रशिया से सुरक्षित रहने के लिए युक्रेन को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बनना ही होगा – जर्मनी में नियुक्त युक्रेन के राजदूत की चेतावनी

रशिया से सुरक्षित रहने के लिए युक्रेन को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बनना ही होगा – जर्मनी में नियुक्त युक्रेन के राजदूत की चेतावनी

बर्लिन/किव्ह – ‘नाटो युक्रेन को अपना सदस्य बना लें। इससे युरोप की ताकत बढ़ाने में युक्रेन योगदान दे सकता है। वरना परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने के अलावा युक्रेन के पास और कोई चारा ही नहीं है। परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बनने के बाद ही युक्रेन को अपनी सुरक्षा की गारंटी मिलेगी’, ऐसी चेतावनी जर्मनी में नियुक्त युक्रेन के राजदूत ने दी।

रशियासमर्थक बागियों ने युक्रेन के पूर्वीय भाग पर हमले शुरू किए हैं। वहीं, रशिया के मानवरहित लष्करी वाहन भी युक्रेन की सीमा के पास दाखिल होने कीं खबरें जारी हो रहीं हैं। ऐसी परिस्थिति में, युक्रेन के राजदूत ने रशिया समेत नाटो को भी यह चेतावनी दी दिख रही है।

जर्मनी में नियुक्त युक्रेन के राजदूत अँड्रीय मेलनिक ने जर्मन रेडियो स्टेशन के साथ बातचीत करते समय यह आरोप किया कि रशिया क्रिमिआ की तरह ही युक्रेन के पूर्वीय भागों को नोचने की तैयारी में है। रशियासमर्थक बागी और युक्रेन के लष्कर के बीच डोनेट्स्क और लुहान्स्क भागों में संघर्ष जारी होने की जानकारी मेलनिक ने दी। रशिया की इस आक्रामकता को रोकने हेतु, युरोपीय देशों को रशिया के विरोध में ताकतवर बनाने के लिए युक्रेन को नाटो का सदस्य बनाना आवश्यक है, ऐसा सुझाव मेलनिक ने दिया।

कुछ दिन पहले नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग के साथ हुई मुलाकात में युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिर झेलेन्स्की ने ऐसी माँग की थी कि इस लष्करी संगठन में अपने देश को शामिल कर लिया जाए। युक्रेन की इस माँग पर रशिया ने गुस्सा ज़ाहिर किया था। युक्रेन को अगर नाटो में शामिल किया, तो उसके गंभीर परिणाम होंगे, ऐसा रशिया ने धमकाया था। उसपर, युक्रेन को सदस्य बनाना है अथवा नहीं, यह रशिया नहीं बल्कि नाटो तय करेगा, ऐसा बताकर नाटो के प्रमुख ने रशिया की आलोचना की थी। वहीं, दो दिन पहले फ्रान्स और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हुई।

रशिया

लेकिन नाटो युक्रेन के समावेश के बारे में गंभीरता से नहीं सोचता, ऐसी नाराज़गी युक्रेन द्वारा ज़ाहिर की जाती है। इस पृष्ठभूमि पर, जर्मनी में नियुक्त युक्रेन के राजदूत ने नाटो को संबोधित करके, परमाणु-अस्त्र-सिद्धता की चेतावनी दी दिख रही है। इसके अलावा, रशिया क्रिमिआ में परमाणु अस्त्रों का भंडारण करने की तैयारी में होने का आरोप युक्रेन के रक्षा मंत्री अँड्री टारान ने दो दिन पहले किया था। इन परमाणु अस्त्रों का भंडारण करने के लिए रशिया क्रिमिआ में निर्माणकार्य कर रहा है, ऐसा रक्षा मंत्री अँड्री ने जताया था। इस पृष्ठभूमि पर, परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने के बारे में युक्रेन ने दी इस चेतावनी की ओर अधिक गंभीरता से देखा जा रहा है।

सन १९९१ में सोव्हिएत रशिया का विभाजन होने के बाद आज़ाद हुए युक्रेन के पास तीन हज़ार परमाणु अस्त्र थे। अमरीका और रशिया के बाद सर्वाधिक परमाणु अस्त्र होनेवाला युक्रेन यह दुनिया का तीसरे नंबर का देश था। लेकिन सन १९९४ में परमाणुअस्त्र-प्रसार-बंदी विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद युक्रेन ने अपने तीन हज़ार परमाणु अस्त्र रशिया के हवाले किए थे। इसके बदले में अमरीका, ब्रिटेन और रशिया ने युक्रेन की सीमाओं का सम्मान करने की बात मान्य की थी। ऐसी परिस्थिति में, युक्रेन ने फिर से परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने के संदर्भ में दी चेतावनी रशिया, अमरीका समेत युरोपीय देशों की चिंताएँ बढ़ानेवाली साबित हो सकती है।

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