अमरिकी कृष्णवर्णी लोगों को स्वतंत्र देश की जरूरत – ‘नेशन ऑफ इस्लाम’ के नेता लुईत फराखान ने रखी मांग

अमरिकी कृष्णवर्णी लोगों को स्वतंत्र देश की जरूरत – ‘नेशन ऑफ इस्लाम’ के नेता लुईत फराखान ने रखी मांग

वॉशिंगटन – ‘हा, अमरिका में रह रहे कृष्णवणीय स्वतंत्र देश के लिए कोशिश कर रहे है। पूरी तरह से आजाद देश। ६० के दशक से हमारी यही मांग रही है। हमने अमरिकी समाज में एक होने के दावे कभी भी नही किए है। हम, हमेशा स्वतंत्र देश स्थापन करने का समय आया है, यही कहते आ रहे है। अमरिका में कृष्णवर्णीयों का सामर्थ्य सीर्फ लंच काऊंटर पर एक साथ बैठने के लिए इस्तमाल करना नही है। बल्कि, इस सामर्थ्य पर चार से पांच करोड कृष्णवर्णीय जनता के लिए स्वतंत्र देश स्थापित करने के लिए करना है, इस शब्दों में अमरिका के ‘नेशन ऑफ इस्लाम’ गुट के नेता लुईस फराखान इन्होंने कृष्णवर्णीयों के लिए स्वतंत्र देश करी जरूरत होने की चौकानेवाली मांग रखी।

सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किए एक व्हिडीओ में ‘नेश ऑफ इस्लाम’ के नेता ने स्वतंत्र देश की मांग करने का सामने आया है। यह व्हिडीओ २०१५ में हुए एक कार्यक्रम का होने की जानकारी ‘फॉक्स न्यूज’ इस अमरिका के शीर्ष वृत्तवाहिनी ने दी है। पिछले वर्ष में लुईस फराखान इन्होंने सोशल मीडिया पर ज्यू धर्मियों के विरोध में और साथ ही अमरिका विरोधी बयान करने की बात सामने आयी थी। कुछ महीनों पहले लुईस फराखान एवं उनके सहयोगीयों ने ईरान की भेंट करने की जानकारी भी आगे आ रही है।

नवंबर महीने में ईरान की भेंट के दौरान ‘नेशन ऑफ इस्लाम’ के नेता फराखान इन्होंने एक मुलाकात में अमरिका यह कभी भी जनतंत्र का देश नही था, यह दावा करके ‘डेथ टू अमरिका’ एवं ‘डेथ टू इस्रायल’ ऐसी भडकाऊ नारेबाजी की थी।

सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किए व्हिडीओ में उन्होंने १९३० में गठितहुई ‘नेशन ऑफ इस्लाम’ इस कृष्णवर्णीयों की संगठन का ध्येय स्वतंत्र देश यही था, ऐसा बार बार कहा है। अमरिका में इस गुट के लगभग ५० हजार सदस्य होने का दावा किया जा रहा है और फराखान १९७७ से प्रमुख के तौर पर कार्यरत है।

पिछले कुछ वर्षों में अमरिका में कृष्णवर्णीय लोगों पर हो रहे हमलों को एवं कार्रवाई को बडी मात्रा में प्रसिद्धि प्राप्त हो रही है और ‘ब्लैक लाईव्हज् मॅटर’ यह स्वतंत्र प्रदर्शन भी खडा हुआ है। इन प्रदर्शनों में अमरिकी कृष्णवणीयों का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने में सफलता प्राप्त की है। इस वजह से जागतिक समुदाय से कृष्णवणीयों को प्राप्त हो रहे समर्थन में भी बढोतरी होने की बात सामने आ रही है। इस पृष्ठभुमि पर ‘नेशन ऑफ इस्लाम’ के नेताओं ने स्वतंत्र देश की मांग करना ध्यान आकर्षित करता है।

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