दक्षिण कोरिया-अमरीका का युद्धाभ्यास यानी हमले की ‘रिहर्सल’

उत्तर कोरिया द्वारा ‘प्रिएम्पटिव स्ट्राईक’ की क्षमता बढ़ाने का इशारा

प्योनग्यैंग/सेऊल – उत्तर कोरिया ने पहले जारी किए इशारों के बावजूद दक्षिण कोरिया ने अमरीका के साथ युद्धाभ्यास करने का निर्णय बरकरार रखा है और यह युद्धाभ्यास यानी हमले की ‘रिहर्सल’ होने का इशारा उत्तर कोरिया ने दिया है। यह युद्धाभ्यास अमरीका से उत्तर कोरिया के लिए बढ़ रहे लष्करी खतरे के संकेत हैं और इस पर प्रत्युत्तर देने के लिए उत्तर कोरिया अपनी ‘प्रिएम्पटिव स्ट्राईक’ की क्षमता अधिक बढ़ाएगी, यह इशारा उत्तर कोरिया ने दिया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन की बहेन किम यो जाँग ने यह धमकी दी है। मात्र एक हफ्ते के दौरान किम यो जाँग ने दक्षिण कोरिया को धमकाने का यह दूसरा अवसर है।

‘प्रिएम्पटिव स्ट्राईक’

बीते वर्ष जून में उत्तर कोरिया ने दोनों देशों के ताल्लुकात सुधारने के लिए स्थापित किए राजनीतिक दफ्तर को बम विस्फोट से नष्ट किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने दोनों देशों का संपर्क खंड़ित करके लष्करी और परमाणु गतिविधियाँ गतिमान कीं थी। बीते कुछ महीनों में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन ने चीन के साथ जारी सहयोग अधिक बढ़ाने की भी कोशिश की थी। यह सभी गतिविधियाँ दक्षिण कोरिया और अमरीका पर दबाव ड़ालने के लिए होने की बात कही जा रही है। दबाव ड़ालने की कोशिश के दौरान ही कुछ दिन पहले उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया ने फिर से एक-दूसरे के साथ संपर्क स्थापित करने का निर्णय किया था।

इसके बावजूद अमरीका और दक्षिण कोरिया के हो रहे युद्धाभ्यास के मुद्दे पर उत्तर कोरिया ने अपनी भूमिका में बदलाव ना करने की बात फिर से स्पष्ट हुई है। बीते हफ्ते में किम यो जाँग ने उकसानेवाले युद्धाभ्यास और साहसी निर्णय में से दक्षिण कोरिया किस विकल्प का चयन करता है, इस पर उत्तर कोरिया सरकार और सेना बारिकी से नज़र रखे हुए है, यह इशारा भी दिया था। उत्तर कोरिया की इस धमकी के बावजूद अमरीका और दक्षिण कोरिया ने युद्धाभ्यास निर्धारित समय के अनुसार ही करने का स्पष्ट किया था। अमरीका और दक्षिण कोरिया ने युद्धाभ्यास संबंधित भूमिका में बदलाव ना करने से उत्तर कोरिया अधिक आक्रामक भूमिका अपनाकर धमकाता हुआ दिख रहा है।

‘उत्तर कोरिया के इशारे के बावजूद अमरीका के साथ युद्धाभ्यास करने का निर्णय कायम रखना दक्षिण कोरिया की कपट नीति दर्शाता है। ऐसी नीति की वजह से सुरक्षा के लिए अधिक गंभीर खतरा निर्माण हो सकता है। इस युद्धाभ्यास से अमरीका के बायडेन प्रशासन का उत्तर कोरिया के प्रति दोगलापन दिखाई देता है’, ऐसा बयान तानाशाह किम जाँग उन की बहन किम यो जाँग ने किया है। अमरीका ने दक्षिण कोरिया से सेना और हथियार हटाए बगैर कोरियन क्षेत्र में शांति बनी नहीं रह सकती, यह इशारा भी किम यो जाँग ने दिया है।

अमरीका और दक्षिण कोरिया के युद्धाभ्यास की आलोचना करने के साथ ही उत्तर कोरिया अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाएगा, यह धमकी भी उन्होंने दी। उत्तर कोरिया के खिलाफ किसी भी लष्करी हमले को प्रत्युत्तर देना मुमकिन होगा, इस तरह से जोरदार ‘प्रिएम्पटिव स्ट्राईक’ करने की क्षमता अधिक मज़बूत की जाएगी, यह बयान भी किम यो जाँग ने किया। इसी बीच अमरीका और दक्षिण कोरिया का युद्धाभ्यास यानी संबंधित देशों ने उनके विनाश के लिए की हुई कार्रवाई साबित होती है, ऐसी धमकी भी तानाशाह किम जाँग उन के बहेन ने दी है।

इस धमकी के बाद दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच संपर्क बनाने के लिए स्थापित की गई ‘हॉटलाईन’ पर जवाब देना भी उत्तर कोरिया ने बंद किया है, यह जानकारी दक्षिण कोरिया ने साझा की है। इसी बीच अमरीका के रक्षा विभाग ने उत्तर कोरिया के इशारे पर बयान करने से इन्कार किया है।

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