काबुल – ‘अफ़गानिस्तान में हिंसा फैला रहे तालिबान के आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की ‘स्पेशल फोर्सेस’ प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन कर रही है। पाकिस्तान की सेना ने तालिबान को स्नायपर राइफल्स की भी आपूर्ति की है। लेकिन, तालिबान की तुलना में अफ़गान सेना के हाथों में अच्छी और अधिक प्रगत स्नायपर राइफल्स हैं’, यह इशारा अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह ने दिया। बीते दो हफ्तों के दौरान अफ़गान के उप-राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान को दिया यह दूसरा इशारा है। तालिबान के साथ सहयोग जारी रखने की बड़ी कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी, यह इशारा सालेह ने कुछ दिन पहले ही दिया था।
अफ़गान सेना और तालिबान के बीच संघर्ष तीव होने का दावा किया जा रहा है। अफ़गान सेना ने तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए हैं और इसके वीडियो भी प्रसिद्ध किए हैं। साथ ही कुछ ठिकानों पर तालिबान ने कब्ज़ा किए जिले और सुरक्षा चौकियाँ अपने नियंत्रण में करने का ऐलान अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने किया है। अफगाणिस्ताना के स्थानीय नेता, गिरोह के प्रमुख और महिलाएँ भी इस संघर्ष में बड़ी संख्या में शामिल होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं।
उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने सोमवार के दिन सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में तालिबान के खिलाफ संघर्ष में स्थानियों से प्राप्त हो रहे समर्थन का ज़िक्र किया। साथ ही पश्चिमी देशों ने तेज़ी से सेना वापसी करने से कुछ ठिकानों पर खालीपन निर्माण हुआ है और इसका लाभ उठाकर तालिबान ने इन हिस्सों पर कब्ज़ा किया होने की जानकारी सालेह ने साझा की। तालिबान पाकिस्तानी सेना के इशारों पर काम कर रही है, यह आरोप भी सालेह ने लगाया।
‘तालिबान तीन गुटों में विभाजित हुई है। इनमें से एक गुट को पाकिस्तानी स्पेशल फोर्सेस सीधे प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान कर रही हैं। पाकिस्तान के पेशावर, क्वेट्टा और अन्य हिस्सों से तालिबान को सूचनाएँ दी जाती हैं’, ऐसा सालेह ने कहा। प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के साथ ही पाकिस्तानी सेना ने तालिबान को स्नायपर रायफल्स जैसे हथियार भी प्रदान किए होने की बात सालेह ने साझा की।
बीते महीने में अफ़गान सेना ने तालिबान के साथ लड़ रहे पाकिस्तानी सेना अधिकारी को भी गिरफ्तार किया था। इस अफसर ने भी पाकिस्तान के पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा में स्थित पारचिनार के अड्डे पर तालिबान के आतंकियों को प्रशिक्षण प्रदान होने की बात माध्यमों के सामने कबूली थी। साथ ही इस संघर्ष में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी एवं सैनिक पहले से ही तलिबान के साथ लड़ रहे हैं, ऐसा इस पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा था।
इसके बाद उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। पाकिस्तान ने आगे भी तालिबान को सहयोग प्रदान करना जारी रखा तो पाकिस्तान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह इशारा भी उन्होंने दिया था। तालिबान को सहायता प्रदान कर रहे पाकिस्तान के खिलाफ अफ़गान जनता के मन में असंतोष काफी तीव्र होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं।
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