दमास्कस – सिरिया के वायव्य (नॉर्थ–वेस्ट) ओर के इलाक़े में लष्कर और आतंकी इनमें भड़के संघर्ष में ४८ लोगों की मौत हुई है। सिरिया में लागू की संघर्षबंदी के बाद पहली ही बार इतनी भारी मात्रा में संघर्ष भड़क उठकर जीवितहानि होने की बात सामने आ रही है। वहीं, सिरिया में रशिया के सबसे बड़े लष्करी अड्डे पर भी आतंकियों ने हमला किया है। उसीके साथ, सिरिया और तुर्की के लष्करों के बीच संघर्ष भड़क उठने कीं ख़बरें सामने आ रही हैं।
मार्च महीने में सिरियन लष्कर ने रशिया की सहायता से इदलिब पर कब्ज़ा करने ले बाद वायव्य सिरिया में संघर्षबंदी लागू की गयी थी। रशिया ने पहल करके इस संघर्षबंदी की घोषणा की थी। लेकिन लगभग डेढ़ महीने बाद इस संघर्षबंदी का उल्लंघन हुआ होकर, अल कायदासंलग्न ‘हुरास अल–दीन’ इस गुट ने सिरियन लष्कर पर हमकें किए। रविवार को हुए इस हमले में और उसके बाद के संघर्ष में सिरियन लष्कर और संलग्न गुट के ३५ जवान मारे गए। वहीं, अल कायदासंलग्न गुट के १३ आतंकी भी मारे गए।
इस हमले से कुछ घंटे पहले लताकिया प्रांत के ‘अल–खेमिन’ इस रशियन लष्कर के सबसे बड़े अड्डे पर आतंकियों ने रॉकेट हमलें किये। इस लष्करी अड्डे पर रशिया की ‘एस–४००’ तथा अन्य भी हवाई सुरक्षा यंत्रणाएँ तैनात हैं। इस कारण, इन रॉकेट् हमलों में रशियन अड्डे का कुछ भी नुकसान नहीं हुआ, ऐसा कहा जाता है। उसी समय, तुर्की के कब्ज़े में होनेवाले सिरियास्थित ‘अल बाब’ इस अड्डे पर सिरियन लष्कर से जुड़े गुटा ने हमलें किये होने का दावा किया जाता है। इसमें तुर्की के लष्कर का नुकसान होने की चर्चा शुरू है। इस हमले के बाद तुर्की ने भी सिरियन लष्कर के स्थानों पर हमलें किये होने की ख़बरें आ रही हैं।
इसी बीच, सिरिया का अस्साद लष्कर, संलग्न गुट इनके, तुर्की का लष्कर और आतंकी गुटों के बीच हमलें तीव्र हो चुके हैं। सिरिया में चल रहे इस संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव अँटोनिओ गुतेरस ने चिंता ज़ाहिर की है। वैसे ही सिरिया के सभी गुट संघर्षबंदी का पालन करें, ऐसा आवाहन गुतेरस ने किया है।