अमरीका के ‘स्टारलिंक सैटेलाईटस्‌’ मिसाइलों का मार्ग बदल सकते हैं – रशियन अंतरिक्ष संस्था के प्रमुख का इशारा

मास्को – अंतरिक्ष से इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए अमरीका के ‘स्टारलिंक’ उपग्रह क्रूज़ मिसाइलों का मार्ग भी बदल सकते हैं, ऐसा इशारा रशियन अंतरिक्ष संस्था के प्रमुख ने दिया है। रशिया के ‘चैनल वन’ नामक समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार के दौरान ‘रॉस्कॉस्मॉस’ के प्रमुख दिमित्रि रोगोज़िन ने यह बयान करते हुए यह इशारा भी दिया है कि, इन उपग्रहों का इस्तेमाल ‘स्पेशल फोर्सेस’ एवं गुप्तचरों को संदेश पहुँचाने के लिए भी किया जा सकता है। अमरिकी उद्यमी एलॉन मस्क की ‘स्पेसेक्स’ कंपनी की योजना का भाग होनेवाले ‘स्टारलिंक’ के माध्यम से कुल ४२ हज़ार उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किए जा रहे हैं।

‘स्टारलिंक सॅटेलाईट्स’, मिसाइलों का मार्ग

उद्यमी एलॉन मस्क ने वर्ष २०१४ में उपग्रह के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना पेश की थी। इसके बाद बीते सात वर्षों में ‘स्टारलिंक’ के माध्यम से तकरीबन १,८०० उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए हैं और इनमें से १,६०० से अधिक उपग्रह सक्रिय हैं। इन उपग्रहों के माध्यम से लगभग एक लाख ग्राहकों को इंटरनेट की सुविधा प्रदान होने का दावा कंपनी ने किया है। यह सभी उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ के स्तर पर सक्रिय हैं। इस प्रकल्प के खिलाफ कुछ लोगों ने नाराज़गी जताई है और साथ ही यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि, इससे अंतरिक्ष में दुर्घटनाओं की संख्या एवं कचरे की मात्रा बढ़ेगी।

मस्क के इस प्रकल्प को अमरिकी सरकार भारी मात्रा में अनुदान प्रदान करती रही है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके रशियन अंतरिक्ष संस्था के प्रमुख ने यह दावा किया कि, इस प्रकल्प के पीछे का उद्देश्‍य अलग ही है। ‘अमरिकी सरकार ने स्टारलिंक प्रकल्प के लिए स्पेसेक्स कंपनी को लगभग ९० करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता प्रदान की है। अलग अलग माध्यमों से इस प्रकल्प के लिए प्रदान किए गए अनुदान की राशि तकरीबन २० अरब डॉलर्स तक जाने की संभावना है’, ऐसा कहकर अमरिकी सरकार को ऐसे प्रकल्प की क्या आवश्‍यकता है, यह सवाल भी दिमित्रि रोगोज़िन ने किया।

‘स्टारलिंक सॅटेलाईट्स’, मिसाइलों का मार्ग

‘स्टारलिंक योजना के उपग्रह सिर्फ इंटरनेट की सुविधा प्रदान नहीं करेंगे, बल्कि इनके माध्यम से क्रूज़ मिसाइलों को नियंत्रित करना मुमकिन होगा। क्रूज़ मिसाइल दागने के बाद इसके मार्ग में बदलाव किया जा सकता है। स्पेशल फोर्सेस एवं गुप्तचरों के नेटवर्क को आदेश देने के लिए भी ‘स्टारलिंक’ उपग्रहों का इस्तेमाल हो सकता है’, यह आरोप रोगोज़ोन ने लगाया है। इन उपग्रहों के माध्यम से रशिया विरोधी एवं राजनीतिक उद्देश्‍य रखनेवालों को इंटरनेट सुविधा प्रदान की जाएगी, यह आरोप भी उन्होंने लगाया है। रशिया ने उपग्रहों के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने के लिए ‘स्फेरा’ नामक स्वतंत्र योजना तैयार की है, यह बात भी ‘रॉस्कॉस्मॉस’ के प्रमुख दिमित्रि रोगोज़िन ने स्पष्ट की।

इसी बीच, रशिया की रक्षा अकादमी के अध्ययनकर्ताओं ने देश के तटीय क्षेत्र पर होनेवाला आक्रमण रोकने के लिए नई योजना पेश की है। इसके अनुसार अमरिकी युद्धपोतों ने यदि रशिया के तटीय क्षेत्र को लक्ष्य करने की कोशिश की तो इसका ड्रोन्स और लड़ाकू विमानों की सहायता से प्रत्युत्तर दिया जाएगा। रशिया के ‘एअर फोर्स मिलिटरी एज्युकेशन ऐण्ड सायंटिफिक सेंटर’ के अध्ययनकर्ताओं ने इस योजना को तैयार करने की बात कही जा रही है।

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