ताइपे – चीन के हमले पर प्रत्युत्तर देने के लिए ताइवान ने मिसाइलों का उत्पादन बढ़ाकर अपना भंड़ार बढ़ाए, ऐसी सलाह पूर्व रक्षा सचिव त्साई मिंग-सिन ने दी है। चीन की हुकूमत ने कुछ वर्ष पहले ताइवान को धमकाते समय यह कहा था कि, चीनी सेना ने अपने हज़ार मिसाइलों का रुख ताइवान की दिशा में किया है। इस पृष्ठभूमि पर पूर्व रक्षा सचिव का यह इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।
चीन ने बीते दो वर्षों में ताइवान के खिलाफ अपनी नीति अधिक आक्रामक करना शुरू किया है। पहले शांति के मार्ग से ताइवान का विलय करने संबंधी बयान करनेवाली चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत अब खुलेआम हमला करके ताइवान पर कब्ज़ा करने का बयान करने लगी है। बीते महीने कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा एवं चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ताइवान के विलय के मुद्दे पर आक्रामक शब्दों में इशारा दिया था। ‘ताइवान की आज़ादी के लिए हो रही किसी भी तरह की कोशिश कड़े निर्धार के साथ कार्रवाई करके नाकाम की जाएगी, यह इशारा देकर ताइवान का मुद्दा चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत कभी नहीं छोड़ेगी, यह इशारा जिनपिंग ने दिया था।
चीन द्वारा ताइवान विरोधी लष्करी मुहिम की तैयारी भी बड़े जोरों से शुरू होती दिख रही है। बीते तीन महीनों के दौरान चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने ताइवान के करीबी समुद्री क्षेत्र के साथ साउथ चायना सी में लगभग १०० ड्रिल्स करने की जानकारी सामने आयी है। ताइवान की खाड़ी के अलावा ‘ईस्ट चायना सी’ के क्षेत्र में लगभग डेढ़ सौ ‘स्टेल्थ’ लड़ाकू विमानों की तैनाती की गई है। ताइवान के खिलाफ ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ की तीव्रता भी बढ़ाई गई है और युद्धपोत, पनडुब्बियाँ एवं लड़ाकू विमान लगातार तैवान की सीमा से टकरा रहे हैं।
चीन की इन विस्तारवादी गतिविधियों का अमरीका एवं मित्रदेशों ने गंभीरता से संज्ञान लिया है और ताइवान की सुरक्षा के लिए कदम उठाना शुरू किया है। अमरीका एवं यूरोपिय देशों के युद्धपोत ताइवान के करीबी क्षेत्र में लगातार गश्त लगा रहे हैं। जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने स्पष्ट तौर पर ताइवान के पक्ष में उतरने के संकेत दिए हैं। अमरीका ने हाल ही में ताइवान को ४० ‘होवित्ज़र’ तोप एवं अन्य हथियार प्रदान करने की अनुमति प्रदान की हैं। इस पृष्ठभूमि पर ताइवान ने स्थानीय स्तर पर भी हथियारों का निर्माण करने पर ध्यान केंद्रीत करने की बात सामने आ रही है। कुछ महीने पहले ही ताइवान ने स्वदेशी पनडुब्बी के निर्माण का ऐलान किया था। ताइवान ने विध्वंसकों का निर्माण भी शुरू किया है और कुछ विध्वंसक नौसेना में दाखिल भी हुई हैं। अप्रैल में ताइवान ने स्वदेशी लड़ाकू विमान का निर्माण प्रगति की राह पर होने की जानकारी साझा की थी।
इसके बाद स्वदेशी तोप एवं बख्तरबंद गाड़ियों का विकास करने के संकेत भी दिए गए हैं। अमरीका से ‘एंटी सबमरिन हेलिकॉप्टर्स’ प्राप्त करने की तैयारी भी शुरू होने का दावा ताइवान के सूत्रों ने किया है। इसके लिए रक्षा खर्च में प्रावधान किया जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार ताइवान अमरीका से १० ‘एमएच-६०आरसी हॉक’ हेलिकॉप्टर्स खरीद सकता है। यह सभी तैयारी जारी होने के दौरान ही ताइवान के पूर्व सचिव ने मिसाइल निर्माण एवं भंड़ारण पर जोर देने की सलाह अहमियत रखती है। पूर्व रक्षा सचिव त्साई मिंग-सिन ने मिसाइलों की तैनाती ‘असिमेट्रिक वॉरफेअर’ के नज़रिये से अहम साबित होगी, यह इशारा भी दिया है।
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