अफ़गानिस्तान में अमरीका के परास्त होने के बाद तैवान को निगलने की तैयारी में चीन

विश्‍लेषकों का दावा

बीजिंग/ताइपे/वॉशिंग्टन – अमरिकी सेना ने अफ़गानिस्तान से की हुई वापसी और अफ़गान सरकार की हार, यह घटनाएं चीन को बल प्रदान करनेवाली साबित हुई हैं और अब तैवान को निगलने की चीन की तैयारी को अधिक गति प्राप्त होगी, यह इशारा विश्‍लेषकों ने दिया है। इसके साथ ही चीन के प्रसार माध्यमों ने भी अफ़गानिस्तान का मुद्दा उठाकर ताइवान को लक्ष्य किया है। सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने ‘अफ़गानिस्तान टुडे, ताइवान टुमारो’, इन शब्दों में अगले दिनों में अमरीका ताइवान को भी अकेला छोड़कर भागेगी, यह इशारा दिया है।

तैवान गिळंकृत, तैवान को निगलने

रविवार के दिन तालिबान के सामने शरणागत होकर अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दर्ज़ हो रही हैं और अधिकांश विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञों ने अमरीका के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। फ्रेंच विश्‍लेषक फ्रैंकोईस हेसबर्ग ने अमरीका की नीति के लंबे परिणाम होंगे, यह इशारा दिया है। अमरीका पर भरोसा करना संभव नहीं होगा, यही भावना अफ़गानिस्तान की घटनाओं से अधिक मज़बूत होगी, इस ओर भी हेसबर्ग ने ध्यान आकर्षित किया।

‘अमरीका ने अफ़गानिस्तान में सेना तैनाती के ज़रिये सुरक्षा का वचन दिया था। ताइवान को लेकर अगला कदम उठाताना चीन इसे उपहासात्मक नज़रिये से देखता होगा, इसमें संदेह नहीं है’, इन शब्दों में स्टुअर्ट लाऊ ने अमरीका के निर्णय की निंदा की। लाऊ, ‘पॉलिटिको’ नामक वेबसाईट के लिए बतौर विश्‍लेषक कार्यरत हैं। राजनीतिक विश्‍लेषक जस्मिन मुजानोविक ने अफ़गानिस्तान को विश्‍व के उभरते लोकतंत्रों के लिए सबक साबित होगा, यह इशारा दिया है। इस दौरान उन्होंने ताइवान के साथ ही युक्रैन और कोसोवो देशों का भी ज़िक्र किया। महासत्ताओं ने दिए वचनों का कोई मतलब नहीं होता, यही भावना दृढ़ होने का ड़र भी मुजानोविक ने व्यक्त किया।

तैवान गिळंकृत, तैवान को निगलने

विश्‍लेषक अमरीका के निर्णय की आलोचना कर रहे हैं, तो चीन के माध्यमों ने ताइवान को फटकार लगाना एवं धमकाना शुरू किया है। ‘स्ट्रेट हेराल्ड’ नामक अखबार ने ताइवान को यह इशारा दिया है कि, अमरीका पर ज्यादा भरोसा ना करें, अफ़गानिस्तान की स्थिति को देखें। ‘चायना अफेअर्स’ नामक वेबसाईट ने अपने इशारे में यह कहा है कि, अगले दिनों में ताइवान के क्षेत्र में युद्ध शुरू हुआ तो अमरीका ताइवान को भी छोड़कर भाग जाएगी। अफ़गानिस्तान से अमरीका ने की हुई वापसी सत्ताधारी नेताओं के लिए सबक है और वह अमरीका का प्यादा होने से दूर रहें, यह धमकी चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है।

इसी बीच मंगलवार से चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने ताइवान के करीबी क्षेत्र में ‘लाईव फायर असॉल्ट ड्रिल्स’ की शुरूआत करने की बात सामने आयी है। ‘पीएलए’ के ‘ईस्टर्न थिएटर कमांड’ ने ताइवान के करीबी क्षेत्र में युद्धपोत और लड़ाकू विमानों को रवाना करने की जानकारी लष्करी प्रवक्ता ने साझा की। अमरीका और ताइवान से हो रही उकसाने वाली हरकतों की पृष्ठभूमि पर इस युद्धाभ्यास का आयोजन हो रहा है, ऐसा चीनी प्रवक्ता ने कहा है।

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