काबुल – ‘अमरीका ने बीते कुछ दिनों के दौरान अफ़गानिस्तान में तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमले बढ़ाए हैं। तालिबान ने अपनी हरकतें बंद नहीं की तो अफ़गान सेना की सहायता के लिए इन हवाई हमलों में बढ़ोतरी की जाएगी’, ऐसा इशारा अमरीका के ‘सेंटकॉम’ के प्रमुख जनरल केनिथ मैकेन्ज़ी ने दिया। मैकेन्ज़ी के इस बयान की वजह से अमरीका और तालिबान के बीच हुआ शांति समझौता खत्म होने की बात सामने आ रही है। अमरीका के हवाई हमलों के परिणाम जल्द ही सामने आएँगे, ऐसा तालिबान ने पहले ही धमकाया था।
ऐसे में कुछ घंटे पहले ही अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने फोन पर बातचीत की। अफ़गानिस्तान से अमरीका की सेना वापसी पूरी होने के लिए मात्र एक महीना शेष है। इससे पहले अफ़गान सरकार और सेना तालिबान के हमले रोके और राजधानी काबुल समेत देश के अन्य प्रांतों की राजधानियों को सुरक्षित करे, ऐसी सूचना बायडेन ने की है, यह दावा किया जा रहा है। अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने भी यही संदेश कुछ ही घंटे पहले जारी किया था।
अमरीका की ‘सेंट्रल कमांड’ (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल केनिथ मैकेन्ज़ी ने रविवार के दिन काबुल का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष गनी के साथ इस विषय पर बातचीत की। अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा के बाद जनरल मैकेन्ज़ी ने माध्यमों से बातचीत करते समय तालिबान के लिए सख्त संदेश दिया। तालिबान ने हमले बंद नहीं किए तो अफ़गान सेना की सहायता के लिए अमरीका के तालिबान पर जारी हवाई हमलों में बढ़ोतरी होगी, यह इशारा भी जनरल मैकेन्ज़ी ने दिया। लेकिन, क्या ३१ अगस्त तक वापसी पूरी करने के बाद भी तालिबान पर अमरीका के हमले जारी रहेंगे, इस सवाल पर सीधे जवाब देने से मैकेन्ज़ी दूर रहे।
इसी बीच, सेंटकॉम के प्रमुख ने राष्ट्राध्यक्ष गनी की सरकार को तालिबान के खतरे का अहसास कराया। ‘हम जल्द ही अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करेंगे, ऐसी दहशत तालिबान निर्माण कर रही है। लेकिन, लष्करी कार्रवाई से तालिबान अफ़गानिस्तान पर नियंत्रण हासिल नहीं कर सकती। राजनीतिक मार्ग से ही इस मसले का हल निकाला जा सकेगा’, ऐसा सुझाव जनरल मैकेन्ज़ी ने दिया। लेकिन, तालिबान बातचीत करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी पदत्याग करें, यह माँग रख रही है। इस वजह से राजनीतिक बातचीत की संभावना फिलहाल दिखाई नहीं देती।
इसी बीच अमरीका ने बीते हफ्ते कंदहार और हेल्मंड प्रांतों में स्थित तालिबान के ठिकानों पर लगातार दो दिन हमले किए थे। इन हवाई हमलों के लिए अमरीका ने पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल किया होने का आरोप कुछ पत्रकार लगा रहे हैं। पाकिस्तान कितना भी इन्कार करे, फिर भी अफ़गानिस्तान में तालिबान पर हमले करने के लिए अमरीका को अपनी हवाई सीमा का इस्तेमाल करने से पाकिस्तान रोक नहीं सकता, ऐसा इन पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है।
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