आर्क्टिक में बढ़ती स्पर्धा युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहरेगी रशियन रक्षा मंत्री की चेतावनी

आर्क्टिक में बढ़ती स्पर्धा युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहरेगी रशियन रक्षा मंत्री की चेतावनी

मॉस्को – भौगोलिक स्थान नैसर्गिक साधनसंपत्ति का स्तोत्र और लश्करी तथा सामाजिक हितसंबंधों की वजह से आर्क्टिक क्षेत्र की ओर अनेक देशों का ध्यान केंद्रित हुआ है। आर्क्टिक में स्पर्धा प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इससे युद्ध भड़कने की आशंका निर्माण हुई है, ऐसी चेतावनी रशिया के रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू ने दी है। रशिया की राजधानी में हाल ही में रक्षा विभाग की एक बैठक हुई है और इस बैठक में सर्जेई शोईगू ने रशिया से आर्क्टिक क्षेत्र में प्रगत सुरक्षा यंत्रणा की जांच की जा रही है इस बात की जानकारी भी दी है।

आर्क्टिक, युद्ध, सर्जेई शोईगू, रक्षा मंत्री, तैनाती, WW3, Russia, US, चीनरशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने मार्च महीने में देश को संबोधित करते हुए भाषण में रशियन रक्षा दल के आर्क्टिक में होने वाले सामर्थ्य का विशेष उल्लेख किया था। आर्कटिक में रशिया विज्ञान संशोधन, परिवहन जैसे विविध क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का निर्माण कर रहा है और लश्करी अड्डों का निर्माण एवं प्रगत शस्त्रास्त्र की तैनाती इस पर जोर देने की गवाही दी थी। इस पृष्ठभूमि पर रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू ने आर्क्टिक में रशिया के बढ़ते रक्षा सामर्थ्य का उल्लेख किया है।

आर्क्टिक भाग में सक्रिय होने वाले रशिया के नॉदर्न फ्लीट में हाल ही में एडमिरल गोर्शकोव्ह यह विध्वंसक, इलियामुरोमेट्स यह आइस ब्रेकर शिप के साथ पांच जहाजों का समावेश किया गया है। वर्ष के आखिर तक नॉदर्न फ्लीट में ५ युद्धनौका, पांच सप्लाई शिप, १५ विमान, ६२ रडार स्टेशन एवं मिसाइल रडार कॉम्प्लेक्स शामिल किए जाएंगे। इसकी वजह से आर्कटिक में आधार के अड्डों के ५५ प्रतिशत से अधिक आधुनिकीकरण पूर्ण हुआ होगा, ऐसे शब्दों में रशियन रक्षा मंत्री ने आर्क्टिक में रशिया से शुरू गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया है।

उसी समय आर्क्टिक क्षेत्र का भाग होने वाले अन्य देशों ने भी अपनी गतिविधियों को गति देने का दावा किया है। रशिया के अतिरिक्त चीन, अमरिका, जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने उनके जहाजी बेड़े में आइस ब्रेकर शिप्स का समावेश करने की जानकारी सर्जेई शोईगू ने दी है। रशियन रक्षा मंत्री को अन्य देशों की तैयारी की तरफ ध्यान केंद्रित करते देख अमेरिका ने भी आर्क्टिक में तैयारी की तरफ गंभीरता से देखना शुरू कर देने की बात सामने आ रही है।

आर्क्टिक, युद्ध, सर्जेई शोईगू, रक्षा मंत्री, तैनाती, WW3, Russia, US, चीनअमरिका में हाल ही में मंजूर हुए रक्षा विभाग के बजट में आर्क्टिक क्षेत्र के लिए ६ नए पोलर क्लास आईसब्रेकर्स के तैनाती को मंजूरी दी गई है। इस बजट की मंजूरी के बाद अमरिका के रक्षा विभाग से आर्क्टिक में संभावित धारणा के बारे में एक उच्च स्तरीय परिषद का आयोजन किया गया था। ‘द आर्क्टिक मेरीटाइम सिंपोजियम’ इन दिनों के परिषद में अमरिका के वायु सेना के नॉर्दन कमांड के प्रमुख तथा एक्सप्रेस कमांड के वरिष्ठ अधिकारी जनरल टेरेंस ओशौग्नेसी एवं अलास्का कमांड के प्रमुख जनरल केनेथ विल्स्बाक इनके साथ वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

रशिया के लिए आर्क्टिक यह सामने होने वाली चुनौती है, घर के पीछे होने वाला आंगन नहीं, यह ध्यान में रखना चाहिए। अलास्का की वजह से अमरिका यह भी आर्क्टिक का भाग होने वाला देश है, इसकी वजह से इस भाग में प्रगत अत्याधुनिक रक्षा यंत्रणा की तैनाती करना आवश्यक है, ऐसे शब्दों में जनरल टेरेंस ने आनेवाले समय में अमेरिका से आर्क्टिक में लक्जरी गतिविधियां बढ़ाने के संकेत दिए हैं।

इस वर्ष के शुरुआत में ही चीन ने आर्क्टिक क्षेत्र में संभाव्य धारणाओं का समावेश होनेवाली श्वेतपत्रिका प्रसिद्ध करते हुए पोलर सिल्क रोड़ इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी।

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