वॉशिंग्टन – कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर, जागतिक अर्थव्यवस्था शायद फिर से पहले जैसी होगी भी, लेकिन आर्थिक विकास असंतुलित रहने का डर होकर, गरीबी, असंतोष तथा भू-राजनीतिक तनाव में अधिक ही बढ़ोतरी होगी, ऐसी चेतावनी अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दी है। सन २०२१ के अंत तक हालाँकि अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई देगा, फिर भी अगले साल अर्थव्यवस्था फिर से धीमी होगी, ऐसा भी मुद्रा कोष की रिपोर्ट में बताया गया है।
कोरोना की पृष्ठभूमि पर गरीबी, असंतोष और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ेगा – अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की रिपोर्ट की चेतावनी
Article Published: July 29, 2021
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मुद्रा कोष की प्रमुख अर्थ विशेषज्ञ गीता गोपीनाथ ने मंगलवार को ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक आऊटलुक रिपोर्ट’ प्रकाशित की। इस रिपोर्ट का शीर्षक ही ‘फॉल्ट लाईन्स वायडन इन द ग्लोबल रिकव्हरी’ यह है। मुद्रा कोष ने अप्रैल महीने में जारी की रिपोर्ट के बाद, जागतिक स्तर पर हालातों में बड़ा बदलाव आने की बात इस रिपोर्ट में दर्ज की गई है। टीकों की उपलब्धता यह एक प्रमुख घटक के रूप में उदयित हुआ होकर, वह जागतिक अर्थव्यवस्था को विभाजित करनेवाली रेखा साबित हुआ है, इसपर अर्थ विशेषज्ञ गीता गोपीनाथ ने गौर फरमाया।
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