यूक्रेन के ज़ैपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प का मसला फिर से बिगड़ने के संकेत

- रशिया परमाणु प्रकल्प को ‘ग्रिड’ से तोड़ने की कोशिश में होने का यूरोप का आरोप

ज़ैपोरिज़िया

किव/मास्को – रशिया ने ज़ैपोरिज़िया का परमाणु प्रकल्प ग्रिड से तोड़कर यूक्रेन समेत यूरोप को परमाणु आपत्त्ति की दहलिज़ पर खड़ा किया है, ऐसा आरोप यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया। रशिया ने इन आरोपों को स्पष्टरूप से ठुकराया है और यूक्रेन के हमलों की वजह से ही इस प्रकल्प में संकट निर्माण हुआ, ऐसी आलोचना की। गुरूवार को परमाणु प्रकल्प के करीब आग लगने की वजह से कुछ समय के लिए यह प्रकल्प नैशनल ग्रिड से खंडित किया गया था। शुक्रवार को यह प्रकल्प फिर से शुरू हुआ, यह जानकारी यूक्रेनी कंपनी एवं अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने साझा की। प्रकल्प में घटी नई दुर्घटना संभावित आपत्ति के संकेत देती है, यह दावा विशेषज्ञ एवं विश्‍लेषक कर रहे हैं।

फ़रवरी में यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद कुछ ही हफ्तों में रशिया ने यूक्रेन के ज़ैपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प पर कब्ज़ा किया था। यह प्रकल्प यूक्रेन के साथ यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा प्रकल्पों में से एक है और इसकी क्षमता कुल छह हज़ार मैगावेट की है। इस प्रकल्प में भारी मात्रा में संवर्धित युरेनियम एवं परमाणु र्इंधन के भांड़ार है। फिलहाल इस प्रकल्प में यूक्रेनी कंपनी के कर्मचारी ही कार्यरत हैं। यूक्रेन ने पिछले महीने दक्षिण यूक्रेन में रशिया के कब्ज़े वाले क्षेत्रों पर जवाबी हमले किए थे। इस पृष्ठभूमि पर पिछले कुछ दिनों में यह प्रकल्प फिर से चर्चा का केंद्र बना था।

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प्रकल्प में हो रहे हमलों के लिए रशिया और यूक्रेन ने लगातार एक-दूसरे को ज़िम्मेदार बताया है। रशिया ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद में भी अपना पक्ष रखा था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने इस प्रकल्प का जायज़ा लेने के लिए दौरा करने का ऐलान भी किया था। पिछले कुछ दिनों में आयोग का दल इस प्रकल्प में पहुँचेगा और इसके लिए रशिया के साथ समझौता होने की बात भी कही जा रही है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने आयोग के इस दौरे के लिए अनुमति प्रदान की है।

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लेकिन, इससे पहले वर्णित प्रकल्प में बड़ा हादसा होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। गुरूवार को परमाणु प्रकल्प के करीब कोयले के क्षेत्र में आग लगी। इस आग की वजह से परमाणु प्रकल्प को नैशनल ग्रिड से खंडित करना पड़ा। इस वजह से प्रकल्प बंद होने का खतरा भी बना था। ऐसा होता तो प्रकल्प से परमाणु एवं रेडिएशन का उत्सर्जन होने का खतरा था। लेकिन, कुछ समय बाद प्रकल्प में उभरी मुश्‍किलों को दूर हटाया गया और शुक्रवार को इस प्रकल्प का काम शुरू हुआ, ऐसा कहा गया है।

गुरूवार को घटी इस घटना के लिए यूक्रेन ने रशिया को ज़िम्मेदार बताया है। प्रकल्प ग्रिड से तोड़ने पर यूक्रेन के साथ पूरा यूरोप न्युक्लियर डिज़ास्टर से मात्र एक कदम दूरी पर था, यह आरोप यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने लगाया। प्रकल्प से बीजली सप्लाई कर रहे लाईन्स को रशिया ने नुकसान पहुँचाया, यह दावा भी उन्होंने किया है। विश्‍व ने इस खतरे को अच्छी तरह से समझना चाहिए, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, रशिया ने ऐसे सभी आरोप ठुकराए हैं। उल्टा यूक्रेन ही परमाणु प्रकल्प पर हमले कर रहा है और इन हमलों के लिए इस्तेमाल हो रही यंत्रणा नष्ट की गई है, ऐसा रशिया ने कहा।

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