- इस्राइल, गाज़ा के संघर्ष में ८० की मौत
- पैलेस्टिनियों के लिए सेना भेजने की तुर्की की माँग
- ईरान का पैलेस्टिनियों के संघर्ष को समर्थन
जेरूसलम – बीते चार दिनों में सैंकड़ों रॉकेट्स के हमले करनेवाली हमास ने इस्राइल के दिमोना शहर पर १५ रॉकेट्स दागने का दावा किया हैं। दिमोना शहर में इस्राइल का काफी अहम परमाणु प्रकल्प है। हमास के इस दावे की इस्राइल ने अभी पुष्टि नहीं की है। अब तक के संघर्ष के दौरान हमास और इस्लामिक जिहाद ने इस्राइल पर १,५०० से अधिक रॉकेट्स हमले किए हैं। इस संघर्ष में ८० लोग मारे गए हैं।
इस्राइल और गाज़ापट्टी में बड़ा संघर्ष हो रहा है। हमास और इस्लामिक जिहाद के आतंकियों ने इस्राइल के दूरी पर स्थित शहरों को लक्ष्य करना शुरू किया है। करीबन ढ़ाई सौ किलोमीटर दूरी पर स्थित इस्राइली शहरों पर हमास के रॉकेट्स टकरा रहे हैं। बीते कुछ वर्षों के दौरान हुए संघर्ष में हमास और इस्लामिक जिहाद ने पहली बार इतनी लंबी दूरी के मिसाइलों का प्रयोग किया होने का दावा इस्राइली माध्यम कर रहे हैं। हमलावर रॉकेट और मिसाइलों को नष्ट करने के लिए इस्राइल ने ‘आयर्न डोम’ के साथ ‘डेविड स्लिंग’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी कार्यान्वित की है।
अब तक के संघर्ष के दौरान ७२ पैलेस्टिनी मारे गए हैं और इन मृतकों में हमास के १० कमांडर्स का भी समावेश होने का बयान इस्राइल ने किया है। बुधवार के दिन इस्राइल के लड़ाकू विमानों ने गाज़ा में हमास की १२ मंजिला इमारत नष्ट की। हमास के आतंकी इस्राइल विरोधी साज़िश करने के लिए इस इमारत में इकठ्ठे हुए थे, तभी इस हमले को अंजाम दिया गया, ऐसा इस्राइली सेना ने कहा है। इसी बीच हमास ने यह आरोप लगाया है कि, इस्राइल के हमलों में छोटे बच्चे मारे जा रहे हैं।
गाज़ा से हुए रॉकेट हमलों में पांच वर्ष के बच्चे की मौत हुई और इस्राइली सेना ने इसकी फोटो भी प्रसिद्ध की है। अब तक के संघर्ष में सात इस्राइली नागरिक मारे गए हैं। ऐसे में इस्राइली सेना ने गाज़ापट्टी में स्थित ६०० से अधिक ठिकानों को लक्ष्य किया है। इस्राइल के रक्षा मंत्रालय ने अपने सभी सैनिकों की छुट्टियाँ रद की हैं और तकरीबन सात हज़ार आरक्षित सैनिकों को सेवा पर दाखिल होने के आदेश जारी किए गए हैं।
बुधवार के दिन इस्राइल के रक्षामंत्री और लष्करी अफसरों की बैठक के दौरान गाज़ापट्टी में सेना घुसाने का निर्णय होने की खबरें सामने आ रही हैं। इस्राइल के टैंक और तोप गाज़ापट्टी पर आग बरसाने लगे हैं। इस वजह से इस्राइली सेना किसी भी क्षण गाज़ा में प्रवेश करके कार्रवाई करेगी, ऐसी बातें हो रही हैं। इसी बीच इस्राइल और वेस्ट बैंक शहरों में हो रहे ज्यूधर्मी और पैलेस्टिनियों के दंगे रोकने की ज़िम्मेदारी रक्षामंत्री गांत्ज़ ने आरक्षित बल को प्रदान की है।
इस्राइल और गाज़ापट्टी के इस संघर्ष पर तुर्की और ईरान से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। इस्राइल के अत्याचारों के खिलाफ पैलेस्टिनियों ने शुरू किया हुआ यह संघर्ष ऐसा ही जारी रखने और इस्राइल पर रॉकेट्स की बौछार करते रहने की सलाह ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने दी है। इस दौरान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की। पैलेस्टिनियों की सुरक्षा के लिए गाज़ापट्टी में अंतरराष्ट्रीय सेना की तैनाती करें, ऐसी माँग एर्दोगन ने की है। साथ ही इस्राइल को सबक सिखाना ही होगी, ऐसी भूमिका भी एर्दोगन ने पुतिन के सामने रखी है, ऐसा तुर्की के माध्यमों का कहना है।