तेहरान – ‘ईरान के लिए बड़ी आसानी से किसी भी स्तर तक युरेनियम का संवर्धन करना संभव होगा, इतनी प्रगति की है। बिल्कुल २० प्रतिशत से ४०, ६० और ९० प्रतिशत तक भी ईरान युरेनियम का संवर्धन कर सकता है। लेकिन, क्या अभी इसकी आवश्यकता है? इस पर ईरान विचार कर रहा है’, ऐसा ऐलान ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बहरोज कमालवंदी ने किया है। युरेनियम का संवर्धन ९० प्रतिशत तक करना यानी परमाणु बम का निर्माण करने के करीब पहुँचना है, यह आरोप इस्रायल ने किया था। इस वजह से कमालवंदी ने यह जानकारी घोषित करके इस्रायल समेत पश्चिमी देशों को इशारा दिया है, ऐसा दावा इस्रायली माध्यम कर रहे हैं।
वर्ष २०१५ में पश्चिमी देशों के साथ किए गए परमाणु समझैते से पीछे हटनेवाले ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की गति तेज़ करने की बात बीते सप्ताह की गतिविधियों से स्पष्ट हो रही है। बीते सप्ताह ३१ दिसंबर के दिन ईरान ने ‘अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग’ (आयएईए) को लिखे पत्र में ‘फोर्दो’ परमाणु केंद्र में युरेनियम संवर्धन की मात्रा बढ़ाकर २० प्रतिशत करने का इशारा दिया था। ईरान के इस खत की जानकारी दो दिन बाद माध्यमों के ज़रिये सामने आयी थी।
पांच वर्ष पहले ईरान और पश्चिमी देशों में हुए परमाणु समझौते के अनुसार ‘फोर्दो’ परमाणु केंद्र में किसी भी तरह की परमाणु गतिविधि करना प्रतिबंधित है। इस प्रकल्प का इस्तेमाल तकनीक से संबंधित केंद्र के तौर पर करने के लिए ईरान को अनुमति दी गई थी। साथ ही ईरान के युरेनियम संवर्धन का प्रमाण ३.६७ प्रतिशत तक सीमित रखने की शर्त तय की गई थी। फिर भी बीते वर्ष परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद ईरान ने युरेनियम संवर्धन बढ़ाकर ४.५ प्रतिशत करने का ऐलान किया था।
ऐसी स्थिति में युरेनियम संवर्धन बढ़ाकर २० प्रतिशत करने का ईरान ने किया ऐलान अमरीका, इस्रायल समेत पश्चिमी देशों के लिए इशारा साबित होता है, यह दावा किया जा रहा था। इस पर यूरोप के ‘ई-३’ के तौर पर जाने जा रहे ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने भी प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी।
‘युरेनियम संवर्धन २० प्रतिशत करने की प्रक्रिया ईरान तुरंत बंद करे। अगले दिनों में परमाणु कार्यक्रम से संबंधित बातचीत करने की संभावना खत्म होगी, ऐसे किसी भी तरह के प्रक्षोभक निर्णय ईरान ना करे’, यह इशारा इन तीनों देशों ने जारी किए निवेदन से ईरान को दिया गया था। साथ ही ‘ईरान ने परमाणु समझौते का उल्लंघन करके परमाणु कार्यक्रम में आक्रामक बदलाव किया गया तो इसका किसी भी तरह से समर्थन नहीं किया जा सकता। ईरान की ऐसी गतिविधियां खतरनाक साबित होंगी’, ऐसा इशारा भी ‘ई-३’ सदस्य देशों ने दिया है।
‘ई-३’ सदस्य देशों से यह प्रतिक्रिया प्राप्त होने तक ईरान ने ‘फोर्दो’ परमाणु केंद्र में युरेनियम संवर्धन २० प्रतिशत करने की प्रक्रिया शुरू की थी। ईरान की रोहानी सरकार के प्रवक्ता अली राबेई ने पत्रकारों के सामने यह जानकारी घोषित की थी। तभी, गुरूवार के दिन ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता कमालवंदी ने पत्रकारों से अधिक चौकानेवाली जानकारी साझा की है।
युरेनियम संवर्धन की मात्रा ९० प्रतिशत करने की तकनीक ईरान के पास है, यह बयान कमालवंदी ने किया। ईरान की संसद ने २० प्रतिशत की तय मर्यादा से अधिक युरेनियम संवर्धन करने की अनुमति प्रदान की है। लेकिन, क्या अभी इतनी मात्रा में युरेनियम संवर्धन करने की आवश्यकता है, इस पर ईरान विचार कर रहा है, ऐसा कमालवंदी ने कहा।
युरेनियम संवर्धन बढ़ाकर ९० प्रतिशत करने पर ईरान परमाणु बम का निर्माण करने के करीब पहुँचेगा, यह आरोप इस्रायल ने पहले भी लगाया था। इसके साथ ही कुछ भी हो, लेकिन, ईरान को परमाणु अस्त्रों से सज्जित होने नहीं देंगे, यह ऐलान भी इस्रायल ने किया है। इस वजह से ईरान के नए ऐलान पर इस्रायल की प्रतिक्रिया दर्ज़ होने की उम्मीद है।
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