग का अमल कर रहा है। जरुरुत पडी तो ऑस्ट्रेलिया को सजा देने से चीन पिछे नही हटेगा।’ ऐसा खलबली मचानेवाला इल्जाम ऑस्ट्रेलिया के प्राध्यापक और लेखक क्लाईव्ह हॅमिल्टन ने लगाया है।
प्राध्यापक क्लाईव्ह हॅमिल्टन का ‘सायलेंट इन्व्हॅजन: चायनाज् इन्फ्ल्युअन्स इन ऑस्ट्रेलिया’ नामक किताब हाल ही में प्रकाशित हुई है। ऑस्ट्रेलिया, अमरिका और ब्रिटन में लोकप्रिय हुए इस किताब की सरकारी स्तर पर भी गंभीरता से दखल ली गयी है।
इस किताब में हॅमिल्टन द्वारा चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के नेतृत्त्ववाला चीन ऑस्ट्रलिया में अपनी पहुँच बढाने के लिए योजनाबद्ध रिती से कोशिश कर रहा है, ऐसा इल्जाम लगाया है। ऑस्ट्रेलिया स्थित राजनीतिक दल, गैरसरकारो संगठन, शिक्षणसंस्थांए और उद्योग क्षेत्र को चीन द्वारा बडे पैमाने पर आर्थिक सहायता मिल रही है और उसके बल पर दखलअंदाजी शुरु है, ऐसा हॅमिल्टन ने कहा है।
चीन के इस दखलअंदाजी के मसले पर अमरिकी संसद द्वारा प्राध्यापक हॅमिल्टन को खास निमंत्रण दिया गया था। अमरिकी संसदीय समिती के सामने हॅमिल्टन ने अलग अलग उदाहरण देते हुए चीन के बढती दखलअंदाजी के बारे में जानकारी दी। ‘साऊथ चायना सी’ में ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत को रोकने की कोशिश और चीन के ऑस्ट्रेलिया स्थित राजदूत ने दी चेतावनी के बारे में बताते हुए उन्होंने चीन की बढती दादागिरी के बारे में चेतावनी दी। ऑस्ट्रेलिया अगर चीन को अवकाश प्रदान करती है, तो उसके गंभीर परिणाम ऑस्ट्रेलिया को सहने पडेंग, ऐसे भी हॅमिल्टन ने कहा।
प्राध्यापक हॅमिल्टन की कितातब की चीन द्वारा कडी आलोचना की गयी है। चीन द्वारा इस किताब की संभावना द्वेष से भरा प्रचार और बदनामी का हिस्सा है, ऐसे करते हुए इल्जामों को खारिज कर दिया गया है। चीन स्थित ५० से ज्यादा अभ्यासकों ने ऑस्ट्रेलिया में चीनपर हो रही आलोचना के खिलाफ खुला खत प्रकाशित करते हुए, चीन दखलअंदाजी नही कर रहा है, ऐसा दावा किया।
पर पिछले कुछ सालों मे ऑस्ट्रेलिया में चीन की दखलअंदाजी बढने की घटनांए सामने आ रही है। इस से दोनो देशों के बीच तनाव काफी बढता हुआ नजर आ रहा है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री माल्कम टर्नबूल ने चीन के मसले पर आक्रामक भूमिका ली है। ‘साऊथ चायना सी’, अमरिका के साथ सहयोग जैसे मसलों पर ऑस्ट्रेलिया चीन के सामने नही झुकेगा, ऐसी समझ टर्नबूल ने चीन को दी है।
इसी बीच, अमरिका स्थित एक अभ्यास मंच ने चीन के बारे में प्रकाशित किए रिपोर्ट में, ऑस्ट्रेलिया सरकार को चीन का सैनिकी प्रभुत्त्व रोकना है तो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में अमरिकी युद्धपोत की तैनाती के लिए मंजूरी दे, ऐसी सिफरिश की है।
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