‘नोवा खाकोवका डिजास्टर’ खेर्सन समेत दक्षिण यूक्रेन को रेगिस्तान में बदल देगा

- यूक्रेन के अधिकारियों की चेतावनी

किव/मास्को – ‘नोव खाकोवका’ बांध टूटने से खेर्सन प्रांत के साथ दक्षिण यूक्रेन रेगिस्तान में बदल जाएगा, ऐसी चेतावनी यूक्रेन के अधिकारियों ने दी। मंगलवार भोर समय खेर्सन प्रांत ते डिनिप्रो नदी पर बनाए ‘नोवा खाकोवका’ बांध पर विस्फोट किया गया था। इसके बाद इस बांध से भारी मात्रा में पानी का बहाव शुरू हुआ है और सैकड़ों किलोमीटर्स के इलाके में बाढ़ जैसे हालात बने हैं। रशिया और यूक्रेन दोनों देश व्यापक स्तर पर राहत अभियान में जुटे हैं और २० हज़ार से भी अधिक लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर स्थानांतरित किया गया है, ऐसी जानकारी साझा की गई है। बांध टूटने से उभरी बाढ़ जैसी स्थिति में पांच लोगों की मौत हुई है और ४० से अधिक घायल होने की जानकारी रशिया ने प्रदान की है।

रेगिस्तान

रशिया के नियंत्रण वाले खेर्सन प्रांत में स्थित ‘नोवा खाकोवका’ बांध का कुछ हिस्सा मंगलवार को विस्फोट करके तोड़ा गया था। यूक्रेन ने हमला करके इस बांध को नुकसान पहुंचाया है, ऐसा आरोप रशिया ने लगाया। वहीं, यूक्रेन और नाटो ने इस बांध को नुकसान पहुंचाने के पीछे रशिया का हाथ होने का आरोप लगाया था। रशिया विरोधी जवाबी हमलों का अभियान नाकाम होने की वजह से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए यूक्रेन ने ही इस बांध पर हमला किया है, ऐसा रशिया ने अपने दावों में कहा है। इसी दौरान डिनिप्रो नदी के ‘वेस्ट बैंक’ क्षेत्र में यूक्रेन ने जवाबी हमलों की शुरू तैयारी में अड़ंगा बनाने के लिए यह हमला किया गया होगा, ऐसा दावा यूक्रेन और नाटो के अधिकारियों ने किया।

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नोवा खाकोवका बंध टूटने की वजह से खेर्सन प्रांत पर खतरनाक नैसर्गिक आपदा का संकट होने की चेतावनी यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने दी थी। इसका वास्तव अब सामने आना शुरू हुआ है।

डिनिप्रो नदी के दोनों ओर के २५ से भी अधिक गांव और शहरों में भारी मात्रा में पानी भरा है और सैकड़ों किलोमीटर के इलाके में बाढ़ जैसे हालाथ बने हैं। हर दिन यह स्थिति अधिक से अधिक बिगड़ रही हैं और पानी से भरे इलाकों का दायरा लगातार बढ़ रहा है।

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नोवा खाकोवका बांध की क्षमता ६३५ अरब घन घुट है और यहां पर ३५७ मेगावैट जल बिजली प्रकल्प शुरू किया गया था। साथ ही झैपोरिझिआ परमाणु प्रकल्प के लिए भी इसी बांध के पानी का इस्तेमाल होता है। यूक्रेन के सबसे बड़े उपजाऊ क्षेत्र कहे जा रहे खेर्सन का खेती और अनाज का उत्पाद नोवा खाकोवका बांध पर निर्भर है। इस बांध पर ३१ सिंचाई परियोजनाएं बनाई गई है और लगभग छह लाख हेक्टर खेत जमीन को पानी की आपूर्ति होती है। रशिया के नियंत्रण वाले क्रिमिया प्रांत की अधिकांश पानी की ज़रूरत इसी बांध पर निर्भर है।

लेकिन, यही बांध टूटने से पूरा चित्र बदलने का ड़र यूक्रेनी अधिकारियों ने व्यक्त किया है। आगे के साल में खेर्सन प्रांत के साथ दक्षिण यूक्रेन की लाखो हेक्टर जमीन रेगिस्तान में तब्दिल होगी, ऐसी चेतावनी यूक्रेनी अधिकारियों ने दी। खेती के साथ ही यूक्रेन की पानी की आपूर्ति और बिजली निर्माण में भी बाधाएं आएगी और आगे के दौर में यूक्रेन को इस संकट के गंभीर परिणाम भूगतने पड़ेंगे, ऐसा इशारा भी दिया गया है।
इसी बीच, रशिया के नियंत्रण वाले अमोनिया गैस पाइपलाइन पर हुए हमले के बाद यूक्रेन के साथ किया ‘ग्रेन डील’ खत्म होगा, ऐसा दावा रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि मेस्कोव ने किया।

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