यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए जेद्दा में आयोजित बैठक का यूक्रेन ने किया स्वागत और रशिया ने की कड़ी आलोचना

मास्को – पिछले १७ महीनों से शुरू यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए सौदी अरब के जेद्दा शहर में ४० देशों की बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक को रशिया ने पश्चिमियों की रशिया विरोधी कोशिश को मिली बड़ी नाकामयाबी बताया है। इस बैठक के लिए रशिया को आमंत्रित नहीं किया गया था। इस वजह से रशिया की सामने आयी इसी प्रतिक्रिया की उम्मीद थी। लेकिन, यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर पहले आयोजित हुई बैठक में शामिल होने से दूर रहे चीन का जेद्दा की बैठक में शामिल हुआ था और यह ध्यान आकर्षित करता है, ऐसा विश्लेषक कह रहे हैं।

जेद्दा

अमरीका, यूरोपिय देश, चीन और भारत भी इस बैठक में उपस्थित रहने से जेद्दा बैठक से यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए ज़रूरी पुख्ता प्रावधान होने की उम्मीद थी। लेकिन, इस बैठक में रशिया ने अनुपस्थित रहना इस बैठक की मर्यादा स्पष्ट करती है। यूक्रेन ने यह युद्ध रोकने के लिए पहले रशिया हमारे देश से सैन्य हटाएं, ऐसी मांग रखी। इसे बैठक में समर्थन प्राप्त हुआ। इससे यूक्रेन से इस बैठक पर प्रतिक्रिया दर्ज़ करते हुए संतोष व्यक्त किया जा रहा है।

यह बैठक काफी हद तक सफल होने का दावा यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने किया। लेकिन, रशिया ने इस बैठक पर तीखी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। बैठक के बाद रशिया के उप-विदेश मंत्री सर्जेई रिब्कोव ने इस बैठक की आलोचना करते हुए इसे पश्चिमियों की नई कोशिश को मिली बड़ी नाकामयाबी बताया है। ग्लोबल साउथ के देशों को रशिया के खिलाफ उकसाने के लिए इस बैठक का आयोजन होने का आरोप उप-विदेश मंत्री रिब्कोव ने लगाया।

इसी बीच, इस बैठक से ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ है, फिर भी इस बैठक में चीन का उपस्थित रहना ध्यान आकर्षित कर रहा है। इससे पहले यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए आयोजित बैठक में उपस्थित रहने से दूर रहे चीन ने रशिया का जोरदार समर्थन किया था। लेकिन, जेद्दा बैठक में चीन शामिल हुआ। यह ध्यान आकर्षित कर रहा है। चीन की मौजूदगी के कारण इस बैठक की सफल-असफलता पर असर नहीं हुआ है, फिर भी चीन-रशिया सहयोग में दरार निर्माण होने के आसार इससे दिखाई देने लगे हैं। आगे के समय में यह मुद्दा अहम साबित होगा, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

पिछले कुछ दिनों से कुछ मुद्दों पर रशिया और चीन के बीच मतभेद होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। जेद्दा बैठक में चीन का मौजूद रहना उसी मतभेदों का नतीजा होने के संकेत विश्लेषक दे रहे हैं। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही चीन ने रशिया का पक्ष उठाता दिखाई दिया था। रशिया की ईंधन निर्यात पर पश्चिमियों ने प्रतिबंध लगाने के बाद चीन और भारत ने रशिया से भारी मात्रा में ईंधन खरीद की। साथ ही चीन द्वारा रशिया को बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य ज़रूरी सामान की आपूर्ति होने की बात सामने आयी थी। लेकिन, अमरीका ने चीन पर दबाव बनाकर रशिया विरोधी भूमिका अपनाने के लिए तैयार किया है, ऐसे दावे कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने किए थे। इसका असर जेद्दा बैठक में चीन की मौजुदगी से सामने आने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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