वॉशिंग्टन/तियांजिन – अमरिका द्वारा चीन के २०० अरब डॉलर के निर्यात पर दस प्रतिशत टैक्स लगाने के बाद, चीन ने अमरिका के ६० अरब डालर के निर्यात पर टैक्स लगाकर जवाब दिया है| चीन के निर्यात पर टैक्स लगाते वक्त अमरिका ने कड़ी चेतावनी दी थी| चीन ने अमरीका के निर्यात पर इसके आगे निशाना किया तो, चीन द्वारा अमरिका को दिये जानेवाले सभी के सभी ५०० अरब डॉलर निर्यात को निशाना किया जायेगा, ऐसा अमरिका ने सुनवाया था| इसकी परवाह ना करते हुए चीन ने अमरिकी उत्पादनों पर लगाए इस टैक्स की वजह से दोनो देशों के बीच कारोबारी जंग की नयी चिंगारी भडकने की आशंका है|
अमरिका के करीब ६० अरब डालर के निर्यात पर चीन ने पांच से १० प्रतिशत टैक्स लगाया है| इस में कॉफी, शहद और उद्योग क्षेत्र के लिए लगनेवाले रसायनों का समावेश है| इसके आगे चीन अमरिका का एक तरफा टैक्स बढ़ोतरी और बचावात्मक आर्थिक नीती बरदाश्त नहीं करेगी, ऐसा चीनने ऐलान किया है| उसके अलावा मुक्त व्यापार और बहुपक्षीय व्यापार सरल रहे इसके लिये चीन ने अमरिका के साथ बातचीत का भी प्रस्ताव दिया है| लेकिन फिलहाल अमरिका चीन का प्रस्ताव मानने के लिये तैयार नही ऐसा साफ दिख रहा है|
चीन अमरिका को हर साल ५०० अरब डालर की निर्यात कर रहा है| इस राशि का इस्तेमाल करके चीन द्वारा अपने देश का निर्माण शुरू है, ऐसी आलोचना अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने की| अगले समय चीन की यह चालबाजी अमरिका कदापि बरदाश्त नहीं करेगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होने साफ शब्दों में सुनवाया है| जब तक चीन अमरिका को समान कारोबारी अवसर उपलब्ध करके देता नहीं, तबतक चीन की निर्यात को इस प्रकार से निशाना किया जायेगा, ऐसा भी ट्रम्प ने सुनावाया है| इसके साथ चीन अमरिका के मध्यवर्ती चुनाव के साथ प्रभाव ड़ालने के लिये व्यापार का इस्तेमाल करने का गंभीर इल्जाम राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होने लगाया है|
दौरान, अमरिका और चीन में भड़के कारोबारी जंग के जागतिक स्तर पर विपरीत परिणाम पड़ेगे और महत्त्व पूर्ण देशों की अर्थव्यवस्था इससे बाधित होगी, ऐसा डर विश्लेषक जता रहे है| इस वजह से जागतिक मंदी आने की आशंका भी कुछ अर्थतज्ज्ञों ने जतायी है| लेकिन आजतक अमरिका को लूटने वाले चीन की गतिविधियॉं बरदाश्त नहीं की जायेगी, ऐसा कहकर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होने इस व्यापारयुद्ध को चीन का मतलबी निती जिम्मेदार है, ऐसा ठपका लगाया है|
वर्तमान में चीन को अपनी अर्थव्यवस्था स्थिर करने मुश्कील लग रहै है, ऐसी कबुली चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग इन्होन दी| ‘वर्ल्ड इकौनोमिक फोरम’की बैठक में केकियांग इन्होने यह कबुली दी है, लेकिन फिर भी चीन के सरकार जानबूझकर अपने ‘युआन’चलन का अवमूल्यन करता नहीं, ऐसा खुलासा भी किया है|
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