काबुल – अफ़गानिस्तान के हेरात प्रांत में स्थित संयुक्त राष्ट्रसंघ के मुख्यालय पर शुक्रवार के दिन हुए हमले में एक सैनिक मारा गया। इस हमले के लिए तालिबान ज़िम्मेदार होने का दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय संगठन के स्थानीय मुख्यालय पर हमला करके तालिबान ने भीषण गलती की है, यह दावा किया जा रहा है। इस पर अमरीका और पश्चिमी देशों की तीव्र प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो सकती हैं।
अफ़गानिस्तान के माध्यमों ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार तालिबानी आतंकी यहां के प्रांतों के राजधानियों पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार के दिन तालिबानी आतंकियों ने हेल्मंड प्रांत के लश्करगह शहर पर हमला किया। इस दौरान अफ़गान सेना और आतंकियों के बीच लंबे समय तक संघर्ष हुआ। इसके कुछ ही घंटों बाद तालिबानी आतंकियों ने अफ़गानिस्तान के पश्चिमी ओर के हेरात प्रांत की राजधानी हेरात शहर पर कब्ज़ा करने के लिए हमला किया।
अफ़गान सेना के साथ करीबन दो घंटे संघर्ष के बाद तालिबानी आतंकियों ने यहां के संयुक्त राष्ट्रसंघ के मुख्यालय की इमारत पर रॉकेट ग्रेनेड़ के हमले करके जोरदार गोलीबारी भी की। तालिबान के इस हमले में राष्ट्रसंघ की इमारत की सुरक्षा के लिए तैनात सैनिक मारा गया। इस हमले की पूरी जानकारी अभी प्राप्त नहीं हुई है।
लेकिन, प्रांतों की राजधानियों पर हमले करके और इसमें भी संयुक्त राष्ट्रसंघ के मुख्यालय पर हमला करके तालिबान ने दोहा समझौते का उल्लंघन करने का दावा अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं। दोहा समझौते के अनुसार तालिबान प्रांत की राजधानी पर हमले नहीं करेगी, यह तय हुआ था। साथ ही पश्चिमी देशों के सैनिकों और इमारतों पर भी हमले ना करने की शर्त तालिबान ने स्वीकारी थी। लेकिन, हेरात में हुए हमले के बाद तालिबान को दोहा समझौता मंजूर ना होने की बात स्पष्ट हो रही है।
तालिबान के इस हमले के बाद अमरीका और मित्रदेशों के प्रत्युत्तर की संभावना बढ़ी है। अमरीका के वरिष्ठ लष्करी अफसरों ने ऐसा इशारा भी दिया था।