बीजिंग – झिजियांग प्रांत में लगभग ११ लाख इस्लाम धर्मी लोगों को नजर कैद में रखने वाले चीन के प्रशासन ने इस्लाम में अपने साम्यवादी धारणा के लिए अनुकूल बदलाव करनेवाले कानून को मंजूर किया है। यह ‘इस्लाम का सिनीसायजेशन’ मतलब ‘इस्लाम का चीनीकरण’ होने की बात कहकर चीन के सरकारी वृत्तपत्र ग्लोबल टाइम्स ने इसकी जानकारी दी है। चीन के नेतृत्व और राजनैतिक भूमिका से इस्लाम धर्म के लोगों को एक निष्ठ रहने की शर्त इस कानून में होने की बात ग्लोबल टाइम्स ने की है।
दो दिनों पहले चीन की कम्युनिस्ट प्रशासन के अधिकारी और आठ प्रांतों में इस्लामी संगठनों के पदाधिकारियों में विशेष बैठक हुई है। जिसमें चीन की राजधानी बीजिंग के साथ शांघाई, हुनान, यूनान और किंगहाई इन प्रांतों में इस्लाम धर्म के नेताओं का समावेश था, ऐसी जानकारी चीन के मुखपत्र ने दी है। इस्लाम में चीन के प्रशासन का अर्थात साम्यवादी मूल्यों का समावेश करने की प्राथमिक धारणा पर इस बैठक में एकमत होने की बात ग्लोबल टाइम्स ने कही है।
२०१८ से २०२२ इन ५ वर्षों में कानून को कार्यान्वित करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, ऐसी जानकारी इस चीनी मुखपत्र ने दी है। ३ वर्षों पहले राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने इस्लाम धर्म में चीन को अपेक्षित होने वाले बदलाव के बारे में योजना प्रस्तुत की थी, ऐसी जानकारी बीजिंग स्थित एक इस्लाम धर्मिय संगठन के वरिष्ठ नेता ने दी है।
वैसे करते हुए इस्लाम के मूलभूत तत्वज्ञान अथवा उसपर विश्वास में बदलाव नही होगा, ऐसा दावा यह नेता कर रहे हैं। पर चीन में कम्युनिस्ट प्रशासन को अनुकूल रहेंगे ऐसे बदलाव चीन में इस्लाम धर्मियों के लिए किए जाएंगे, ऐसा खुलासा चाइना इस्लामिक इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष गाओ झाम्फू ने किया है। इस संबंध में किताब जल्द ही चीन सरकार प्रकाशित करेगी, ऐसी जानकारी गाओ ने दी है।
दौरान चीन में लगभग दो करोड़ इस्लाम धर्म के लोग हैं। चीन के प्रशासन ने कम्युनिस्ट विचारधारा का पुरस्कार करके धार्मिक स्वतंत्रता से इंकार करनेवाले इस्लामधर्मियों पर दबाव बनाने की धारणा स्वीकारी है। इसके अनुसार कुछ महीनों पहले चीन के प्रशासन ने झिजिआंग प्रांत में लगभग ११ लाख उघुरवंशीय इस्लाम धर्मियों को कट्टरवाद विरोधी मुहिम के अंतर्गत अलग-अलग शिविर में रखने की जानकारी सामने आई थी। साथ ही चीन में हुईवंशीय इस्लाम धर्मियों पर हुए अत्याचारों की खबरें भी प्रसिद्ध हुई थी। चीन के सत्ताधारी प्रशासन से बीजिंग में खुलेआम मानव अधिकार का उल्लंघन होने का आरोप करके चीन के प्रशासन पर प्रतिबंध जारी करने की मांग अमरिका में की जा रही है।
उसे कुछ ही हफ्ते हो रहे थे कि चीन अपने को अनुकूल बदलाव करके अपने देश की इस्लामधर्मियों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता दिखाई दे रहा है।
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