वॉशिंग्टन/बगदाद/तेहरान – ‘कासेम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान ने अमरिका पर हमलें किए तो, इसको लेकर अमरिका की नीति स्पष्ट रहेगी| अमरिका ने ईरान के ५२ टार्गेट तय करके रखे है| इन ठिकानों पर अमरिका तेज हमलें करेगी और इसमें ईरान के लिए सांस्कृतिक नजरिए से अहम जगहों को भी शामिल किया गया है| अमरिका ने आधुनिक हथियारों के लिए करीबन दो ट्रिलियन डॉलर्स खर्च किए है| यह हथियार ईरान के विरोध में इस्तेमाल करते समय हम जरा?भी हिचकिचाएंगे नही’, यह इसारा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया है| ईरान ने अपनी जामकारन मस्जीद पर लाल झंडा लगाया है| ईरान की परंपरा के अनुसार यह झंडा लगाना यानी निर्णायक युद्ध का ऐलान ही समझा जाता है| इसके बाद अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान को यह इशारा दिया है|
कासेम सुलेमानी की हत्या का बदला लिए बिना ईरान शांत नही रहेगा, जल्द ही अमरिका ने की हुई गलती का एहसास इसे कराया जाएगा, यह बात ईरान के सर्वोच्च नेता कह रहे है| इस पृष्ठभूमि पर शनिवार की रात इराक की राजधानी बगदाद में अमरिकी दूतावास के निकट एवं अमरिकी हवाई अड्डे पर राकेट हमलें हुए| इस दौरान कात्युशा राकेटस् का प्रयोग किया गया है| यह राकेटस् स्थानिय स्तर पर ही तैयार किए जाते है और ईरान समर्थक गुट इन राकेटस् का प्रयोग करते है| यह हमला इन्हीं गुटों ने किया होगा, यह दावे भी हो रहे है| इन हमलों में अमरिका का खास नुकसान नही हुआ है| पर, इन हमलों पर अमरिका ने गंभीरता से संज्ञान लिया है| इन हमलों के बाद अमरिका के हेलिकॉप्टर्स काफी समय तक अपने दूतावास और हवाई अड्डे की रक्षा करने के लिए आसमान में मंडरा रहे थे| इस वजह से वहां की स्थिति काफी विस्फोटक होने की बात दिख रही है|
मेजर जनरल कासेम सुलेमानी का शव ईरान पहुंचने की खबरें प्रसिद्ध हो रही है| उन्हें आखरी बार बिदा करने के लिए ईरान में लाखों लोग रास्तों पर उतरें है और अमरिका का कडा निषेध करेनवाले नारे दिए जा रहे है| ईरान के कोम शहर में धार्मिक नजरिए से काफी अहम समझे जानेवाले जामकरन के प्रार्थनास्थल पर लाल झंडा लगाया गया है| ऐसा करना यानी निर्णायक युद्ध का ऐलान समझा जाता है| ईरान के अन्य प्रार्थनास्थलों पर भी ऐसे ही झंडे लगाए गए है| इसके जरिए ईरान अब अमरिका के साथ युद्ध करने के लिए तैयार होने का इसारा आयातुल्ला खामेनी की हुकूमत ने दिया है और ईरान की जनता युद्ध के लिए तैयार रहे, यह संदेशा भी दिया गया है| इसके साथ ही अमरिका और इस्रायल के राष्ट्रध्वज क्रोधित ईरानी नागरिक जला रहे है|
ईरान युद्ध की तैयारी कर रहा है, तभी अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को कडें शब्दों में चेतावनी दी है| ‘ईरान ने अमरिका पर हमला करने की गलती नही करनी चाहिए, यह सलाह हम उन्हें देंगे’, यह बात राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कही है| ईरान ने अमरिकी हितसंबंध, अमरिकी नागरिकों पर हमलें किए तो ईरान के ५२ जगहों पर अमरिका तेज हमलें करेगी| यह ५२ जगह अमरिका ने पहले की तय करके रखी है| वर्ष १९७९ में ईरान में स्थित अमरिकी दूतावास पर कब्जा करके चरमपंथियों ने अमरिका के ५२ राजनयिक अधिकारी एवं नागरिकों को ४४४ दिनों तक बंधक बनाया था| इसकी याद दिलाकर ईरान में ५२ जगहों का चयन करने का दावा ट्रम्प ने किया है|
अमरिका ने आधुनिक हथियारों के लिए करीबन दो ट्रिलियन डॉलर्स खर्च किया है| अमरिका के यह हथियार ईरान के विरोध में इस्तेमाल करते समय हम जरा भी हिचकिचाएंगे नही, यह कहकर ट्रम्प ने ईरान को अमरिका पर हमला करने पर होने वालें परिणामों से दुबारा अवगत कराया है| ईरान में स्थित सांस्कृतिक ठिकानों को लक्ष्य करने की धमकी देकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने युद्ध अपराध किया है, यह आरोप ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ ने किया है| अमरिका कितना भी शोर करें, फिर भी पश्चिमी एशिया से अमरिका का घृणा से भरा अस्तित्व खतम करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, यह बयान ईरान के विदेशमंत्री ने किया है|
अमरिका और ईरान एक दुसरें को दे रहे इन अंतिम इशारों का असर इस क्षेत्र के देशों पर होता दिखाई दे रहा है| ऐसे में सभी देशों ने अपनी सुरक्षा के लिए तेजी के साथ गतिविधियां शुरू की है| किसी भी क्षण युद्ध की चिंगारी भडक सकती है, यह ध्यान में रखकर यह देश तैयारी करने में जुटे है| साथ ही अमरिका और ईरान के संघर्ष का परिणाम पुरी दुनिया को भुगतना होगा, यह चिंता सभी देशों के सामरिक विश्लेषक जता रहे है|
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