अमेरीका की विमान वाहक युद्धपोत तैवान के खाड़ी में दाखिल हुई तो वह उकसाहट माना जाएगा

अमेरीका की विमान वाहक युद्धपोत तैवान के खाड़ी में दाखिल हुई तो वह उकसाहट माना जाएगा

चीन के विदेश मंत्रालय का इशारा

बीजिंग – तैवान के साथ बढ़ते सहयोग पर चीन ने अमेरीका को फिर एक बार धमकाया है। ‘अमेरीका की विमान वाहक युद्धपोत तैवान के खाड़ी में दाखिल होने से तैवान की स्थिती में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। लेकिन अमेरीका के युद्धपोत की यह घुसपैठी चीन को उकसाने वाली साबित होगी और चीन इस पर कार्रवाई करेगा’, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दी।

विमान वाहक युद्धपोतअमेरीका और तैवान के बीच सैनिकी सहयोग बढ़ने की खबरे पिछले कुछ सप्ताहों से पश्‍चिमी मिडिया में प्रकाशित हो रहीं है। जल्द ही अमेरीका तैवान को विध्वंसक, प्रगत लड़ाकू विमान देनेवाला है। अमेरीका के अधिकारी जल्द ही तैवान का दौरा करेंगे, ऐसा दावा पश्‍चिमी मिडिया ने किया था।

साथही अमेरीका तैवान से सैनिकी सहयोग का महत्त्व रेखांकित करने के लिए जल्दही अपनी विमान वाहक युद्धपोत तैवान की खाड़ी में रवाना करेगा, ऐसी खबरे प्रकाशित हुई थी। सामरीक दृष्टिकोन से महत्त्वपूर्ण समझे जानेवाले तैवान की खाड़ी में अगर अमेरीकी विमान वाहक युद्धपोत दाखिल होती है तो चीन के लिए चेतावनी होगी, ऐसा दावा भी इस खबर में किया गया था। पिछले कई सप्ताहों से तैवान के समुद्री सीमा के नजदीक से चीन की विमान वाहक युद्धपोत, विध्वंसकों के बढ़ती गश्ती को उकसाने के लिए अमेरीका अपनी विमान वाहक युद्धपोत रवाना करनेवाला है, ऐसा अंतरराष्ट्रीय समाचार एजन्सी ने अपनी खबर में कहा था।

चीन के विदेश मंत्रालय की इस पर प्रतिक्रिया आयी है। ‘अमेरीका तैवान का मसला संभालते हुए विशेष सावधानी ले। क्यूंकी अमेरीका के तैवान नीति से चीन से किया हुआ द्वीपक्षीय सहयोग तथा तैवान की शांती और स्थैर्य बाधित नही होंगे, इस बारे में अमेरीका और सावधानता रखे’ ऐसा चुनयिंग ने फटकारा। अमेरीका और चीन के संबंधो में तैवान यह बेहद महत्त्वपूर्ण और संवेदनशील विषय था, ऐसा दावा चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने किया।

चुनयिंग से पहले चीन सेना के ‘अकॅडमी ऑफ मिलीटरी सायन्स’ गुट के उपप्रमुख लेफ्टनंट जनरल हे ली ने सिंगापूर में संपन्न हुई ‘शांग्री-ला’ बैठक में भी अमेरीका और तैवान सहयोग पर नाराजगी जताई थी। ‘तैवान यह चीन का संप्रभू हिस्सा है। तैवान के साथ सहयोग प्रस्थापित करना अथवा तैवान के बारे में चीन को उकसाना सहन नहीं किया जाएगा’, ऐसी धमकी लेफ्टनंट जनरल ली ने दी थी।

वहीं तैवान की खाड़ी में विमान वाहक युद्धपोत को भेजना अमेरीका और तैवान के लिए उचित नहीं होगा, ऐसी आलोचना चीन के फूदान विद्यापीठ में ‘सेंटर फॉर अमेरीकन स्टडिज्’ इस अभ्यास गुट के संचालक वू शिन्बो ने की। ‘अमेरीका तैवान के लिए सहायता का हाथ आगे करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अमेरीका की इन कोशिशों से तैवान पर संकट अवर भी बढ़ेगा। और कुछ देश तैवान से राजनीतिक सहयोग से पिछे हटेंगे’ ऐसी चेतावनी शिन्बो ने दी।

अंतरराष्ट्रीय एजन्सी ने प्रकाशित की खबर पर साथही इस पर चीन ने दी चेतावनी पर अमेरीका ने प्रतिक्रीया नहीं दी। लेकिन जल्द ही तैवान की खाड़ी में अपनी युद्धपोत भेजने के संकेत अमेरीका ने इससे पहले दिए थे।

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