वॉशिंग्टन – ताइवान पर चीन के हमले का खतरा अधिक तीव्र हुआ है, ऐसा इशारा अमरीका के पूर्व रक्षाअधिकारी एल्ब्रिज कोल्बी ने दिया है। ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने भी एक साक्षात्कार के दौरान इस खतरे जिक्र किया है और अमरीका ताइवान की रक्षा करेगी, यह विश्वास भी व्यक्त किया है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने भी चीन ताइवान पर जबरदस्ती कर रहा है और इसकी वजह से इस क्षेत्र में स्थिरता भंग होने का आरोप लगाया है। इस पर चीन की आक्रामक प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है और चीन को कम समझने की कोशिश अमरीका ना करे, यह इशारा चीन के विदेश मंत्रालय ने दिया है।
चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत बीते वर्ष से ताइवान के खिलाफ अधिकाधिक आक्रामक रवैया अपना रही है। ताइवान की सीमा में अधिकाधिक लड़ाकू और गश्त विमानों को घुसाना, ताइवान के खिलाफ लगातार युद्धाभ्यास का आयोजन करना, सेना अधिकारी एवं सरकारी मुखपत्रों द्वारा दी जा रही धमकियाँ, ताइवान के प्रति अन्य देशों को दिए जा रहे इशारों के माध्यम से चीन अब ताइवान को लेकर चरम स्तर की भूमिका अपनाता हुआ दिख रहा है। चीन की इस बढ़ती आक्रामकता की वजह से विभिन्न देशों के अधिकारी एवं विशेषज्ञ लगातार चीन-ताइवान युद्ध के इशारे दे रहे हैं। कोल्बी का इशारा भी इसी का हिस्सा है।
पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान कोल्बी ने रक्षा विभाग में ‘डेप्युटी असिस्टंट सेक्रेटरी’ के तौर पर ज़िम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ नामक अखबार के लिए लिखे एक लेख में चीन द्वारा ताइवान पर होनेवाले हमले की तीव्रता अधिक बढ़ने का इशारा दिया है। ‘द फाईट फॉर ताइवान कुड कम सून’ नामक इस लेख में उन्होंने यह इशारा दिया है कि, चीन ही सबसे करीबी खतरा होगा, यह अहसास बायडेन प्रशासन को होने की जरुरत है। ऐसा नहीं हुआ तो युद्ध और युद्ध में पराजित होने का खतरा है, यह दावा भी कोल्बी ने किया।
चीन का ताइवान पर हमला अन्य लोगों की उम्मीद और अनुमान से अधिक जल्दी हो सकता है, इस ओर पूर्व रक्षा अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया। इसके लिए उन्होंने तीन वजहों का भी ज़िक्र किया है। चीन द्वारा ताइवान के प्रति दी जा रही धमकियाँ और व्यापक युद्धाभ्यास, इसमें पहली वजह बताई गई है। बीते २५ वर्षों में चीन ने रक्षाबलों के आधुनिकीकरण के लिए किया हुआ खर्च और ताइवान पर हमला करने की प्राप्त की हुई क्षमता को कोल्बी ने दूसरा कारण बताया है।
ताइवान के खिलाफ सफल लष्करी मुहिम चलाने के लिए कम अवसर बचने की भावना चीन की हुकूमत के दायरे में बढ़ रही है और अंतरराष्ट्रीय समूदाय की इस क्षेत्र की तैयारी पूरी होने से पहले हमला करने की माँग जड़ पकड़ रही है, यह तीसरी वजह होने का दावा अमरिकी अधिकारी ने किया है। इससे पहले अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच.आर.मैक्मास्टर ने भी ताइवान को चीन से काफी बड़ा खतरा होने की ओर ध्यान आकर्षित किया था। मैक्मास्टर ने अगले १२ महीने ताइवान के लिए बड़े अहम साबित होंगे, यह इशारा एक कार्यक्रम के दौरान दिया था।
अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने भी बुधवार के दिन ‘आसियान’ के साथ बैठक के दौरान चीन की ताइवान विरोधी गतिविधियाँ बढ़ने का दावा किया। ताइवान के खिलाफ चीन जबरदस्ती कर रहा है और इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता खतरे में होने का बयान बायडेन ने किया। इसी बीच ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने भी चीन का खतरा प्रतिदिन अधिक बढ़ने की कबुली दी हैं। अमरिकी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान यह कहते समय ताइवान में अमरिकी सेना का दल तैनात होने की जानकारी भी राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने प्रदान की। साथ ही यदि चीन ने ताइवान पर हमला किया तो अमरीका रक्षा करेगी, यह भरोसा होने का बयान भी उन्होंने किया।
ताइवान की राष्ट्राध्यक्ष के इस बयान पर चीन की तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है। चीन के निर्धार को कमज़ोर बताने की कोशिश अमरीका ना करे, यह इशारा चीन के विदेश मंत्रालय ने दिया है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने परमाणु हथियारों की स्पर्धा का ज़िक्र किया है और अमरीका को एक ही झटके में नष्ट करना मुमकिन होगा, ऐसी परमाणु क्षमता चीन प्राप्त करेगा, यह इशारा दिया है। साथ ही चीन ने अपने सामर्थ्य का इस्तेमाल करने का निर्णय किया तो फिर चीन में शामिल होना ही एकमात्र विकल्प ताइवान के सामने रहेगा, ऐसा बयान भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया है।
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