कोरोना की महामारी के लिए ‘फाईव्ह आईज’ देशों से चीन पर दोषारोपण

कोरोना की महामारी के लिए ‘फाईव्ह आईज’ देशों से चीन पर दोषारोपण

वॉशिंग्टनचीन द्वारा कोरोना महामारी की ज़िम्मेदारी को नकारने के लिए ज़ोरदार प्रचारमुहिम चलायी जा रही है। ऐसे में आंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी चीन पर का दबाव बढ़ाने के लिए आक्रमक गतिविधियाँ चालू कीं हैं। अमरीका, ब्रिटन, कॅनडा, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलंड इन पाँच देशों की गुप्तचर यंत्रणाओं का गुट ऐसी पहचान होनेवालेफाईव्ह आईजने भी कोरोनावायरस के संक्रमण के लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने का दोषारोपण रखा है। दुनिया के प्रमुख देशों की यंत्रणाएँ चीन की तरफ़ निर्देश कर रहीं हैं; ऐसे में, युरोप से भी कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर जाँच की माँग सामने आयी है। इस कारण अब चीन अधिक से अधिक मुश्किल में फ़ँस रहा है।

कोरोना संक्रमण के संकट की तीव्रता दिनबदिन बढ़ रही होकर, उस अनुपात में इस संक्रमण का उद्गम होनेवाले चीन के ख़िलाफ़ में होनेवाली नाराज़गी भी अधिकाधिक व्यापक रूप धारण कर रही है। शुरू शुरू में केवल अमरीका द्वारा, संक्रमण फ़ैलाने के लिए चीन को लक्ष्य किया जा रहा था। लेकिन अब इस महामारी के लिए चीन को ज़िम्मेदार ठहरानेवाले और चीन की हुक़ूमत से सवाल करनेवाले देशों की संख्या बढ़ रही है।

गत कुछ दिनों में कोरोना का संक्रमण फ़ैलाने के लिए चीन से मुआवज़ा वसूल करने की माँग हो रही होने की ख़बरें सामने आ रहीं हैं। इनमें अमरीका और ब्रिटन जैसे देशों के साथ साथ, चीन का समर्थन करनेवाले जर्मनी जैसे अग्रसर देश का भी समावेश है। यह बात, चीन पर का आंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा होने के संकेत माने जा रहे हैं।

इसी पृष्ठभूमि पर, ‘फाईव्ह आईज अलायन्सइस गुप्तचर यंत्रणाओं के गुट की रिपोर्ट की ख़बर सामने आना महत्त्वपूर्ण साबित होता है। इस गुट में अमरीका के साथ साथ ब्रिटन, कॅनडा, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूझीलंड इन देशों का समावेश होकर, इस गुट की स्थापना दूसरे विश्वयुद्ध के दौर में की गयी थी।

चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने वुहान के लॅब में होनेवाले सबूत नष्ट किये। कोरोना संक्रमण पर टीका विकसित करने के प्रयास करनेवाले संशोधकों को वायरसों के जीवित नमूने देने से इन्कार किया गया। जनवरी महीने में चीन की यंत्रणाएँ कोरोना वायरस इन्सान में फ़ैल सकता है, यह भी नकार रहीं थीं। ये सारीं घटनाएँ चीन द्वारा कोरोना महामारी का वास्तव जानबूझकर छिपाने की साज़िश थी‘, ऐसा दोषारोपणफाईव्ह आईजकी रिपोर्ट में रखा गया है।

चीन पर आरोप करते समय ही, जागतिक द्वास्थ्य संगठन को भी फ़टकारा गया है। दिसम्बर महीने में ही, मानवी संक्रमण में से महामारी फ़ैकती है, यह जानते हुए भी, स्वास्थ्य संगठन ने चीन का समर्थन करना जारी ही रखा था, ऐसी नाराज़गी रिपोर्ट में व्यक्त की गयी है।

फाईव्ह आईज की रिपोर्ट के पीछे पीछे, गत कुछ वर्षों से विभिन्न मुद्दों पर चीन का समर्थन करनेवाले युरोप ने भी कोरोना महामारी की जाँच की माँग आगे रखी है। युरोपियन कमिशन की प्रमुख उर्सुला लेयन ने एक इंटरव्यू के दौरान, कोरोना संक्रमण की जाँच हों और उसमें चीन भी हिस्सा लें, ऐसा वक्तव्य किया। अगला संक्रमण कब आयेगा पता नहीं; लेकिन उसके लिए वर्तमान परिस्थिति से सबक़ सीखना चाहिए, ऐसे शब्दों में युरोपियन कमिशन की प्रमुख ने कोरोना की जाँच की माँग की है।

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