रशिया ने यूक्रेन पर मिसाइल हमलों का दायरा बढ़ाया

मास्को/किव – रशिया के यूक्रेन पर हमलों का तकरीबन 143 देशों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में निषेध किया था। इस दौरान 35 देशों ने रशिया के पक्ष या विरोध में मतदान करने के बजाय तटस्थ रहने का निर्णय लिया। संयुक्त राष्ट्रसंघ के इस प्रस्ताव पर रशिया ने तीव्र आलोचना की है। साथ ही यूक्रेन के 40 से अधिक शहरों पर रशिया ने मिसाइल्स दागी हैं। इसके लिए रशिया ने ईरान के बने कामाकाज़ी ड्रोन्स का इस्तेमाल करने का वृत्त है। रशिया के इस हमले की तीव्र गूंज सुनाई पड़ी है।

यूक्रेन पर

सोमवार को यूक्रेन की राजधानी किव समेत इस देश के अन्य शहरों पर रशिया ने जोरदार मिसाइल हमले किए थे। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार रशिया ने यूक्रेन पर इतना भीषण हमला किया है, यह दावा किया जा रहा है। इन हमलों में यूक्रेन के शहर और वहां की बुनियादी सुविधाओं का बड़ा नुकसान होने की खबरें प्राप्त हुईं थीं। यूक्रेन पर हमला करके नौं महीने बीतने के बावजूद रशिया ने अभी इस जंग में अपनी सैन्य क्षमता का इस्तेमाल नहीं किया है, ऐसे दावे कुछ लोगों ने पहले ही किए थे। लेकिन, सोमवार के मिसाइल हमलों के ज़रिये रशिया ने यूक्रेन को अपने सामर्थ्य का अहसास कराया है।

यूक्रेन हमले का पहला एपिसोड़ अब शुरू ही कहां हुआ है, ऐसा बयान रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने किया था। साथ ही आनेवाले समय में भी यूक्रेन पर ऐसे भीषण हमले होते रहेंगे, ऐसा दावा मेदवेदेव ने किया था। इसके बाद फिर से यूक्रेन के 40 से अधिक शहरों को रशिया ने अपने मिसाइल्स और कामाकाज़ी ड्रोन्स हमलों से लक्ष्य किया। इन शहरों की यातायात की सुविधा हमलों से प्रभावित होने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए रशिया ने ईरान में बने कामाकाज़ी ड्रोन्स का इस्तेमाल करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। यूक्रेन ने पहले ही रशिया को यह ड्रोन प्रदान करने पर ईरान को चेतावनी दी थी। इस वजह से यूक्रेन और यूक्रेन का देनेवाली पश्चिमी देशों के साथ ईरान के संबंधों में अधिक तनाव निर्माण हुआ है।

यूक्रेन पर

इसी बीच हमारी वायुसेना ने भी रशिया के 25 टार्गेटस्‌‍ पर 32 हमले किए, ऐसी जानकारी यूक्रेनी रक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी ने साझा की। लेकिन, इसका पूरा ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है। रशिया इस तरह से मिसाइल हमले कर रही थी, तब यूक्रेन ने अमरीका और नाटो सदस्य देशों के सामने हवाई सुरक्षा यंत्रणा की माँग की है। यह माँग पूरी होगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही यूक्रेन का नाटो में समावेश होने की चर्चा फिर से शुरू हुई है। लेकिन, यूक्रेन का नाटो में शामिल होना इस युद्ध को तीसरे विश्वयुद्ध में तब्दील करेगा, ऐसी चेतावनी रशिया की सिक्युरिटी काऊन्सिल के उप-सचिव ने दी है।

रशिया ने यूक्रेन के चार शहरों पर कब्ज़ा करके इन्हें रशियन संघराज्य का हिस्सा बनाने का ऐलान किया और इसके बाद यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता पाने की गतिविधियाँ शुरू की थीं। लेकिन, यूक्रेन को नाटो में शामिल कराने पर अब तक नाटो के सभी सदस्य देश एकमत नहीं हुए हैं। ऐसी स्थिति में रशिया द्वारा यूक्रेन और नाटो को दी जा रही चेतावनी यूरोप का माहौल अधिक विस्फोटक बना रही है। इसी बीच रशिया ने यूक्रेन पर मिसाइल हमले करके इस युद्ध का पलड़ा फिर से घुमाया है और इसकी वजह से यूक्रेन का साथ दे रहे अमरीका और नाटो में बेचैनी निर्माण हुई है। क्योंकि, मिसाइल हमलों के सामने यूक्रेन ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा, इसका अहसास अमरीका और नाटो को होने की बात दिख रही है। ऐसी स्थिति में यूक्रेनी सेना का मनोबल बरकरार रखने के लिए अमरीका और नाटो की कोशिशें जारी हैं।

English     मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info