अमरीका, फ्रान्स और तुर्की सीरिया से सेना पिछे ले – आक्रामक बने सीरिया की मॉंग

अमरीका, फ्रान्स और तुर्की सीरिया से सेना पिछे ले – आक्रामक बने सीरिया की मॉंग

संयुक्त राष्ट्र – अमरीका, फ्रान्स और तुर्की इन देशों ने सीरिया में अवैध तरीके से तैनात की हुई अपनी सेना पिछे हटाए, ऐसी मॉंग सीरिया के विदेश मंत्री ‘वालिद अल-मुअलेम’ ने की है। संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में सीरियन विदेश मंत्री ने की ये मॉंग इस देश का रवय्या आक्रामक बनने के आसार दिख रहे है। कुछ दिनों पहले सीरिया पर बार बार हवाई हमले करने वाले इस्रायल को भी कडी चेतावनी दी थी।

अमेरिका, फ्रान्स व तुर्की, माघार, वालिद अल-मुअलेम, दहशतवाद, संघर्ष, world war 3, सिरिया, इस्रायलसीरिया में शुरू संघर्ष आठवे वर्ष में पहुँच चूका है। इस संघर्ष में साडे तीन लाख से अधिक लोगों की जान गई है और बेघर हुए परीवारों की संख्या लाखों पर है। ऐसा होते हुए भी अभी सीरिया की स्थिती बडी मात्रा में काबू में है, ऐसा कहते हुए ‘अल-मुअलेम’ ने दुसरे देशों में रह रहे सीरियन नागरीकों को देश लौटने का आवाहन किया। सीरियन विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि, साथही सीरिया में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष अब अंतिम चरण में पहुँच चूका है जो खत्म होने की स्थिती में है। इसलिए सीरिया में अवैध तरीक से तैनात अमरीका, फ्रान्स और तुर्की की सेना यहॉं से पिछे हटे, ऐसी मॉंग अल-मुअलेम ने की।

अमेरिका, फ्रान्स व तुर्की, माघार, वालिद अल-मुअलेम, दहशतवाद, संघर्ष, world war 3, सिरिया, इस्रायलअमरीका के करीब छह हजार जवान सीरिया में तैनात है। वहीं फ्रान्स के हजार से अधिक जवान सीरिया में तैनात है। वहीं तुर्की ने भी कुर्दों पर कार्रवाई के लिए सीरिया में सेना तैनात करने का दावा किया। साथही अमरीकी सेना सीरिया में कुर्दों को प्रशिक्षण दे रही है। ये सभी विदेशी सेना यहॉं से चलती बने, ऐसी मॉंग करते हुए सीरियन विदेश मंत्री ने इन सैनिकों का यहॉं की तैनाती गैरकानूनी होने की फटकार लगाई। मुअलेम ने आलोचना करते हुए कहा कि, पश्‍चिमी देशों के अपप्रचार से सीरिया की स्थिती और भी डरावनी है, ऐसा प्रतीत होने से सीरियन जनता अपने देश लौटने को तैयार नहीं हो रहीं।

दौरान, अल-मुअलेम ने सीरिया को सहायता करने वाले रशिया की तारीफ करते हुए आभार व्यक्त किया। सीरिया में रशिया की तैनाती सीरियन सरकार की अनुमति से हुई है। इसलिए रशिया द्वारा सीरिया में शुरू कार्रवाई कानूनी होने का दावा दोनों देशों ने किया। साथही रशिया ने सीरिया को अधिकांश तरीके से सहायता करने की नीति अपनाई जिसमें सीरिया के कुछ इलाकों की सुरक्षा रशियन सेना ही कर रहे है, ऐसा दिखाई दे रहा है। इसलिए पिछले कुछ सप्ताहों से सीरिया की भाषा आक्रामक बनी है।

कुछ दिनों पहले सीरिया ने अपने इलाके में बार बार हमले करने वाले इस्रायल को कडी चेतावनी देते हुए इससे आगे सीरिया पर हमले चढ़ाने से पहले दो बार सोचा करे, ऐसा धमकाया था।

सीरिया की इस आक्रामकता के पिछे रशिया का बडा हाथ है। रशिया ने सीरिया में अपनी ‘एस-३००’ ये प्रगत हवाई रक्षा प्रणाली मुहय्या कराई है, जो सीरिया में दाखिल हो चुकी है। इस सिस्टम की तैनाती के बाद इस्रायल के लड़ाकू विमान सहजता से सीरिया पर हमले नहीं कर सकते, ऐसा दावा किया है। सीरिया को ये हवाई रक्षा प्रणाली देकर रशिया ने इस्रायल को चेतावनी दी थी। लेकिन सीरिया में अपनी सेना का विमान गिरने के बाद रशिया इस्रायल के खिलाफ सख्त नीति स्वीकार रहा है। ‘एस-३००’ सिस्टम सीरिया में भेज कर रशिया ने इस्रायल को कडी चेतावनी दी है।

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