वॉशिंगटन – ‘अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों के बाद भी ईरान ने आतंकियों को पैसा प्रदान करना बंद नही किया है| अभी भी ईरान हर वर्ष आतंकियों को एक अरब डॉलर्स प्रदान कर रहा है’, ऐसा यह आरोप अमरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी रपट में किया है| लेबनान, इराक, येमन और गाजापट्टी की आतंकी संगठनों की ईरान सहायता कर रहा है, यह बात इस रपट में है| वही, अफगानिस्तान और सीरिया के अल कायदा की हरकतों के लिए भी ईरान की ही सहायता प्राप्त हो रही है, यह आरोप भी इस रपट में है|
अमरिकी विदेश मंत्रालय ने दो दिन पहले ‘द कंट्री रिपोर्टस् ऑन टेररिझम २०१८’ यह रपट प्रसिद्ध किया| विदेश मंत्रालय के आतंकवाद विरोधी विभाग के उपमंत्री नैथन सेल्स ने इससे जुडी जानकारी प्रदान करके, ईरान ही आतंकवाद का सबसे बडा समर्थक एवं सहायक देश होने का आरोप किया| खाडी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढाने के लिए ईरान ने हिजबुल्लाह, हमास, इस्लामिक जिहाद, हौथी बागियों जैसी आतंकी संगठनों के अलावा इराक के गुटों को १०० करोड डॉलर्स प्रदान किए है, यह बात संबंधित रपट में कही गई है|
‘साथ ही ईरान ने यूरोपिय देशों में भी आतंकी हमलें किए| जनवरी महीने में ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस् के कुदस् फोर्सेस’ का जर्मनी में हुई आतंकी गतिविधियों में हाथ था| जर्मनी की यंत्रणाओं ने की जांच में यह जानकारी सामने आयी है| वही, पैरिस में राजनयिक विरोधकों की बैठक पर हमला करने की साजिश में भी ईरान की रिव्होल्युशनरी गार्डस् का हाथ होने की बात बेल्जिअम, फ्रान्स और जर्मनी की यंत्रणाओं ने कहा था| इसके अलावा अक्टुबर में डेन्मार्क और दिसंबर महीने में अल्बानिया में भी ईरान से जुडे आतंकी गुटों की साजिश का पर्दाफाश हुआ था’, इस ओर इस रपट ने ध्यान आकर्षित किया है|
‘९/११ के हमले के बाद अमरिका ने अल कायदा की गतिविधियों पर रोक लगाने में कामयाबी प्राप्त की थी| पर, ईरान ने अल कायदा को अपने देश में पनाह दी और आर्थिक एवं हथियार की सहायता करके अफगानिस्तान और सीरिया में पैर जमाने के लिए सहायता की’, यह आरोप इस रपट में किया गया है| ईरान के इन आतंकवाद का समर्थन करनेवाली हरकतों पर रोक लगाने के लिए अमरिका ने कडे प्रतिबंध लगाए है| पर, इसके बावजूद ईरान ने आतंकवाद की सहायता करना बंद नही किया है, यह दावा इस रपट में किया गया है|
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