यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्र पर रशिया के मिसाइल हमले

- पोलैण्ड की सीमा से यूक्रेन पहुंच रही सहायता को लक्ष्य करने की रशिया ने बनाई रणनीति

मास्को – रशिया ने यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्र पर मिसाइल हमले शुरू किए हैं। पश्चिम यूक्रेन के लव्हिव और वॉलिन पर मंगलवार सुबह यह मिसाइल हमले किए गए। इस दौरान तीन लोगों के मारे जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है। यूक्रेन का लव्हिव शहर पोलैण्ड की सीमा से महज़ ७० किलोमीटर दूर हैं। इस वजह से वहां हुए रशिया के मिसाइल हमले यूक्रेन को रशिया के विरोध में सहायता पहुंचा रहें पोलैण्ड की निंदे उड़ा रहे हैं। यूक्रेन को प्राप्त हो रही सहायता खंड़ित करने की योजना ही रशिया के यहां हुए इन हमलों के पीछे होने की बात कही जा रही है।

पश्चिमी क्षेत्र

पिछले १८ महीनों से शुरू यूक्रेन युद्ध में रशिया ने बड़ी जोरदार बढ़त बनाई थी। पूर्व यूक्रेन का क्षेत्र ही पहले रशिया का प्रमुख लक्ष्य था। लेकिन, अब यूक्रेन के पश्चिमी इलाके पर रशिया ने हमले शुरू किए हैं। लविव्ह और वॉलिन शहर पर टकराई मिसाइल रशिया की नई रणनीति का आगाज दे रहे हैं। इन हमलों में लव्हिव में काफी इमारतों का नुकसान हुआ और तीन लोगों के मारे जाने का दावा स्थानीय यंत्रणाओं ने किया है। पश्चिम यूक्रेन का यह क्षेत्र अभी तक रशिया के हमलों से सुरक्षित था। लेकिन, अब रशिया के विरोध शुरू युद्ध के भीषण परिणाम यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में भी भुगतने होंगे, यह दिखाई दे रहा है।

पश्चिमी क्षेत्र

पश्चिम यूक्रेन की सीमा पोलैण्ड से जुड़ी हैं। इसी सीमा से पश्चिमी देश यूक्रेन को ज़रूरी सैन्य सामान एवं अन्य चीजों की आपूर्ति कर रहे हैं। पोलैण्ड ने भी यूक्रेन को भारी मात्रा में सैन्य सहायता प्रदान की है। इसके विरोध में रशिया ने पोलैण्ड को समय समय पर आगाह भी किया था। नाटो के सदस्य देश पोलैण्ड ने रशिया की चेतावनी की परवाह किए बिना यूक्रेन को सहायता मुहैया कराने का निर्णय किया था। लेकिन, अब पिछले कुछ हफ्तों से रशिया ने पोलैण्ड पर सैन्य दबाव बढ़ाने के लिए रणनीतिक निर्णय किए हैं।

पश्चिमी क्षेत्र

पोलैण्ड के पड़ोसी देश बेलारूस में रशिया की निजी सेना ‘वैग्नर ग्रूप’के हजारों सैनिकों की तैनाती हुई हैं। इससे पोलैण्ड असुरक्षित हुआ हैं और बेलारूस की सीमा पर पोलैण्ड ने भी भारी मात्रा में सेना तैनाती करना शुरू किया है। अब पोलैण्ड की सीमा से करीबी यूक्रेनी शहरों पर रशिया ने हमले करना पोलैण्ड की चिंता बढ़ा रहा हैं। इस वजह से आगे के समय में पोलैण्ड से यूक्रेन पहुंच रहे हथियार और रक्षा सामान रशिया के हमलों के लक्ष्य बन सकते हैं। रशियन हमले की वजह से यह सप्लाइ चेन बाधित होने के बाद यूक्रेनी सेना की स्थति अधिक बिगड़ेगी, ऐसे संकेत भी प्राप्त होने लगे हैं।

इसी बीच, रशिया के रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू ने फटकार लगाते हुए यह कहा है कि, अब पश्चिमी देशों की सहायता प्राप्त होने के बावजूद भी यक्रेनी सेना की ताकत खत्म हो रही हैं। इसके साथ ही रक्षा मंत्री शोईगू ने पश्चिमी हथियारों के दर्जा पर भी सवाल किए हैं। इस संघर्ष में पश्चिमियों ने यूक्रेन को प्रदान किए हथियारों से भी रशियान शस्त्र अधिक प्रभावी होने का दावा रक्षा मंत्री शोईगू ने किया हैं। साथ ही आगे के समय में यदि यूक्रेन क्लस्टर बम का प्रयोग करता हैं तो रशिया भी क्लस्टर बम से हमले करने में हिचकिचाएगी नहीं, यह कहकर शोईगू ने आगाह किया है।
आज तक इस युद्ध में क्लस्टर बम का इस्तेमाल ना करने का निर्णय रशिया ने किया था। लेकिन, इसपर फिर से सोचा जा सकता हैं, ऐसी चेतावनी रक्षा मंत्री शोईगू ने दी है।

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