चीन के ‘रियल एस्टेट क्रायसिस’ की वजह से अमरीका के साथ वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा – अमरीका के ‘फेडरल रिज़र्व’ का इशारा

‘फेडरल रिझर्व्ह’, ‘फेडरल रिज़र्व’

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र के संकट की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है और इससे अमरिकी अर्थव्यवस्था को भी झटका लगेगा, यह इशारा अमरीका के ‘फेडरल रिज़र्व’ ने दिया है। चीन की यंत्रणाओं ने कुछ उपाय किए हैं, फिर भी आर्थिक संकट की तीव्रता बढ़ने का खतरा अभी कायम है, यह इशारा भी फेडरल रिज़र्व ने दिया है। अमरीका की कुछ वित्तसंस्थाओं और अध्ययन मंड़लों ने चीन के ‘रियल एस्टेट क्रायसिस’ की तुलना अमरीका के ‘गृहकर्ज’ संकट से करके मंदी का ड़र जताया था।

बीते वर्ष से चीन के संपत्ति और निर्माण कार्य क्षेत्र की शीर्ष ‘एवरग्रैण्ड’ कंपनी के शेअर्स का मूल्य में ८० प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है। इस कंपनी पर कुल ३०५ अरब डॉलर्स कर्ज़ का भार है और इसके भुगतान के लिए कंपनी सक्षम ना होने के दावे किए जा रहे हैं। कंपनी के कुल कर्ज़ में से तीन कर्ज़ों का भुगतान करने में कंपनी पहले ही असफल रही है। इस कंपनी के बाद ‘फैंटैसिया’, ‘सिनिक होल्डिंग्ज्‌’ और ‘मॉडर्न लैण्ड’ जैसी कंपनियों ने प्राप्त किए कर्ज़ का भी बकाया होने की संभावना जताई गई है। ‘कैसा ग्रूप होल्डिंग्ज्‌’ कंपनी ने कर्ज़दाताओं से भुगतान के लिए अधिक समय की माँग की है और पतसंस्थाओं ने कंपनी के मानांकन की गिरावट होने का ऐलान किया है।

‘फेडरल रिझर्व्ह’, ‘फेडरल रिज़र्व’

इस पृष्ठभूमि पर ‘फेडरल रिज़र्व’ से प्राप्त हुआ इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है। ‘चीन की अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र के दायरे पर गौर करें तो निधि खड़ा करने में आ रहीं दिक्कतें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तनाव बढ़ा सकती हैं। चीन के वित्तीय बाज़ार में निर्माण हुआ संकट अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को खतरे में ड़ाल सकता है और इससे अमरीका को भी झटका लग सकता है। चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र में निर्माण हुआ संकट इस क्षेत्र में कर्ज़ में डुबी कंपनियों पर शुरू हुई कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में उभरी दिक्कतों का नतीजा है’, ऐसा फेडरल रिज़र्व ने कहा है।

‘फेडरल रिझर्व्ह’, ‘फेडरल रिज़र्व’

चीन की अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट और संबंधित क्षेत्र का हिस्सा लगभग ३० प्रतिशत है। दूसरी ओर चीन की बैंकों ने प्रदान किए कर्ज़ों में से सबसे अधिक डूबे हुए कर्ज़ भी इसी क्षेत्र के होने की बात सामने आ रही है। वर्ष २०२१ में चीन की कंपनियों ने बकाया कर्ज़ और ब्याज की राशि तकरीबन ९ अरब डॉलर्स है और इसका ३४ प्रतिशत हिस्सा रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों का है। इस पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं ने रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों का पतमानांकन कम करना शुरू किया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था और विश्‍लेषकों ने नए संकट के इशारे देना भी शुरू किया है।

‘एवरग्रैण्ड’ दिवालिया होने पर बांड़ के बाज़ार में अराजकता जैसी स्थिति निर्माण होगी, यह इशारा ब्रिटीश विश्‍लेषकों ने दिया है। अमरीका की ‘द स्ट्रीट’ नामक वेबसाईट ने यह दावा किया है कि, ‘एवरग्रैण्ड’ का संकट चीन के लिए ‘लेहमन मुमेन्ट’ (अमरीका और विश्‍व पर २००८ में आए आर्थिक संकट) की शुरूआत होगी। तो, अमरिकी निवेषक और विश्‍लेषक जिम चैनोस ने यह ड़र जताया था कि, ‘एवरग्रैण्ड’ का संकट अमरीका के ‘लेहमन ब्रदर्स’ से अधिक बड़ा झटका देनेवाला हो सकता है।

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