वॉशिंग्टन – ‘देश के कर्ज़ का भुगतान करना मुमकिन ना होने से यह कर्ज़ डूब जाना, यह बात ही अकल्पनीय है। अमरीका की संसद कर्ज़ की मर्यादा बढ़ाने में नाकाम हुई तो अमरिकी अर्थव्यवस्था पर गंभीर और भयावह संकट टूट सकता है’, ऐसा इशारा अर्थमंत्री जैनेट येलेन ने किया। कर्ज़ का भुगतान करने में अमरीकी सरकार नाकाम हुई है, यह बात अमरीका के इतिहास में अभूतपूर्व घटना साबित होगी, यह इशारा भी येलेन ने दिया।
मार्च में अमरीका के सरकारी कर्ज़ का भार बढ़कर २८ ट्रिलियन डॉलर्स तक जा पहुँचा है। अन्य सार्वजनिक एवं निजी कर्ज़ों को मिलाया जाए तो अमरीका पर कर्ज़ का भार बढ़कर सीधे ८५ ट्रिलियन डॉलर्स तक जाता है। अमरीका के मौजूदा ‘जीडीपी’ की तुलना में कर्ज़ में यह रकम चार गुना से भी अधिक है। सिर्फ सरकारी कर्ज़ का विचार किया जाए तो अमरीका के हर नागरिक के सिर पर ८५ हज़ार डॉलर्स का कर्ज़ होने की बात समझी जाती है।
दो वर्ष पहले अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कर्ज़ की मर्यादा (डेट सिलिंग) स्थगित करने का निर्णय किया था। यह स्थगिती ३१ जुलाई तक बरकरार रहेगी और तब तक नया निर्णय नहीं लिया गया तो बायडेन प्रशासन को आगे खर्च करने के लिए एवं कर्ज़ का भुगतान करने के लिए निधी उपलब्ध नहीं हो पाएगा। यह बात अमरिकी अर्थव्यवस्था के लिए काफी गंभीर संकट साबित होगा, यह इशारा अर्थमंत्री येलेन ने दिया है। अमरिकी संसद पर हम पूरा विश्वास रखते हैं और वह जल्द से जल्द कर्ज़ की मर्यादा बढ़ाने का या स्थगित करने का निर्णय करे, यह आवाहन भी उन्होंने किया।
कोरोना की महमारी से अमरिकी अर्थव्यवस्था अब भी नहीं संभली है। अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए प्रशासन ने अलग अलग योजनाओं के माध्यमों से छह ट्रिलियन डॉलर्स का अतिरिक्त निधी उपलब्ध कराया है। इस वर्ष के अन्त तक इसके परिणाम सामने आने की संभावना है और इससे अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त होगी, यह संकेत दिए गए हैं। लेकिन, कर्ज़ की मर्यादा पर निर्णय नहीं लिया गया तो अर्थव्यवस्था में बड़ी उथल-पुथल हो सकती है।
‘अमरीका के अर्थ विभाग ने कोरोना की पृष्ठभूमि पर अदायगी के लिए कुछ अतिरिक्त प्रावधान किए हैं। लेकिन, इसकी अवधि भी अगस्त में खत्म हो जाएगी। इसके बाद यदि निधी उपलब्ध नहीं हुआ तो बांड़ खरीदनेवाले अन्य देशों की सरकारों के साथ उद्यमियों को आर्थिक किल्लत महसूस होने की संभावना है। इससे संकट की नई श्रृंखला शुरू हो सकती हैं। इससे नया आर्थिक संकट उभरेगा और महामारी से बाहर निकलते समय अमरीका में उपलब्ध नौकरियाँ और जनता की बचत पर दुष्प्रभाव पड़ेगा’, यह इशारा अर्थमंत्री येलेन ने दिया है।
इससे पहले २०११ में राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के कार्यकाल में सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच ‘डेट सीलिंग’ के मुद्दे पर जोरदार सियासी संघर्ष हुआ था। कुछ दिनों के लिए ‘शटडाऊन’ के लिए भी अमरिकी प्रशासन मज़बूर हुआ था।
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