पांच-दस वर्षों में चीन-ताइवान युद्ध शुरू होगा और इसमें ऑस्ट्रेलिया भी खिंचा जाएगा

विशेषज्ञों का इशारा

कैनबेरा/बीजिंग/तैपेई – अगले पांच से दस वर्षों में चीन-ताइवान युद्ध शुरू होगा और इस युद्ध में ऑस्ट्रेलिया भी खिंचा जाएगा, ऐसा इशारा विशेषज्ञों ने दिया है। चीन ने अन्य किसी भी तरह की साज़िश की तब भी तैवान नहीं झुकेगा और तैवान पर कब्ज़ा करने के लिए चीन को लष्करी कार्रवाई को ही अंज़ाम देना होगा, ऐसा इशारा अमरीका की ‘स्टैन्फोर्ड युनिवर्सिटी’ की विश्‍लेषक और विशेषज्ञ ओरियाना मैस्ट्रो ने दिया है। चीन ने संबंधित लष्करी कार्रवाई करने का निर्णय किया तो अमरीका इस युद्ध में यकीनन उतरेगी और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को भी इस जंग में उतरना ही पड़ेगा, ऐसा अनुमान मैस्ट्रो ने व्यक्त किया है।

चीन-ताइवान युद्ध

चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत बीते साल से अधिक आक्रामक हुई है और अपनी विस्तारवादी नीति पर अमल करने के लिए तेज कदम उठा रही है। तैवान पर कब्ज़ा करना इसके आगे का चरण होगा। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एवं लष्करी अफसरों ने ताइवान पर हमले की योजना तैयार होने की बात स्पष्ट की है। अमरीका में सत्ता परिवर्तन होने के बाद ताइवान की सीमा में घुसपैठ में हुई बढ़ोतरी चीन के इरादों का अहसास करानेवाली साबित होती है।

इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया की ‘ला ट्रोब युनिवर्सिटी’ ने आयोजित किए एक ऑनलाईन चर्चा सत्र में अमरिकी एवं ऑस्ट्रलिया के विशेषज्ञों ने चीन-ताइवान युद्ध और ऑस्ट्रेलिया के समावेश के मुद्दे पर अपनी भूमिका स्पष्ट की। ‘ताइवान के खिलाफ चीन पुख्ता किस तरह के बल का प्रयोग करेगा, इस पर विवाद जारी है। ग्रे ज़ोन वॉरफेअर, दमन नीति, घुसपैठ, राजनीतिक संघर्ष ऐसे कई विकल्पों का चीन इस्तेमाल करेगा, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन, इस तरह के विकल्पों के सामने ताइवान की जनता नहीं झुकेगी। चीन की सेना ताइवान में उतरे बगैर चीन को ताइवान पर कब्ज़ा करना मुमकिन नहीं होगा। इस वजह से अगले कुछ वर्षों में चीन ‘एम्फिबियस लैण्डिग’ के माध्यम से ताइवान में दाखिल होने की कोशिश करेगा’, यह इशारा स्टैन्फोर्ड युनिवर्सिटी की विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञा ओरियाना मैस्ट्रो ने दिया है।

चीन-ताइवान युद्ध

ऐसें में ‘ऑस्ट्रेलिया के कुछ लोग यह सवाल कर रहे हैं कि, अमरीका पुख्ता क्या करेगी। ताइवान पर हमला होने पर अमरीका १०० प्रतिशत इस युद्ध में उतरेगी। चीन के कुछ गुटों का यह अनुमान है कि, ताइवान के संघर्ष में हम अमरीका समेत उनके मित्रदेशों पर हावी रहेंगे। अमरीका पूरी ताकत के साथ प्रत्युत्तर देने से पहले ही चीन के रक्षा बल ताइवान पहुँचने की संभावना रहेगी’, ऐसा कहकर इस बात पर गौर करें तो ऑस्ट्रेलिया इस युद्ध में उतरने के लिए मज़बूर हो जाएगी, यह दावा मैस्ट्रो ने किया।

‘ला ट्रोब युनिवर्सिटी’ के विशेषज्ञ निक बिस्ले ने चीन-ताइवान युद्ध अगले पांच से दस वर्षों में शुरू होने का खतरा होने का बयान किया। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने इशारा देकर यह कहा है कि, ताइवान के मुद्दे को यही पीढ़ी अंज़ाम देगी। इसे ध्यान में रखे तो जिनपिंग के कार्यकाल में ही चीन-ताइवान युद्ध होने की संभावना की ओर बिस्ले ने ध्यान आकर्षित किया। ‘नॉर्दन ऑस्ट्रेलिया एशिया सोसायटी’ के विश्‍लेषक गाय बोकन्स्टेन ने चीन-ताइवान युद्ध परंपरागत नहीं होगा, फिर भी ऑस्ट्रेलिया की इसमें खिंचे जाने संभावना शत प्रतिशत होने का बयान किया है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षाबल आकार से छोटे होने के बावजूद इस युद्ध के लिए सक्षम होने का अहसास भी उन्होंने इस दौरान कराया।

चीन-ताइवान युद्ध पर ऑस्ट्रेलियन नेताओं ने भी इससे पहले आक्रामक बयान किए थे। अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर डटन ने चीन और ताइवान का युद्ध होने से इन्कार करना मुमकिन ना होने का इशारा दिया था। तभी, गृह विभाग के सचिव मायल पेज़ुलो ने करीबी क्षेत्र से ज़ोर-ज़ोर से युद्ध के नगाड़े बजने लगे हैं, इन शब्दों में चीन-ताइवान युद्ध की संभावना जताई थी। ऑस्ट्रेलिया के कुछ अधिकारी एवं नेताओं ने ताइवान के क्षेत्र में संघर्ष शुरू होने पर ऑस्ट्रेलिया ने ऐसी स्पष्ट भूमिका रखी थी कि, अमरीकी सेना की सहायता करे।

इस पर चीन ने ऑस्ट्रेलिया को धमकाया भी था। ताइवान के मामले में ऑस्ट्रेलिया ने अमरिकी सेना को सहायता करने पर ऑस्ट्रेलिया के अहम लष्करी ठिकानों पर चीन मिसाइल हमले करेगा, ऐसी धमकी चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने जारी की थी।

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