ताइवान मामले में अमरीका का साथ दिया, तो चीन ऑस्ट्रेलिया पर क्षेपणास्त्र हमले करेगा – चिनी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ की धमकी

ताइवान मामले में अमरीका का साथ दिया, तो चीन ऑस्ट्रेलिया पर क्षेपणास्त्र हमले करेगा – चिनी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ की धमकी

बीजिंग/कॅनबेरा – ताइवान मामले में अगर ऑस्ट्रेलिया ने अमरीका के लष्कर की सहायता की, तो चीन ऑस्ट्रेलिया के अहम लष्करी स्थानों पर क्षेपणास्त्र हमले करेगा, ऐसी धमकी चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है। चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ इस संदर्भ में ठोस योजना बनाकर, ‘नॉन ऑफिशिअल चॅनल्स’ के जरिए ऑस्ट्रेलिया को इसका एहसास करा दें, ऐसी सलाह भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ के संपादक हु शिजिन ने दी। पिछले ही महीने चीन ने ऑस्ट्रेलिया को धमकाते समय, अगर व्यापार युद्ध को रोकना है, तो ताइवान मामले में चीन की नीतियों का समर्थन करो, ऐसा जताया था। उसके बाद फिर एक बार धमकाकर चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर दबाव अधिक ही बढ़ाया है।

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चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत पिछले साल भर में अधिक आक्रमक हुई होकर, अपनी विस्तारवादी नीति पर अमल करने के लिए तेज़ी से कदम उठा रही है। हांगकांग में थोपा गया कानून और साउथ चाइना सी के बारे में किये फैसले तथा बढ़ती लष्करी तैनाती इसकी पुष्टि कर रहे हैं। ताइवान पर कब्जा करना यह इसीका अगला चरण होकर, कम्युनिस्ट पार्टी के नेता तथा लष्करी अधिकारियों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि ताइवान पर हमले की योजना तैयार है। अमरीका में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद ताइवान की सीमा में बढ़ीं हुईं घुसपैठ की घटनाएँ भी चीन के इरादों का एहसास करानेवाली साबित होती हैं। ‘ग्लोबल टाईम्स’ के जरिए ऑस्ट्रेलिया को दी गई धमकी भी उसी का भाग प्रतीत होती है।

हु शिजिन ने शुक्रवार को लिखे एक लेख में, ऑस्ट्रेलियन नेता और अधिकारियों द्वारा ताइवान के संदर्भ में अपनाई जानेवाली भूमिका का उल्लेख किया है। ‘ताइवान के क्षेत्र में अगर संघर्ष भड़का, तो ऑस्ट्रेलिया अमरिकी लष्कर की सहायता करें, ऐसी भूमिका ऑस्ट्रेलिया के कुछ आक्रामक नेता और अधिकारी लगातार प्रस्तुत कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रसारमाध्यम भी उसका समर्थन कर रहे हैं। अगर ऑस्ट्रेलिया ने ताइवान संघर्ष में अमरीका से सहयोग करने के लिए कदम उठायें, तो चीन ऑस्ट्रेलिया को जबरदस्त सबक सिखानेवाली कार्रवाई करें। ऑस्ट्रेलिया के लष्करी स्थान और उनसे जुड़े अहम क्षेत्रों पर लॉन्ग रेंज क्षेपणास्त्रों से हमलें करें’, इन शब्दों में शिजिन ने ऑस्ट्रेलिया को धमकाया है।

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अमरीका से सहयोग करके ताइवान के लिए लष्करी तैनाती करने की और पीपल्स लिबरेशन आर्मी के विरोध में युद्ध छेड़ने की हिम्मत अगर ऑस्ट्रेलियन नेतृत्व ने दिखाई ही, तो उस देश को किस भयानक आपत्ति का मुकाबला करना पड़ेगा, इसका एहसास चीन क्षेपणास्त्र हमलें कराके दिला दें, ऐसा भी ग्लोबल टाइम्स के लेख में जताया गया है। लाँग-रेंज क्षेपणास्त्रों का बड़े पैमाने पर निर्माण करने की क्षमता चीन के पास है, इस पर भी गौर फरमाया गया है।

युद्ध की नगाड़े सुनाई दे रहे हैं, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के अंतर्गत सुरक्षा विभाग के सचिव माईक पेझुलो ने कुछ दिन पहले डटकर कहा था। उनके ये बयान अतिरंजित होने की आलोचना ऑस्ट्रेलिया में कुछ लोगों ने की थी। लेकिन ज़िम्मेदार सामरिक विश्लेषकों ने, पेझुलो की चेतावनी पर गंभीरतापूर्वक गौर फरमाने की आवश्यकता है, यह जताया था। चीन की ताकत और महत्वाकांक्षा इनमें भारी मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। उससे ऑस्ट्रेलिया को होनेवाला खतरा भी उसी अनुपात में बढ़ा है, ऐसा इन विश्लेषकों ने कहा था। ग्लोबल टाइम्स इस चीनी हुकूमत के मुखपत्र के जरिए दी गई धमकी, पेझुलो की चेतावनी सच हो रही होने के संकेत दे रही है। ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, बल्कि अन्य देशों को भी उसे अनदेखा करना संभव नहीं होगा।

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