सौदी की ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलें ईरान ने ही किए – ब्रिटेन समेत फ्रान्स और जर्मनी का आरोप

सौदी की ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलें ईरान ने ही किए – ब्रिटेन समेत फ्रान्स और जर्मनी का आरोप

संयुक्त राष्ट्र – ‘सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के लिए ईरान ही जिम्मेदार होने की बात स्पष्ट हुई है| इन हमलों की जांच में ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी का पूरा समर्थन रहेगा’, यह ऐलान भी इन तीनों यूरोपिय देशों ने संयुक्त निवेदन जारी करके किया है| साथ ही ईरान अपने परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम के विषय पर नए से बातचीत शुरू करें, यह सूचना भी इन तीनों देशों ने की है| इससे पहले ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते का समर्थन करनेवाले ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी इन देशों ने सौदी पर हुए हमलों के लिए ईरान ही जिम्मेदार होने की बात कहकर अपनी भूमिका में बडा बदलाव होने के संकेत दिए है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन, जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल और फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन की विशेष बैठक हुई| इस बैठक के बाद जॉन्सन, मर्केल और मैक्रॉन ने प्रसिद्ध किए संयुक्त निवेदन में ईरान पर आलोचना की| सौदी के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के लिए ईरान ही जिम्मेदार होने की बात स्पष्ट हुई है| इस विषय पर ईरान ने किसी भी प्रकार की चालाखी दिखाई तो बर्दाश्त नही करेंगे, यह कहकर ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने ईरान को फटकार लगाई है|

‘खाडी क्षेत्र की स्थिरता, सुरक्षा और शांति संबंधी ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी की भूमिका समान है| खाडी क्षेत्र में तनाव ना बनें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति एवं सुरक्षा की पृष्ठभूमि पर ईरान नए से बातचीत में शामिल हो’, यह निवेनद इन देशों ने किया है| ‘ईरान आगे से किसी भी प्रकार के विस्फोटक गतिविधियों में शामिल होने से दूर रहे| अपने परमाणु, मिसाइल एवं क्षेत्रिय तनाव के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए ईरान ने पहल करने का यही सही समय है’, इसका एहसास तीनों यूरोपिय देशों ने ईरान को करवाया है|

लेकिन, ईरान ने सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हमलें करने संबंधी किए गए आरोप ठुकराए है| साथ ही पश्‍चिमी देशों के साथ परमाणु समझौते के विषय पर किसी भी नई बातचीत में शामिल नही होंगे, यह बात भी ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ ने स्पष्ट की है| वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते में किए वादों का पालन करने में यूरोपिय देश नाकाम हुए है, यह आरोप झरिफ ने राष्ट्रसंघ की बैठक से पहले एक समाचार चैनल से बात करते समय किया| साथ ही चार वर्ष पहले हुए परमाणु समझौते का भंग करके ईरान ने सेंट्रिफ्युजेस और संवर्धित यूरेनियम के निर्माण की मात्रा बढाई है|

इस दौरान ईरान के मुद्दे का राजनयिक स्तर पर हल निकालने के लिए अमरिका उत्सुक है और ईरान ही युद्ध करने के लिए पहल कर रहा है, यह आरोप अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने किया है| ईरान के सियासी नेता एवं लष्करी अधिकारी भी अमरिका, सौदी एवं मित्रदेशों को लगातार युद्ध की धमकियां दे रहे है|

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