तेलअवीव/सना/काबुल – तालिबान अभी भी ‘अल कायदा’ और अन्य आतंकी संगठनों से ताल्लुकात बनाए होने का इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने कुछ दिन पहले दिया था। लेकिन, तालिबान से बातचीत कर रहे अमरीका के बायडन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज किया था। अब तालिबान ने अफ़गानिस्तान में अपनी हुकूमत स्थापित करने की दिशा में गतिविधियाँ शुरू करने के बाद विश्वभर में मौजूद आतंकी संगठन खुलेआम तालिबान का समर्थन करने लगे हैं। साथ ही तालिबान ने अफ़गानिस्तान में इस्तेमाल किए ‘मॉडेल’ का अन्य देशों में प्रयोग करने की धमकी भी यह आतंकी संगठन दे रहे हैं। येमन, सीरिया में मौजूद अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठनों ने ऐसे ऐलान भी किए हैं।
अफ़गानिस्तान की गनी सरकार और अमरिकी सेना को खदेड़कर बाहर निकालने से विश्वभर के आतंकी संगठन तालिबान की सराहना कर रहे हैं। इनमें अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठन सबसे आगे होने की जानकारी सामने आ रही है। येमन में ‘अल कायदा इन अरेबियन पेनिन्सुला’, सीरिया की ‘हयात तहरिर अल-शाम’, ‘तुर्किस्तान इस्लामिक मुवमेंट’, पाकिस्तान की ‘तेहरिक ए तालिबान’ और गाज़ा की ‘हमास’ का इनमें समावेश है।
‘इस्लाम धर्म पर आधारित कानून और अधिकारों के अनुसार अमल करने के लिए हमलावर और घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए जिहाद का ऐलान ही एक सच्ची राह होने की बात तालिबान की इस जीत से सुस्पष्ट होती है’, ऐसी प्रतिक्रिया येमन स्थित अल-कायदा से जुड़े संगठन ने दर्ज़ की है। तालिबान के इस संघर्ष से प्रेरणा लेकर इसका येमन में इस्तेमाल करने का इशारा भी येमन की इस संगठन ने दिया है। तो सीरिया में मौजूद अल कायदा से जुड़े ‘हयात’ संगठन ने तालिबान को अगले दौर के संघर्ष की प्रेरणा कहा है।
‘कितना भी समय लगने दो, फिर भी आक्रमकों के विरोधी युद्ध में हमारी ही जीत होगी’, यह कहकर हयात ने सीरिया में अस्साद हुकूमत के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का इशारा दिया। तालिबान ने अफ़गानिस्तान में अपनी लष्करी गतिविधियाँ बढ़ाने के साथ ही सीरिया में हयात की गतिविधियों में भी बड़ी बढ़ोतरी होने के इशारे इस्रायली और अमरिकी विश्लेषकों ने दिए थ। अफ़गानिस्तान में प्राप्त हुई जीत के बाद हमास, तुर्किस्तान इस्लामिक मुवमेंट और तेहरिक ए तालिबान जैसे आतंकी संगठनों ने भी तालिबान की सराहना की।
हमास ने तालिबान के दूसरे क्रमांक का नेता मुल्ला बरादर और हमास का नेता इस्माईल हनिया की कतार में हुई भेंट के फोटो जारी किए। मई में इस्रायल और हमास के बीच ११ दिनों के युद्ध के दौरान बरादर और हनिया की भेंट हुई थी, यह जानकारी हमास ने प्रदान की। गाज़ा के आतंकी संगठन और तालिबान की बढ़ती नज़दीकियाँ इस्रायल के लिए खतरनाक होने का इशारा इस्रायली माध्यमों ने कुछ दिन पहले ही दिया था।
इसी बीच अफ़गानिस्तान के संघर्ष में तालिबान की जीत हुई तो अल कायदा फिर से खड़ा होगा और अमरीका पर ९/११ जैसे आतंकी हमले होंगे, यह इशारा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने दिया था। लेकिन, पेश की गई संबंधित रपटों को बायडेन प्रशासन ने अनदेखा करने की जानकारी सामने आ रही है। तालिबान की जीत के बाद येमन, सीरिया, गाज़ापट्टी के अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठनों की बढ़ती गतिविधियाँ और धमकियों ने अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के इस इशारे की अहमयित अधिक बढ़ाई है।
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