वॉशिंग्टन – ‘अमरीका का लष्कर सुपर डुपर क्षेपणास्त्र विकसित कर रहा है। यह क्षेपणास्त्र रशिया और चीन के पास होनेवाले क्षेपणास्त्रों की तुलना में अधिक तेज़ और ध्वनि से १७ गुना रफ़्तार से प्रवास करनेवाला होगा’, ऐसी घोषणा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने की। अमेरिकन ‘स्पेस फोर्स’ के ध्वज का अनावरण करते समय राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र की जानकारी दी।
अमरीका के रक्षादल की छठी कमांड के रूप में ‘स्पेस फोर्स’ का गठन किया गया है। अंतरीक्ष में अमरीका के हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए अमरीका की यह नयी कमांड अहम साबित होगी, ऐसा विश्वास राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने व्यक्त किया है। शुक्रवार को व्हाईट हाऊस में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस कमांड के ध्वज का अनावरण किया। उस समय, अपने दुश्मनों का सामना करने के लिए अमरीका ने प्रगत शस्त्रास्त्रों का निर्माण शुरू किया होने की घोषणा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने की। इसमें ‘सुपर डुपर क्षेपणास्त्र’ का समावेश है, ऐसा ट्रम्प ने कहा।
‘दुनिया का सबसे तेज़ क्षेपणास्त्र अमरीका के पास है। रशिया ध्वनि के पाँच गुना रफ़्तार से प्रवास करनेवाले क्षेपणास्त्र का निर्माण कर रहा है। वहीं, चीन ध्वनि के छ: गुना रफ़्तार से प्रवास करनेवाला क्षेपणास्त्र विकसित कर रहा है। लेकिन अमरीका ध्वनि के १७ गुना रफ़्तार से प्रवास करनेवाला क्षेपणास्त्र तैयार कर रही है’, ऐसा कहकर, अमरीका के पास दुनिया का सबसे तेज़ हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र होगा, ऐसी जानकारी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी। अमरीका का रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की घोषणा का समर्थन करके, हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र पर काम सुरू है, ऐसा कहा।
अमरीका की वायुसेना ने पिछले महीने कुछ अग्रसर शस्त्रास्त्रनिर्माण कंपनियों से चर्चा करके, हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र को पारंपरिक स्फोटकों और आण्विक स्फोटकों से लैस करने के विषय में चर्चा की थी। कुछ दिन पहले अमरीका के लष्कर को टेक्सास में हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र की जाँच के लिए मंज़ुरी मिली है। इस कारण, अमरीका का लष्कर तथा वायुसेना इन सुपर डुपर हायपरसोनिक क्षेपणास्त्रों से सुसज्जित होनेवाले हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
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