मॉस्को/मिन्स्क – बेलारूस में किसी भी बाहरी ताकत ने दखलअंदाज़ी करने की कोशिश की तो वहां का सियासी संकट और भी तीव्र हो सकता है, यह इशारा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने बेलारूस के मुद्दे पर जर्मनी, फ्रान्स एवं यूरोपिय महासंघ से स्वतंत्र चर्चा की और इस चर्चा के दौरान यह इशारा दिया गया है, ऐसी जानकारी सूत्रों ने साझा की। बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्ज़ांडर लुकाशेन्को के खिलाफ़ लगातार १० दिनों से तीव्र प्रदर्शन हो रहे हैं और देश के विभिन्न हिस्सों से एवं स्तर पर इन प्रदर्शनों को भारी समर्थन प्राप्त हो रहा है। लेकिन, इस विरोध का दायरा बढ़ने के दौरान ही राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने विदेशी साज़िश का आरोप किया है, साथ ही, यह प्रदर्शन कुचलने के आदेश भी सुरक्षा यंत्रणा को दिए है।
बेलारूस में बीते सप्ताह के दौरान हुए राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनावों में ८०% से अधिक मत प्राप्त करके हम विजयी हुए हैं, यह ऐलान राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने किया था। लेकिन, इस चुनाव के दौरान बड़ी मात्रा में गड़बड़ी होने का आरोप स्थानीय सियासी दल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगा रहा था। इन आरोपों की पृष्ठभूमि पर ही राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को के खिलाफ़ बेलारूस की जनता रास्तों पर उतरी थी। ऐसे में बीते कुछ दिनों से राजधानी मिन्स्क के साथ अन्य शहरों में हो रहे प्रदर्शनों में दो लाख से अधिक नागरिक शामिल हुए। बीते २६ वर्षों के अपने कार्यकायल में राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को की हुकूमत को प्राप्त हुई यह सबसे बड़ी चुनौती साबित हुई है।
यह चुनौती ख़त्म करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने रशिया से सहायता की माँग की थी। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ हुई चर्चा के बाद राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने यह दावा किया था कि, ‘रशिया ने लष्करी सहायता प्रदान करने का वादा किया है।’ इसके बाद रशिया ने अपनी गुप्तचर यंत्रणा के साथ अन्य यंत्रणा के वरिष्ठ अधिकारियों का समावेशवाला एक दल गुप्त तरीके से बेलारूस भेजने की बात स्पष्ट हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इशारा देना ध्यान आकर्षित कर रहा है।
बेलारूस के मुद्दे पर यूरोपिय महासंघ ने हाल ही में विशेष बैठक बुलाई थी। इस बैठक में महासंघ ने बेलारूस में हुए चुनाव और इसके परिणामों को स्पष्टरूप से ठुकराकर इस देश पर नए प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है। महासंघ की बैठक होने के बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष की जर्मनी, फ्रान्स और यूरोपिय महासंघ के साथ अलग अलग चर्चा होने की जानकारी सामने आयी है। इस दौरान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने बेलारूस में विदेशी शक्ति ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो इस देश में उभरा संकट और भी गहरा होगा, यह इशारा दिया है। रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव एवं पुतिन के प्रवक्ता ने भी यही बात दोहराई है और बाहरी ताकतों की गतिविधियां स्वीकार नहीं होंगी, यह बयान किया है।
यूरोपिय महासंघ ने बेलारूस की हुकूमत पर नए प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है। साथ ही रशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ हुई चर्चा में बेलारूस में सियासी समझौता करने के लिए रशिया सहयोग करे, यह निवेदन भी किया है। लेकिन, बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने आक्रामक भूमिका अपनाकर पोलैंड एवं लिथुआनिया की सीमा पर अतिरिक्त सेना तैनात की है। देश में जारी प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बलों को बल का प्रयोग करने के आदेश प्राप्त होने की जानकारी भी सामने आयी है।
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