वॉशिंग्टन – चीन और रशिया की हरकतों को रोकने के लिए प्रस्तावित किए गए ‘नाईन आईज् अलायन्स’ की योजना अमरीका के ‘डिफेन्स बिल’ में पेश की गई है। अमरिकी संसद की ‘हाऊस आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के सदस्य रुबेन गैलेगो ने इससे संबंधित सुधार पेश किए हैं। इस सुधार में गुप्तचर यंत्रणाओं के ‘फाईव आईज्’ नामक गुट का दायरा बढ़ाने के लाभ और खतरों की जानकारी मई २०२२ से पहले पेश की जाए, यह माँग रखी गई है। इससे पहले अमरिकी संसद की ‘इंटेलिजन्स सबकमिटी’ ने भी इसके लिए अपनी सिफारिश की थी।
दूसरे विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणाओं ने एक-दूसरे से सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया था। इसके बाद इस गुट में कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड का समावेश किया गया था। अमरीका और रशिया के शीतयुद्ध के दौर में इस गुट को मज़बूती प्रदान करने के कदम उठाए गए थे। शीतयुद्ध खत्म होने के बाद भी ‘फाईव आईज्’ कार्यरत है, लेकिन इसकी गतिविधियों का दायरा सीमित था। लेकिन, अब चीन और रशिया के गुट की हरकतों को प्रत्युत्तर देने के लिए ‘फाईव आईज्’ का दायरा बढ़ाने की कोशिश हो रही है।
‘फाईव आईज्’ के गठन के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खतरों के दायरे में बदलाव आया है। अब चीन और रशिया के खतरे में भी बढ़ोतरी हुई है और समिती को इसका अहसास है। महासत्ताओं की स्पर्धा में संघर्ष का सामना करना है तो ‘फाईव आईज्’ देशों को अधिक एकजुट होकर काम करने की ज़रूरत है। साथ ही अन्य समविचारी लोकतांत्रिक देशों से सहयोग प्राप्त करके यह दायरा अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है’, इस ओर संसद की ‘हाऊस आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ ने ध्यान आकर्षित किया है।
‘हाऊस आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के सदस्य रुबेन गैलेगो ने अमरीका के ‘डिफेन्स बिल’ में इसके लिए सुधार का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव की जानकारी साझा करते हुए गैलेगो ने ‘फाईव आईज्’ का ज़िक्र दूसरे विश्वयुद्ध के अवशेष के तौर पर किया। लेकिन, अब चीन पर नज़र रखने के लिए इस गुट का ‘अपडेट’ आवश्यक है, इन शब्दों में उन्होंने इन सुधारों का समर्थन किया। अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख संचालक और रक्षामंत्री मई २०२२ से पहले इससे संबंधित एक रपट पेश करें, यह माँग भी इस सुधार में की गई है।
‘फाईव आईज्’ का विस्तार करते समय इसमें भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और जर्मनी को शामिल करने के संकेत दिए गए हैं। डिफेन्स बिल के सुधार में भी इन देशों का ज़िक्र किया गया है।
बीते दशक से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की विस्तारवादी हरकतों की तीव्रता लगातार बढ़ती जा रही है। चीन की हुकूमत ने रशिया के साथ गठबंधन किया है और यह गठबंधन नया खतरा बनकर सामने आ रहा है। उनकी बढ़ती हरकतों को रोकने के लिए अमरीका ने पहल की है और विभिन्न सहयोगी देशों को साथ मिलाने की कोशिश जारी है। ‘फाईव आईज्’ का विस्तार भी इसी का हिस्सा है और चार नए देशों का समावेश होने के बाद यह गुट ‘नाईन आईज्’ में तब्दील होगा, ऐसा कहा जा रहा है।
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