सीरिया के संघर्ष में साढे तीन लाख लोगों की मौत – संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानव अधिकार प्रमुख का दावा

जिनेवा – सीरिया में बीते दशक से जारी संघर्ष में अब तक साढे तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। इनमें सीरियन जनता के साथ आतंकियों का भी समावेश होने की जानकारी संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार संघ की प्रमुख मिशेल बैशलेट ने प्रदान की। लेकिन, यह जानकारी सही नहीं है और मृतकों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, यह बात बैशलेट ने कबूली है। कुछ महीने पहले ब्रिटेन स्थित मानव अधिकार संघ ने सीरिया के संघर्ष में छह लाख से अधिक लोगों के मारे जाने का दावा किया था।

मानव अधिकार प्रमुख

इस वर्ष मार्च में सीरिया में शुरू हुए गृहयुद्ध के दस वर्ष पूरे हुए। वर्ष २०१० के दिसंबर में उत्तर अफ्रीका के त्युनिशिया में अरब स्प्रिंग से चिंगारी उठी थी। इसके बाद तीन महीनों में ही इसी अरब स्प्रिंग की लहर सीरिया में फैली और अस्साद हुकूमत के खिलाफ बड़ा संघर्ष शुरू हुआ था। शुरू में अस्साद हुकूमत और सीरिया की विद्रोही संगठनों के बीच यह गृहयुद्ध शुरू हुआ था। लेकिन, आयएस और अल कायदा जैसे आतंकी संगठन इस संघर्ष में उतरने की वजह से इस संघर्ष का दायरा बढ़ गया।

बीते दस वर्षों से जारी इस संघर्ष में ३ लाख ५० हज़ार २०९ लोगों के मारे जाने की जानकारी बैशलेट ने साझा की। सीरिया के अलेप्पो प्रांत में सबसे अधिक लोगों के मारे जाने का दावा मानव अधिकार संघ की प्रमुख ने किया। अलेप्पो में सीरियन सेना और विद्रोहियों के बीच हुए संघर्ष में ५१,७३१ लोग मारे गए हैं। इसके बाद इदलिब, देर अल-ज़ोर प्रांतों में मारे जानेवालों की संख्या उतनी ही चिंताजनक होने का बयान बैशलेट ने किया।

सीरिया में मारे गए लोगों की संख्या राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार संघ को प्राप्त हुई जानकारी पर निर्भर है। इसमें नाम और मौत का पंजीकरण हुए लोगों का समावेश होने की जानकारी बैशलेट ने प्रदान की। लेकिन, सीरिया में मारे गए कुल नागरिकों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, ऐसा बैशलेट ने कहा है। इसके अलावा दशकभर के इस संघर्ष के दौरान लापता हुए लोगों की जानकारी हम तक नहीं पहुँची है और यह जानकारी इकठ्ठा करने के लिए स्वतंत्र व्यवस्था खड़ी करने का ऐलान बैशलेट ने किया।

मानव अधिकार प्रमुख

संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार संगठन ने जारी की हुई जानकारी और ब्रिटेन स्थित सीरियन मानव अधिकार संगठन ने जून में पेश की हुई जानकारी में बड़ा फरक है। सीरिया में बीते दशक से जारी संघर्ष में मारे जानेवालों की संख्या छह लाख से अधिक होने का बयान ब्रिटेन स्थित संगठन ने किया था। सीरिया में पंजीकरण हुए लगभग पांच लाख दस्तावेजों के दाखिले से ब्रिटीश संगठन ने यह दावा किया था।

सीरिया में यह संघर्ष भड़कने के बाद वर्ष २०१५ में सबसे अधिक लोग मारे गए थे। वर्ष २०१४ के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने सीरिया में खूनखराबे की जानकारी सार्वजनिक करना टाल दिया था। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र संघ और ब्रिटेन स्थित संगठन बता रहे हैं उससे कहीं अधिक लोग सीरिया में मारे गए हैं। साथ ही इस संघर्ष के चलते ६७ लाख लोग विस्थापित और ६६ लाख लोग शरणार्थी बने हैं, यह दावे पहले प्रसिद्ध हुए थे।

सीरिया का यह संघर्ष अब भी खत्म नहीं हुआ है। इस देश के तकरीबन ६४ प्रतिशत क्षेत्र पर ही अस्साद हुकूमत का नियंत्रण है। सीरियन सरकार के खिलाफ लड़ रहे ‘सीरियन डेमोक्रैटिक फोर्सस’ ने उत्तर और ईशान कोण सीरिया के लगभग २५ प्रतिशत क्षेत्र पर नियंत्रण पाया है। तुर्की से जुड़े गुट ने सीरिया की ९ प्रतिशत और आतंकी ‘आयएस’ संगठन ने सीरिया की १ प्रतिशत भूमि हथियायी है, यह जानकारी भी सामने आ रही है।

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