बेल्जियम में चीन के गुप्तचरों की हरकतों में बढोतरी – यूरोप में प्रभाव बढाने की कोशिश

बेल्जियम में चीन के गुप्तचरों की हरकतों में बढोतरी – यूरोप में प्रभाव बढाने की कोशिश

ब्रुसेल्स/बीजिंग – अमरिका और ऑस्ट्रेलिया के अंदरुनि कारोबार में चीन का हस्तक्षेप होने के मामले सामने आ रहे है और इसी में अब चीन के गुप्तचरों की यूरोप में हो रही हरकतों की जानकारी भी सामने आने लगी है| बेल्जियम के गुप्तचर यंत्रणाओं ने भी चीन की इन हरकतों की जानकारी का स्वीकार किया है| शीतयुद्ध के दौरान मौजुद थे उससे भी कई अधिक संख्या में चीन के गुप्तचर मौजुद है और इनकी संख्या रशिया के गुप्तचरों से भी अधिक होने की बात कही जा रही है| बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में ‘यूरोपिय महासंघ’ और ‘नाटो’ जैसी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रधान कार्यालय एवं अलग अलग देशों के राजनयिक अफसरों की हो रही आवाजाही, चीन की इन बढती हरकतों का कारण होने की बात बताई जा रही है|

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कुछ महीने पहलें जर्मनी की एक पत्रिका ने अकले बेल्जियम में चीन के २५० गुप्तचर कार्यड़त होने का दावा किया था| इस पर चीन के यूरोपिय महासंघ में स्थित राजनयिक दफ्तर ने कडी नाराजगी व्यक्त की थी| जर्मनी पत्रिका ने किए इन आरोपों में सच्चाई नही है, यह उल्टा आरोप चीन के राजनयिक कार्यालय ने किया था| पर, यह रपट आने से पहले बेल्जियम में हुई घटनाएं चीन के गुप्तचरों की हरकतों की ओर ध्यान केंद्रीत करनेवाली साबित हुई है|

वर्ष २०१८ में बेल्जियम में गिरफ्तारी हुई ‘शु यान्जुन’ का मामला चीन ने बेल्जियम समेत यूरोप और अमरिका में शुरू की गुप्तचरों की हरकतों का काफी छोटा हिस्सा समझा जाता है| चीन की गुप्तचर यंत्रणा ‘मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्युरिटी’ का अफसर ‘शु यान्जुन’ को अप्रैल २०१८ में ब्रुसेल्स से गिरफ्तार किया गया| एक अमरिकी इंजिनिअर से ‘जीई एव्हिएशन’ इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी की खुफिया जानकारी प्राप्त करने के आरोप में यह गिरफ्तारी हुई थी|

चीन के गुप्तचर, हस्तक्षेप, शु यान्जुन, कार्रवाई, बेल्जियम, चीन, ऑस्ट्रेलियाइस घटना के बाद अमरिका एवं यूरोप की यंत्रणा अधिक सक्रिय हुई है और चीन के गुप्तचरों पर बारिकी से नजर रखी जा रही है| अमरिकी यंत्रणाओं ने देश के कई हिस्सों से चीन के लिए जासूसी करनेवाले कुछ संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है और उनपर कडी कार्रवाई भी हो रही है| यूरोपिय देशों में इस तरह की बडी कार्रवाई अभी शुरू नही हुई हो, फिर भी यूरोपिय यंत्रणा चौकन्ना हुई है|

पिछले महीने में ब्रुसेल्स में स्थित चीन की ‘कन्फ्युशियस इन्स्टिट्यूट’ के संचालक को बेल्जियम ने रहने के लिए अनुमति देने से इन्कार करके उसे देश के बाहर निकाला था| ‘शिनिंग सॉंग’ नाम का यह अफसर चीन ची गुप्तचर यंत्रणा के लिए काम कर रहा था, यह आरोप बेल्जियम के ‘स्टेट सिक्युरिटी सर्व्हिस’ ने किया था| बेल्जियम ने प्रवेश देने से इन्कार करने पर सॉंग को यूरोप के ‘शेन्गेन’ यंत्रणा का हिस्सा होनेवाले किसी भी देश में प्रवेश नही मिलेगा, यह बात बेल्जियन यंत्रणा ने स्पष्ट की थी|

बेल्जियम में अस्थिर बनी सियासी व्यवस्था और चीन की हुकूमत ने इस देश में शुरू किए हुए भारी निवेष की पृष्ठभूमि पर चीन से हो रही जासुसी के मामले सामने आना चौकानेवाला है| पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक ताकत के बल पर चीन ने यूरोप के कुछ देशों को अपने ओर खिंचकर यूरोप में दरार बनाने की कोशिश शुरू की है, यह आरोप भी हो रहे है| ग्रीस के साथ पूर्वीय यूरोपिय देशों में चीन ने किया हुआ बडा निवेष, इटली जैसे देश के साथ किए समझौते और चीन के मुद्दे पर इन देशों से महासंघ में अपनाई जा रही भूमिका से चीन की अलगाववादी नीति स्पष्ट हो रही है| बेल्जियम जैसे देश में गुप्तचरों का जाल चीन की इसी नीति की सच्चाई बयान कर रहा है|

कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के भूतपूर्व गुप्तचर प्रमुख चीन ने ऑस्ट्रेलिया में शुरू की हुई हरकतों का पर्दाफाश किया था| इशमें चीन की हुकूमत कई माध्यमों से देश की सियासी व्यवस्था पर ही कब्जा करने की कोशिश कर रही है, यह आरोप किया गया था| ऑस्ट्रेलिया के सामने पनाह देने की मांग करनेवाले चीन के एक गुप्तचर ने भी चीन की यंत्रणाओं से शुरू हरकतों की जानकारी प्रदान की थी| यह सभी घटनाएं, चीन की हुकूमत येनकेन प्रकार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना वर्चस्व बढाने के लिए किस तरह से कदम बढा रही है, इसका एहसास देनेवाली साबित हो रही है|

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