नवी दिल्ली/इस्लामाबाद – भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बाद भारत के लष्करी ठिकानों पर हमला करके पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध का ऐलान किया दिखाई दे रहा है| पाकिस्तान के लडाकू विमानों ने भारत के हवाई सीमा में घुसपैठ करके लष्करी ठिकानों को लक्ष्य करने की कोशिश की| लेकिन, भारत के ‘मिग-२१’ विमानों ने पीछा करके पाकिस्तान के विमानों को वापस लौटने पर विवश किया| इस दौरान आसमान में हुई मुठभेड में भारतीय विमानों ने पाकिस्तान का ‘एफ-१६’ विमान गिराया| इसी में भारत ने एक ‘मिग-२१’ विमान गंवाया| पाकिस्तान ने यह गुस्ताखी करके भारत को सरे आम चुनौती दी है| इसके बाद भारत में पाकिस्तान के विरोध में क्रोध की लहर उठी है|
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार इन्होंने वार्ता परिषद को संबोधित करके पाकिस्तान ने किए हवाई हमले की अधिकृत जानकारी दी| भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था| इसमें पाकिस्तान की नागरी या लष्करी नुकसान हुआ नही था| लेकिन, पाकिस्तान ने भारत के लष्करी ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, यह हमला ही साबित होता है, ऐसा रविश कुमार ने डटकर कहा| आज हुई मुठभेड में भारत का ‘मिग-२१ बायसन’ विमान गिरने की जानकारी रविश कुमार इन्होंने दी| इस विमान का पायलट पाकिस्तान के कब्जे में है| इस जख्मी पायलट को पाकिस्तान ने अपने माध्यमों के सामने पेश किया और भारत के विरोध में हमें मिली यह बडी सफलता होने का दावा पाकिस्तान ने किया है| लेकिन, भारतीय पायलट से हो रहा बर्ताव यानी अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होता है, इस पायलट को किसी भी प्रकार की हानी पहुंचाए बिना उसे तुरंत भारत के हवाले करे, यह मांग भारत ने रखी है|
इस हमले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त के सामने कडे शब्दों में निषेध दर्ज किया है| साथ ही पाकिस्तान ने भारत पर किए इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल इनके साथ तिनों रक्षा बलों के प्रमुखों से भेंट की| साथ ही देश के सियासी पक्षों की विशेष बैठक हुई है और सभी दलों ने एक सूर में पाकिस्तान का निषेध किया है| साथ ही वायु सेना ने पिछले दो दिनों से देश की सुरक्षा के लिए की हुई कार्रवाई की भी इस बैठक में सराहना की गई| भारत के हवाई क्षेत्र में घुंसपैठ करके चुनौती देनेवाले पाकिस्तान ने अब शांति की बात करना शुरू किया है|
पाकिस्तानी लष्कर के प्रवक्ता ने एक ही दिन में कई बार अलग अलग बात की है| पाकिस्तान ने अपनी क्षमता सिद्ध करके भारत को जवाब दिया है, ऐसी डिंक उन्होंने की| उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने लडाकू विमानों की कार्रवाई भारत की हानी करने के लिए नही थी, ऐसा कहकर बात संभालने की कोशिस की| साथ ही भारत को शांति की सलाह देकर बातचीत करने के लिए उन्होंने प्रस्ताव भी रखा| ‘युद्ध शुरू करना आसान होता है, लेकिन उसका अंत कैसा होगा यह किसी के हाथ में नही रह सकता’, ऐसी चेतावनी का स्वर भी इम्रान खान इन्होंने दिखाया| साथ ही दोनों देश संहारक हथियार रखते है, इसकी याद भी इम्रान खान इन्होंने दिलाई|
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत को शांति का प्रस्ताव दे रहे थे तभी जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने मंगलवार से जोरदार हमले शुरू किए है| गोलाबारी और मॉर्टर्स का हमला कर रहे पाकिस्तान के लष्कर ने इम दौरान टैंक से भी गोले दागने की बात स्पष्ट हो रही है| भारतीय सेना ने की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी लष्कर की कई पोस्ट ध्वस्त हुई है| नियंत्रण रेखा पर संघर्ष जारी रखकर पाकिस्तान कर रहा शांति की भाषा यानी मजाक है, ऐसा भारतीय विश्लेषकों का कहना है| बुधवार के दिन भारत ने पाकिस्तान के हवाई हमले के बारे में ज्यादा बोलने से दूर रहने का कदम उठाया है| फिर भी, भारत के नेता सूचक शब्दों में संदेशा दे रहे है| अमरिका ने पाकिस्तान के अबोताबाद में घुंसकर जैसे लष्करी कार्रवाई की थी, वैसी ही कार्रवाई करने की क्षमता भारत रखता है, ऐसा केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली इन्होंने कहा है| पाकिस्तान के साथ संघर्ष होते हुए केंद्रीय अर्थमंत्री ने किया यह वक्तव्य भारत के आक्रामक नीति की गवाही दे रहा है|
इस दौरान, पुलवामा में हुए आतंकी हमले में ‘जैश’ का हाथ होने के पुख्ता सबुत पाकिस्तान ने भारत से मांगे थे| इसके नुसार बुधवार के दिन भारत ने यह सबुत पाकिस्तान को सौंप दिए है| पाकिस्तान के उच्चायुक्त के हाथों में भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन सबुतों के ‘डॉसिअर’ रखे है| इन सबुतों के आधार पर पाकिस्तान तुरंत और भरोसेमंद कार्रवाई करे, ऐसी आशा विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की है| साथ ही वर्तमान में चीन में हो रही रशिया-भारत-चीन की त्रिसदस्सीय चर्चा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन्होंने यह मुद्दा उपस्थित किया| पाकिस्तान ने ‘जैश’ को दी हुई सुरक्षा और सहायता की वजह से ही ‘पुलवामा’ में यह हमला करना इस आतंकी संगठन को मुमकिन हुआ, इस ओर स्वराज इन्होंने ध्यान आकर्षित किया| ‘जैश’ पर कार्रवाई करने की अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी पाकिस्तान ने निभाई नही है, इसके बजाए इस बारे में लगातार हो रही मांग पाकिस्तान नजरअंदाज करता रहा है| इसीलिए भारत को ‘बालाकोट’ में हमला करना पडा, ऐसा कहकर विदेश मंत्री स्वराज इन्होंने इस हमले का समर्थन किया|
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