वॉशिंग्टन – बीते हफ्ते अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष पद का ज़िम्मा संभालने के बाद २४ घंटों में ही ज्यो बायडेन ने १७ आदेश जारी किए थे। इनमें पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किए निर्णय रद करने के लिए जारी किए नौं आदेशों का समावेश था। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन आगे भी ट्रम्प के निर्णयों के विरोध में आदेश जारी कर सकते हैं। लेकिन, ‘स्पेस फोर्स कमांड’ का गठन करने के ट्रम्प के निर्णय में बायडेन किसी भी तरह का बदलाव नहीं करेंगे, ऐसे संकेत बायडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं विश्लेषक दे रहे हैं।
शपथ ग्रहण करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने तुरंत ही पूरा नियंत्रण हाथों में लेकर १७ आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें मेक्सिको की सीमा पर जारी सुरक्षा दिवार का निर्माण कार्य रोकने के साथ सात देशों के नागरिकों को अमरीका में प्रवेश करने पर लगाई रोक हटाना, शरणार्थियों के खिलाफ जारी व्यापक कार्रवाई को रोकना, पैरिस क्लायमेट समझौते में शामिल होने के मुद्दों पर जारी किए आदेशों का समावेश था। इसके अलावा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने ‘एच१बी वीसा’ के किए गए बदलाव और अफ़गानिस्तान में तैनात सेना की वापसी का निर्णय रद करने के अलावा ईरान के साथ नया परमाणु समझौता करने के संकेत दिए हैं। आनेवाले दिनों में बायडेन प्रशासन बीते चार वर्षों के कुछ अहम निर्णय और कानून रद कर सकते हैं, यह दावा भी किया जा रहा है।
लेकिन, ट्रम्प ने गठित किए ‘स्पेस फोर्स’ से संबंधित निर्णय राष्ट्राध्यक्ष बायडेन रद नहीं करेंगे, यह दावा किया जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष बायडने ने इस विषय पर सार्वजनिक स्तर पर बयान करना टाल दिया है। साथ ही व्हाईट हाउस ने भी इस मामले में बायडेन की भूमिका रखने से इन्कार किया है। अमरीका के नए रक्षामत्री लॉईड ऑस्टिन ने अंतरिक्ष क्षेत्र को काफी बड़ी अहमियत होने का बयान किया है।
बीते कई वर्षों की उम्मीदों के बाद इस ‘स्पेस फोर्स’ का गठन हुआ है, यह बात भी रक्षामंत्री ऑस्टिन ने रेखांकित की थी। इसी बीच अमरीका के उप-रक्षाबलप्रमुख जनरल जॉन हैटन ने बीते हफ्ते यह आरोप लगाया था कि, रशिया और चीन अतंरिक्ष में अपना सामर्थ्य बढ़ाकर अमरीका के विरोध में इस्तेमाल करने की कोशिश में हैं। इस वजह से अमरीका के लष्करी अधिकारी इस ‘स्पेस फोर्स’ के पक्ष में होने की बात भी दिख रही है।
वर्ष २०१९ में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका के रक्षा कमांड़ के सबसे अहम और आठवें ‘कमांड सेंटर’ के तौर पर ‘स्पेस फोर्स’ का ऐलान किया था। चीन और रशिया से अंतरिक्ष में मौजूद अमरीका के हितसंबंधों को बढ़ रहा खतरा रेखांकित करके ट्रम्प ने ‘स्पेस फोर्स’ का गठन किया था। इसके लिए चीन और रशिया ने दागे उपग्रह विरोधी मिसाइलों का दाखिला भी ट्रम्प ने उस समय दिया था।
साथ ही इस ‘स्पेस फोर्स’ के तहत ट्रम्प ने कुछ हफ्ते पहले ही ‘स्पेस गार्डियन्स’ के तैनाती का ऐलान किया था। ट्रम्प की इस ‘स्पेस कमांड’ को अमरिकी कांग्रेस के दोनों पार्टीयों का समर्थन प्राप्त हुआ था। इस वजह से बायडेन प्रशासन को ‘स्पेस फोर्स’ का निर्णय रद करने के लिए लष्करी अधिकारियों समेत अमरिकी कांग्रेस और सिनेट के विरोध का भी मुकाबला करना पड़ेगा, इस बात का अहसास अमरिकी अधिकारी और विश्लेषक दिला रहे हैं।
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