तैपेई – चीन के विरोध में ‘सायबर वर्ल्ड वॉर थ्री’ के लिए ताइवान पूरी तरह सिद्ध होने की घोषणा साइबर सुरक्षा के प्रमुख चेन हुंग-वी ने की। हर महीने ताइवान पर दो से चार करोड़ साइबर हमले होते हैं। इनमें से अधिकांश साइबर हमलें इनमें से किए जा रहे हैं, ऐसा गंभीर आरोप हुंग-वी ने किया। लेकिन इनमें से अधिकांश साइबर हमलों का सामना ताइवान सफलतापूर्वक कर रहा है, ऐसा हुंग-वी ने कहा है।
ताइवान को निगलने के लिए चीन अलग-अलग मार्गों से कोशिशें कर रहा होने का आरोप ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने पिछले महीने में किया था। ताइवान की विरोध में क्षेपणास्त्र तैनात करने से लेकर ताइवान की सीमा में लड़ाकू विमान और विध्वंसकों की घुसपैंठ करवाना चीन ने जारी रखा है। साथ ही ताइवान के साथ सहयोग करनेवाले पलाऊ, पॅराग्वे, निकारगुआ इन देशों पर चीन ने राजनीतिक दबाव का इस्तेमाल किया, इस बात पर विदेश मंत्री वू ने अमरिकी न्यूज़ चैनल से वार्तालाप करते समय गौर फरमाया था। ताइवान के लोकतंत्रवादी नेतृत्व के विरोध में अपप्रचार करने के लिए चीन साइबर हमलों का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा दोषारोपण विदेश मंत्री वू ने किया था।
ताइवान की साइबर सुरक्षा के प्रमुख चेन हुंग-वी ने अमरिकी न्यूज़ चैनल से बात करते समय, चीन ताइवान के विरोध में साइबर विश्व युद्ध छेड़ने की तैयारी में है, ऐसा बताया। इसके लिए ताइवान की यंत्रणाएँ बड़ा साइबर सुरक्षा अभ्यास कर रहीं हैं, ऐसी जानकारी हुंग-वी ने दी। साइबर क्षेत्र के २४ से अधिक विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में ताइवान की सरकारी यंत्रणाओं पर लाखों साइबर हमले करके उनका सामना करने का अभ्यास किया जा रहा है, यह हुंग-वी ने स्पष्ट किया।
ताइवान के सारे व्यवहार बड़े पैमाने पर इंटरनेट पर निर्भर हैं। ‘गैस, पानी, बिजली तथा अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं को पूरी तरह डिजिटल किया गया है। इस कारण ऐसे साइबर हमलों के समय तलवार की पूरी यंत्रणा रह सकती है। इस कारण ऐसी तैयारी की आवश्यकता है, ऐसा हुंग-वी ने कहा।
हर महीने ताइवान की यंत्रणा ऊपर दो से चार करोड़ साइबर हमले किए जाते हैं। इनमें से अधिकांश साइबर हमले चीन में से किए जा रहे होने का आरोप ताइवान के साइबर सुरक्षा प्रमुख ने किया। इन साइबर हमलों की कार्यपद्धति को देखें, तो यकीनन ही इसका मूल चीन में है, ऐसा विश्वास हुंग-वी ने व्यक्त किया।
चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़े साइबर हमलावर, हैकर्स पिछले कुछ हफ्तों से चर्चा का विषय बन रहे हैं। भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जापान इन देशों पर हुए साइबर हमलों के पीछे चिनी हैकर्स होने की बात सामने आई है।
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