वॉशिंग्टन/लंदन – ‘अमरीका ने अफ़गानिस्तान से सेना हटाकर काफी बड़ी भूल की है। वहां पर तालिबान की हुकूमत स्थापित हुई तो अल कायदा नए से उभरेगी। ऐसा हुआ तो ब्रिटेन फिर से अफ़गानिस्तान में सेना तैनात कर सकता है’, यह इशारा ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने दिया। इसी बीच ‘कमजोरी ही युद्ध को जन्म देती है और नेतृत्व की कमज़ोरी क्या अनर्थ कर सकती है, हम इसका अनुभव कर रहे है’, ऐसे तीखे शब्दों में आलोचना करके अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन को ही अफ़गानिस्तान की असफलता के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।
अफ़गानिस्तान के १८ प्रांतों की राजधानियों पर तालिबान ने कब्ज़ा किया है। अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल के ५० किलोमीटर दूरी तक तालिबान जा पहुँची है। तालिबान किसी भी क्षण काबुल पर कब्ज़ा करने के लिए जोरदार हमला करेगी, ऐसी स्थिति बन गई है। तालिबान को प्राप्त हुई यह कामयाबी और अफ़गान सरकार एवं सेना की नाकामी के लिए अमरीका ने यकायक की हुई वापसी ज़िम्मेदार होने का आरोप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगाया जा रहा है। अफ़गानिस्तान सरकार ने भी इसके लिए अमरीका की आलोचना की थी। अब अमरीका के करीबी सहयोगी ब्रिटेन ने भी बायडेन प्रशासन की वापसी यानी काफी बड़ी भूल होने का बयान किया है।
अमरिका पर ९/११ का भयंकर आतंकी हमला अल कायदा ने किया था। इसके लिए इस आतंकी संगठन का समर्थन तालिबान ने ही किया था, इस बात की याद ब्रिटेन के रक्षामंत्री ने कराई। अफ़गानिस्तान फिर से तालिबान के कब्ज़े में जाने का गंभीर खतरा खड़ा पैदा है। इस वजह से अफ़गानिस्तान में फिर से अल कायदा उभर सकती है, ऐसा कहकर रक्षामंत्री वॉलेस ने पूरे विश्व में इससे खतरा बढ़ेगा, इस बात का भी अहसास कराया। अस्थिरता के अधिन नाकाम देश हमेशा आतंकी संगठनों के लिए लाभकारी साबित होते हैं, इस ओर वॉलेस ने ध्यान आकर्षित किया। ऐसे में पश्चिमी देशों में यदि अल कायदा से फिर से खतरा बढ़ता है तो ब्रिटेन फिर से अफ़गानिस्तान में सेना की तैनाती कर सकता है, यह बड़ा ऐलान भी रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने किया।
९/११ के हमले के बाद अल कायदा को खत्म करने के लिए अमरीका ने आतंकवाद के खिलाफ शुरू किए युद्ध में ब्रिटेन भी शामिल था। अमरीका के साथ ही ब्रिटेन की सेना भी अफ़गानिस्तान में उतरी थी। इस वजह से ब्रिटेन के रक्षामंत्री का यह इशारा ध्यान आकर्षित करता है। अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त हो रही कामयाबी के लिए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ज़िम्मेदार होने की कड़ी आलोचना भी की। बायडेन के कमज़ोर नेतृत्व की वजह से ही तालिबान को अफ़गानिस्तान में आक्रामक होने का अवसर प्राप्त हुआ, यह आरोप पोम्पिओ ने लगाया। ९/११ के हमले का २०वां स्मरण दिवस करीब है और तभी तालिबान अफ़गानिस्तान में वर्चस्व प्राप्त कर रही है। इस वजह से अमरीका पर फिर से आतंकी हमला होने का खतरा बढ़ा है। ऐसा ना हो, इसके लिए जोरदार तैयारी करनी होगी, यह इशारा माईक पोम्पिओ ने दिया है।
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