अंकारा – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने उघुरवंशी इस्माम धर्मियों के विरोध में शुरू की हुई कार्रवाई के विरोध में तुर्की ने कडी आलोचना की है। ‘चीन से अल्पसंख्यांकों से हो रहा बर्ताव मानवता पर कालिक लगानेवाला एवं मानवाधिकारों का उल्लंघन करनेवाला है’, ऐसी आलोचना तुर्की की विदेश मंत्रालय ने की है। साथ ही उघुरवंशी इस्लामधर्मियों को चीन में बहुसंख्यांकों में मिलाने के लिए चीन ने अपनाई नीति पर भी तुर्कीने निशाना बनाया है। इसके पहले चीन में उघुरवंशियों पर चीन ने की हुई कार्रवाई पर अमरिका, ऑस्ट्रेलिया ने भी आलोचना की थी। लेकिन, अब उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर सहयोगी देश ने ही चीन को सुनाया है।
‘चीन उघुरवंशियों का दमन करके उन्हें तरिके से कम्युनिस्ट प्रभाव के नीचे लाने की कोशिश कर रहा है। तुर्क भाषा का प्रयोग कर रहे उघुरवंशियों पर चीन की हो रही यह कार्रवाई मानवात की दृष्टी से बडी शरमनाक बात साबित होती है’, ऐसा हमला तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हमी अक्सॉय इन्होंने किया है। चीन ने लक्षावधी उघुरवंशियों को गिरफ्तार करके उन्हें बडी शिविरों में बंद करने की सच्चाई दुनिया से छिपी नही है, ऐसी आलोचना अक्सॉय इन्होंने की। चीन मानवाधिकारों का आदर रखे और उघुरवंशियों पर दबाव बनाने की नीति छोड दे एवं सभी अल्पसंख्यांकों इन अमानवी शिविरों से मुक्त करे, यह मांग अक्सॉय इन्होंने रखी है।
चीन ने उघुरवंशी और तुर्क भाषा बोल रहे अल्पसंख्यांकों को समय पर मुक्त नही किया तो, उसके परीणाम गंभीर होंगे, इसका भी एहसास अक्सॉय इन्होंने कराया है। चीन के वायव्य दिशा में झिंजियांग प्रांत में उघुरवंशियों पर जिनपिंग सरकार के अत्याचार हो रहे है, इसका ज्ञान तुर्की की जनता को है और उसके विरोध में प्रतिक्रिया प्राप्त होने की शुरूआत भी हुई है। चीन ने उघुरवंशियों पर कार्रवाई जारी रखी तो उसकी गुंज तुर्की में भी पड सकती है, यह इशारा भी अक्सॉय इन्होंने दिया है।
पिछले वर्ष चीन ने लाखों उघुरवंशियों को ‘कॉन्सन्ट्रेशन कैम्प’ में बंद करने की जानकारी सामने आयी थी। आतंकविरोधी कार्रवाई के तहेत चीन ने उघुरवंशी युवकों को कब्जे में लिया था। साथ ही अपना धर्म छोडने के लिए भी चीन उघुरवंशियों पर दबाव बना रहा है, यह बात सामने आयी है।
चीन में धार्मिक एवं जातिय अल्यसंख्यांकों पर दबाव बढ रहा है और यह मानवता के विरोध में गंभीर गुनाह होगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी संसदिय समिती ने दी थी। चीन तरिके से उघुरवंशियों की धार्मिक आजादी छिन रहा है और साथ ही अमरिका पर जासूसी करने के लिए उसका इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा आरोप अमरिका ने किया था। चीन ने यह आरोप ठुकराए थे। लेकिन, कुछ ही दिनों में इस कैम्प में एक उघुरवंशी की बलि जाने के बाद चीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर से जोरदार आलोचना होनी शुरू हुई है। उसके बाद चीन को उघुंरवंशियों को बंद करने की बात स्वीकारनी पडी थी। लेकिन, यहां पर किसी भी प्रकार का अन्याय नही हो रहा है, ऐसा चीन का कहना है।
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