काबुल हवाई अड्डे पर ‘आयएस’ के रॉकेट हमले – अमरिकी हवाई सुरक्षा यंत्रणा ने हमलों को रोका

हवाई सुरक्षा यंत्रणा

काबुल – अमरिकी सेना ने रविवार के दिन काबुल हवाई अड्डे के करीब ‘आयएस-खोरासन’ के आत्मघाती हमलावरों पर किए हुए ड्रोन हमले में दस लोग मारे गए। इनमें पांच नागरिकों का समावेश है। अमरीका की इस कार्रवाई के चौबीस घंटे पूरे होने से पहले ही सोमवार की सुबह आयएस के आतंकीयों ने काबुल हवाई अड्डे की दिशा से पांच रॉकेटस्‌ दागे। हवाई अड्डे पर तैनात हवाई सुरक्षा प्रणाली ने इन रॉकेटस्‌ को सफलता से नष्ट किया, यह दावा अमरीका ने किया। इसी बीच काबुल हवाई अड्डे पर राहतकार्य बंद हुआ है और तालिबान के आतंकी हवाई अड्डे के इलाके पर कब्ज़ा करने लगे हैं।

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आयएस’ के दो से अधिक आत्मघाती हमलावरों को ड्रोन हमले से ढ़ेर करके काबुल हवाई अड्डे पर बड़ा हमला करने की साज़िश नाकाम की गई, यह दावा अमरीका ने रविवार के दिन किया था। लेकिन, सोमवार के दिन काबुल के सलिम कारवा इलाके में रुकी हुई गाड़ी में से हवाई अड्डे की दिशा में रॉकेट हमले किए गए। अमरीका ने काफी पहले से काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए ‘सी-रैम’ यंत्रणा तैनात की थी। इसी यंत्रणा ने तीन हमलावर रॉकेटस्‌ को सफलतापूर्वक नष्ट किया। इसके अलावा एक रॉकेट हवाई अड्डे के करीबी इमारत पर और दूसरां एक गाड़ि पर गिरने का दावा किया जा रहा है। इस हमले में जान का नुकसान हुआ या नहीं, इसकी जाँच जारी है। आयएस-खोरासन ने इन रॉकेट हमलों का ज़िम्मा स्वीकारा है।

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अमरिकी सैनिकों का एक दल काबुल हवाई अड्डे पर तैनात है और अगले कुछ घंटों में वह भी वापस जाएगा। इसके बाद काबुल हवाई अड्डे का ज़िम्मा तालिबान और तुर्की या कतार के हाथों में होगा, यह दावे किए जा रहे हैं। तुर्की और तालिबान की इस मुद्दे पर बातचीत होने की बात कही जा रही है। लेकिन, बीते हफ्ते में काबुल हवाई अड्डे से वापसी कर रहे तुर्की ने कतार के साथ चर्चा शुरू करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इस वजह से कतार के सैनिक काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा का संयुक्त ज़िम्मा उठा सकते हैं, यह भी कहा जा रहा है।

इसी बीच रविवार की रात को अमरीका और नाटो के सैनिकों से भरा विमान पाकिस्तान के इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर उतरा था। इसके फोटो भी सामने आए थे। एक रात नाटो के सैनिक इस्लामाबाद में रहे। सोमवार के दिन नाटो के विमान ने यूरोप की दिशा में उड़ान भरी, यह दावा किया जा रहा है। माध्यमों में प्रसिद्ध हुए इन फोटोज़्‌ को लेकर पाकिस्तान सरकार ने कुछ भी जानकारी साझा नहीं की है।

लादेन का सुरक्षाप्रमुख अफ़गानिस्तान में दाखिल 

ओसामा बिन लादेन की सुरक्षा का प्रमुख ‘अमिन उल हक’ अफ़गानिस्तान लौट आया है। उसके फोटो और वीडियो माध्यमों में प्रसिद्ध हो रहे हैं। कुछ दिन पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने यह दावा किया था कि, अल कायदा अफ़गानिस्तान में खत्म हो चुकी है। लेकिन, अमिन उल हक के लौटने की वजह से अल कायदा अभी भी मौजूद है और तालिबान के साथ सहयोग की बात स्पष्ट हो रही है।

सुरक्षा यंत्रणा

अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा से करीबी नांगरहार प्रांत में स्थित अमिन उल हक अपने घर लौट आया है। अमरीका के हमले के बाद ओसामा बिन लादेन कुछ समय के लिए तोरा-बोरा की पहाड़ियों में छुपा था। तब अमिन भी ओसामा के साथ ही था। अल कायदा के वरिष्ठ सदस्यों में से एक के तौर पर अमिन का ज़िक्र होता है।

अल कायदा को खत्म करना ही अमरीका के अफ़गानिस्तान पर हमला करने का प्रमुख लक्ष्य था। यह प्राप्त होने से अब अफ़गानिस्तान में सेना तैनात रखने की आवश्‍यकता नहीं है, यह दावा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। साथ ही तालिबान ने अल कायदा से ताल्लुकात तोड़ दिए हैं, यह बयान भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया था। उनके यह दोनों दावे अमिन उल हक के लौट आने से पूरी तरह से खारिज़ हुए हैं। इससे अमरीका में काफी बड़ी राजनीतिक गूँज सुनाई दे सकती है।

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