वॉशिंग्टन – ‘बीते बीस वर्षों की तुलना में अमरीका निश्चितरूप सुरक्षित हुई है। लेकिन, अफ़गानिस्तान से सेना वापसी करने का निर्णय गलत ही था क्योंकि, इसकी वजह से अमरीका ने अफ़गानिस्तान में अपने ‘आँख’ और ‘कान’ को खोए हैं’, ऐसी आलोचना अमरीका की पूर्व विदेशमंत्री काँडोलिज़ा राईस ने की।
९/११ के आतंकी हमले के बाद अमरीका ने अफ़गानिस्तान में आतंकवाद विरोधी युद्ध शुरू किया था। इस हमले में कम से कम ३ हज़ार अमरिकी नागरिक मारे गए थे। इस घटना के २० वर्ष हाल ही में पूरे हुए। इस अवसर पर अमरीका के शीर्ष समाचार चैनल ने अमरीका की भूतपूर्व विदेशमंत्री काँडोलिज़ा राईस का साक्षात्कार किया। इस दौरान अमरीका की सुरक्षा व्यवस्था में हुए बदलाव को लेकर राईस से सवाल किया गया। इस पर बोलते समय पूर्व विदेशमंत्री ने कहा कि, अमरीका की सुरक्षा में निश्चितरूप से बड़े बदलाव आए हैं और पहले की तुलना में अमरीका अब अधिक सुरक्षित है।
९/११ के हमले के बाद अमरीका ने ‘होमलैण्ड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट’ और ‘नैशनल काऊंटर टेररिज़म सेंटर’ का गठन किया। इस वजह से अमरीका पर आतंकी हमलों को रोकने के लिए सहायता प्राप्त हुई, ऐसा राईस ने कहा। साथ ही अमरीका पर भीषण हमला करनेवाली अल कायदा को तोड़ने में भी कामयाबी हासिल हुई, ऐसा अमरीका की पूर्व विदेशमंत्री स्पष्ट किया। लेकिन, ‘अमरीका को बीते २० वर्षों में प्राप्त हुई सफलता और अफ़गानिस्तान से सेना वापसी का निर्णय दोनों अलग अलग बाते हैं’, यह बात राईस ने ड़टकर कही।
‘इस सेना वापसी के साथ अमरीका ने अफ़गानिस्तान में मौजूद अपनी ‘आँख’ और ‘कान’ खोए हैं और यह बात हमें व्यथित करती है क्योंकि, अफ़गानिस्तान में सेना तैनाती के कारण आतंकियों पर नज़र रखना और उन पर कार्रवाई करना मुमकिन था। बगराम और अन्य हवाई अड्डों की वजह से अमरीका को आतंकी ठिकानों पर ड्रोन हमले कर पाना मुमकिन हो रहा था। इसलिए सेना वापसी के साथ ही अमरीका ने अपना सामर्थ्य खो दिया है’, ऐसी तीखी आलोचना पूर्व विदेशमंत्री राईस ने की।
राईस ने इससे पहले भी अमरीका की सुरक्षा के लिए अफ़गानिस्तान में मौजूद कान और आँख अहम होने का ज़िक्र किया था। साथ ही उन्होंने बायडेन प्रशासन का अफगानिस्तान से पूरी सेना की वापसी के निर्णय का ड़टकर विरोध किया था।
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