ताइवान का साथ दिया, तो अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के विरोध में चीन महासंग्राम छेड़ेगा

- चीन के राजनीतिक अधिकारी ने धमकाया

महासंग्राम, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया

बीजिंग/वॉशिंग्टन/कॅनबेरा – चीन- ताइवान संघर्ष में अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने अगर ताइवान का साथ दिया, तो चीन उनके विरोध में महासंग्राम छेड़ेगा, ऐसी धमकी चीन के पूर्व राजनीतिक अधिकारी ने दी। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने भी ताइवान के मुद्दे पर नहीं चेतावनी दी होकर, ऑस्ट्रेलिया अपने जवानों का क्या करने की तैयारी रखें, ऐसा जताया है। चीन द्वारा आईं ये धमकियाँ ताइवान मुद्दे पर कम्युनिस्ट हुकूमत की बढ़ती आक्रामकता दिखाने वाली साबित होती हैं।

पिछले ही महीने में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ताइवान के विलीनीकरण का मुद्दा उपस्थित किया था। ‘ताइवान की आजादी और विघटनवाद यह चीन को नवचेतना प्राप्त करा देने के मार्ग में सबसे बड़ा रोड़ा है। चीन का एकत्रीकरण वास्तव में उतरनेवाला होकर, वह शांतिपूर्ण मार्ग से करवाना ताइवानी जनता के हित में होगा’, ऐसी चेतावनी चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने दी थी। उसके बाद चीन के प्रसार माध्यम तथा रक्षा बल आक्रामक हुए होकर, लगातार ताइवान को धमकियाँ दीं जा रहीं हैं।

महासंग्राम, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया

‘चीन और ताइवान के विलीनीकरण में रोड़े पैदा करनेवाले असफल ही साबित होनेवाले हैं। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने ताइवान के विलीनीकरण के लिए शुरू की मुहिम में अगर अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने रोड़ा अटकाया, तो उसके बहुत ही बुरे परिणाम हो सकते हैं। चीन और अमरीका के बीच युद्ध भी भड़क सकता है। इस युद्ध पर फिर किसी का भी नियंत्रण नहीं होगा और उसका रूपांतरण महासंग्राम में होगा’, ऐसी धमकी चीन के पूर्व राजनीतिक अधिकारी व्हिक्टर गाओ ने दी। गाओ ये चीन की हुकूमत ने स्थापित किए अभ्यास गुट के प्रमुख होकर, इससे पहले महत्वपूर्ण पदों की ज़िम्मेदारी उन्होंने सँभाली है।

महासंग्राम, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया

गाओ के बाद चीन का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने भी ताइवान के मुद्दे पर धमकाने का सिलसिला जारी रखा है। चीन और ताइवान के संबंधों में अगर ऑस्ट्रेलिया के लष्कर ने दखलअंदाज़ी करने की कोशिश की, तो वे उनके जवानों का त्याग करने की तैयारी रखें, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ के संपादक हु शिजिन ने जताया। ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर डटन ने हाल ही में, अगर ताइवान संघर्ष में अमरीका उतरी, तो ऑस्ट्रेलिया के रक्षाबल भी पीछे नहीं रहेंगे, ऐसा बयान किया था। उस पर शिजिन से आक्रामक प्रतिक्रिया आई है।

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