बीजिंग/ताइपे – ताइवान के विलय के मुद्दे पर चीन दिन प्रतिदिन अधिकाधिक तीव्र भूमिका अपनाता जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के बयान के बाद चीनी माध्यम और ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने आक्रामक इशारे एवं धमकाने का सत्र शुरू किया है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने ताइवान को ‘डूम्सडे’ का मुकाबला करना पड़ेगा, यह धमकी दी है। इसके बाद चीन के रक्षा विभाग ने ताइवान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ हाय अलर्ट पर होने का इशारा दिया है।
चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने बीते हफ्ते एक समारोह के दौरान ताइवान के विलय के मुद्दे पर बयान किया था। ‘ताइवान के स्वतंत्रता एवं अलगाववाद का मुद्दा चीन को नई चेतना प्रदान करने में सबसे बड़ा अड़ंगा है। चीन का विलयन सच्चाई में उतरेगा और इसे शांति से पूरा करना ताइवान की जनता के हित में रहेगा’, यह इशारा चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया था। इस बयान पर ताइवान से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी। ताइवान की जनता किसी दबाव के सामने झुकेगी इस भ्रम में कोई भी ना रहे, यह इशारा ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई र्इंग-वेन ने दिया था। इसके बाद चीन के माध्यम और ‘पीएलए’ भी अधिक आक्रामक होती सामने आ रही है।
ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा के बयान के बाद मात्र २४ घंटों के भीतर चीन ने नया युद्धाभ्यास शुरू करने की बात भी सामने आयी थी। यह युद्धाभ्यास ताइवान पर हमला करने की तैयारी के लिए होने के दावे सूत्रों ने किए थे। इसके बाद ‘पीएलए’ के विमानों ने ताइवान की सीमा में फिर से मंड़राना शुरू किया था। शुक्रवार के दिन चीन के रक्षाबलों ने ताइवान को नया इशारा भी दिया है। इस इशारे में ताइवान विरोधी मुहिम के लिए ‘पीएलए’ हाय अलर्ट पर होने की बात कही गई है। ‘चीन के रक्षाबल ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थक हैं एवं इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने वाली बाहरी ताकतों को पराभूत करेंगे’, ऐसा इशारा रक्षा विभाग के प्रवक्ता तान केफेई ने दिया।
चीन के रक्षाबलों ने ताइवान के मुद्दे पर ‘हाय अलर्ट’ का ऐलान किया, और चीनी माध्यम भी आक्रामक होते दिखाई दे रहे हैं। बीते हफ्ते चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने चीन के सामने युद्ध के अलावा अन्य विकल्प नहीं है, ऐसी प्रखर भूमिका अपनाई थी। अब ताइवान को सीधे-सीधे ‘डूम्सडे’ की यानी संपूर्ण विनाश की धमकी दी गई है। चीन के हुकूमत के बयान ताइवान के मुद्दे पर आखिरी हल की तैयारी का दावा कर रहे हैं। इस बार चीन की परमाणु क्षमता का भी ज़िक्र किया गया है और इन परमाणु अस्त्रों की वजह से ताइवान को माध्यम बनाकर अमरीका अब चीन को ब्लैकमेल नहीं कर सकेगी, यह इशारा भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ के लेख में दिया गया है।
इस महीने के शुरू में चीन के तकरीबन डेढ़ सौ विमानों ने ताइवान के ‘एअर डिफेन्स आयडेंटिफिकेशन ज़ोन’ (एडीआयज़ेड) में घुसपैठ की थी। यह अब तक की सबसे बड़ी घुसपैठ है। लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के अलावा चीन ने ताइवान पर हमला करने के लिए अलग-अलग हिस्सों में युद्धाभ्यास शुरू करने की एवं तैनाती बढ़ाने की जानकारी भी सामने आ रही है। इस वजह से चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम स्तर पर पहुँचा है और कई विश्लेषक एवं विशेषज्ञों ने अब संघर्ष होने का अनुमान भी जताया है।
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