मास्को – जागतिक इंटरनेट से जुडे संबंध पूरी तरह से तोडकर स्वतंत्र ‘रशियन इंटरनेट’ का निर्माण करने की अनुमति देनेवाले कानून के प्रस्ताव पर राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने हस्ताक्षर किए है। ‘डिजिटल’ रशिया की सायबर सुरक्षा के नजरिए से यह बात जरूरी होने का दावा रशियन संसद ने वर्णित कानून का मंजूरी देते समय किया था। इस वजह से रशियन जनता अधिक सुरक्षित तरी के से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेगी, यह दावा रशियन सरकार कर रही है। लेकिन, मानवाधिकार गुट और स्वयंसेवी संस्थाओं ने यह इंटरनेट पर पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण बनाने की कोशिश है, यह आलोचना की है।
रशिया की १४ करोड जनता में से करीबन ७८ प्रतिशत नागरिकों तक इंटरनेट पहुंचा है, यह समझा जा रहा है। दुनिया की जनसंख्या की तुलना में इंटरनेट का प्रसार होनेवाले देशों में रशिया उपरी स्थान पर है। वर्ष २०१२ तक रशिया में इंटरनेट पर ज्यादा प्रतिबंध नही थे, इस कारण रशिया में इंटरनेट का प्रसार तेजीसे हो सका है, यह कहा जा रहा है। लेकिन, इसके बाद रशियन हुकूमत ने धीरे धीरे इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया और नया कानून इसमें से अंतिम स्तर होने की बात मानी जा रही है।
पिछले वर्ष अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने सायबर नीति घोषित करते समय रशिया से हो रहे सायबर हमलों का जिक्र किया था। अमरिका की संवेदनशील यंत्रणाओं पर हो रहे हमलें देश पर हुआ हमला समझा जाएगा और इसे प्रत्युत्तर देने के लिए ‘सायबरवेपन्स’ विकसित करने का इशारा भी इस दौरान दिया गया था। इस का जिक्र करके रशिया का इंटरनेट नेटवर्क सुरक्षित रखने के लिए स्वतंत्र व्यवस्था हो, यह मांग रशियन सांसदों ने की थी।
इस का संज्ञान लेकर ‘रशिया सॉव्हरिन इंटरनेट’ कानून तैयार किया गया है। इसमें रशिया में इंटरनेट सेवा देनेवाली कंपनीयों को नए ‘राउटिंग एवं फिल्टरिंग’ तकनीक का स्वीकार करना होगा। उसके बाद इंटरनेट पर प्रसिद्ध होनेवाली जानकारी दिखाई जाए या नही, इस का नियंत्रण पूरी तरह से देश की नियंत्र यंत्रणा के हाथ रहेगी। इसके लिए नवंबर महीने तक का समय दिया गया है। रशिया की इंटरनेट नियंत्रक उपक्रम पर देश में आनेवाली और देश से बाहर जानेवाली जानकारी की जिम्मेदारी रहेगी।
यह व्यवस्था सक्रिया होने के बाद अगले दो वर्षों में रशियन कंपनीयां पूरी तरह से स्वतंत्र इंटरनेट विकसित करेगी। इसके लिए स्वतंत्र ‘नैशनल डोमेन सिस्टिम’ तैयार करने का काम शुरू होने की बात कही जा रही है। यदि, रशिया ‘स्वदेशी डोमेन सिस्टिम’ विकसित करने में सफल होती है तो दुनिया में अन्य जगहों की तुलना में स्वतंत्र इंटरनेट रखनेवाला रशिया पहला देश साबित होगा। इसके लिए करोडों डॉलर्स निवेश की जरूरत है और वर्तमान में सरकार ही इसके लिए नीधि उपलब्ध कर रही है।
रशिया का यह स्वतंत्र इंटरनेट यानी फिलहाल शुरू इंटरनेट के व्यवहारों पर कडे प्रतिबंध लगाने की कोशिश है, यह आलोचना भी स्वयंसेवी गुटों से की जा रही है। इस मुद्दे पर रशिया में प्रदर्शन भी हो रहे है, फिर भी इस ओर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इन्होंने पूरी तरह से अनदेखी की है। रशिया में हो रहा स्वतंत्र इंटरनेट का प्रयोग सफल हुआ तो चीन की तरह दुनिया के अन्य देश भी इसी तरह कदम उठा सकते है, यह डर विश्लेषक व्यक्त कर रहे है।
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |